"बौद्ध दर्शन": अवतरणों में अंतर
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'''बौद्ध दर्श्न''' से अभिप्राय उस [[दर्शन]] से है जो [[महात्मा बुद्ध]] के निर्वाण के बाद बौद्ध धर्म के विभिन्न सम्प्रदायों द्वारा विकसित किया गया और बाद में पूरे एशिया में उसका प्रसार हुआ। 'दुःख से मुक्ति' बौद्ध धर्म का सदा से मुख्य ध्येय रहा है। कर्म, ध्यान एवं प्रज्ञा इसके साधन रहे हैं। |
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11:32, 20 जून 2016 का अवतरण
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बौद्ध दर्श्न से अभिप्राय उस दर्शन से है जो महात्मा बुद्ध के निर्वाण के बाद बौद्ध धर्म के विभिन्न सम्प्रदायों द्वारा विकसित किया गया और बाद में पूरे एशिया में उसका प्रसार हुआ। 'दुःख से मुक्ति' बौद्ध धर्म का सदा से मुख्य ध्येय रहा है। कर्म, ध्यान एवं प्रज्ञा इसके साधन रहे हैं।
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- बौद्ध दर्शन के मूल सिद्धांत (वेबदुनिया)
- बौद्ध दर्शन
- सनातन दर्शन का बौद्ध धर्म पर प्रभाव (चौथी दुनिया)
- Sarunya Prasopchingchana & Dana Sugu, 'Distinctiveness of the Unseen Buddhist Identity' ([1]International Journal of Humanistic Ideology, Cluj-Napoca, Romania, vol. 4, 2010)
- Buddhism in a Nutshell
- The story of Sengé Dradrok From A Great Treasure of Blessings, page 30:
Guru Rinpoche challenged and defeated five hundred upholders of wrong views in debate at Bodhgaya. He reversed their magic with the aid of a wrathful mantra given him by the lion-faced dakini Marajita. He is known as Sengé Dradok, 'The Lion's Roar'.