"आकाशगंगा": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Center of the Milky Way Galaxy IV – Composite.jpg|thumb|आकाशगंगा के केंद्र की तस्वीर।]]
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[[चित्र:Phot-08a-99-hires.jpg|thumb|ऍन॰जी॰सी॰ १३६५ (एक [[सर्पिल गैलेक्सी]]) - अगर आकाशगंगा की दो मुख्य भुजाएँ हैं जो उसका आकार इस जैसा होगा।]]
[[चित्र:Phot-08a-99-hires.jpg|thumb|ऍन॰जी॰सी॰ १३६५ (एक [[सर्पिल गैलेक्सी]]) - अगर आकाशगंगा की दो मुख्य भुजाएँ हैं जो उसका आकार इस जैसा होगा।]]
[[File:Heavens Above Her.jpg|thumb| आकाशगंगा के नीचे खड़ी एक महिला - कैलिफोर्निया में लिया गया एक चित्र
[[File:Heavens Above Her.jpg|thumb| आकाशगंगा के नीचे खड़ी एक महिला - कैलिफोर्निया में लिया गया एक चित्र '''मिल्की वे''', '''क्षीरमार्ग''' या '''मन्दाकिनी''' हमारी आकाशगंगा [[गैलेक्सी]] को कहते हैं, जिसमें [[पृथ्वी]] और हमारा [[सौर मण्डल]] स्थित है। हमारी आकाशगंगा आकृति में एक [[सर्पिल गैलेक्सी|सर्पिल (स्पाइरल) गैलेक्सी]] है, जिसका एक बड़ा केंद्र है और उस से निकलती हुई कई वक्र भुजाएँ। हमारा सौर मण्डल इसकी [[शिकारी-हन्स भुजा]] (ओरायन-सिग्नस भुजा) पर स्थित है। आकाशगंगा में १०० अरब से ४०० अरब के बीच [[तारे]] हैं और अनुमान लगाया जाता है कि लगभग ५० अरब [[ग्रह]] होंगे, जिनमें से ५० करोड़ अपने तारों से जीवन-योग्य तापमान रखने की दूरी पर हैं।<ref>{{cite news|last=Borenstein|first=Seth|archivedate=2011-02-21|date=2011-02-19|archiveurl=http://www.webcitation.org/5wg3VVKg4|url=http://www.washingtonpost.com/wp-dyn/content/article/2011/02/19/AR2011021902211.html|title=Cosmic census finds crowd of planets in our galaxy|agency=[[Associated Press]]|newspaper=[[The Washington Post]]}}</ref> सन् २०११ में होने वाले एक सर्वेक्षण में यह संभावना पायी गई कि इस अनुमान से अधिक ग्रह हों - इस अध्ययन के अनुसार आकाशगंगा में तारों की संख्या से दुगने ग्रह हो सकते हैं।<ref>{{cite web|url=http://planetquest.jpl.nasa.gov/news/freePlanet.cfm|title=Free-Floating Planets May be More Common Than Stars|date=2011-02-18|publisher=NASA's Jet Propulsion Laboratory|location=Pasadena, CA|quote=The team estimates there are about twice as many of them as stars.}}</ref> हमारा सौर मण्डल आकाशगंगा के बाहरी इलाक़े में स्थित है और आकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा कर रहा है। इसे एक पूरी परिक्रमा करने में लगभग २२.५ से २५ करोड़ वर्ष लग जाते हैं।
'''मिल्की वे''', '''क्षीरमार्ग''' या '''मन्दाकिनी''' हमारी आकाशगंगा [[गैलेक्सी]] को कहते हैं, जिसमें [[पृथ्वी]] और हमारा [[सौर मण्डल]] स्थित है। हमारी आकाशगंगा आकृति में एक [[सर्पिल गैलेक्सी|सर्पिल (स्पाइरल) गैलेक्सी]] है, जिसका एक बड़ा केंद्र है और उस से निकलती हुई कई वक्र भुजाएँ। हमारा सौर मण्डल इसकी [[शिकारी-हन्स भुजा]] (ओरायन-सिग्नस भुजा) पर स्थित है। आकाशगंगा में १०० अरब से ४०० अरब के बीच [[तारे]] हैं और अनुमान लगाया जाता है कि लगभग ५० अरब [[ग्रह]] होंगे, जिनमें से ५० करोड़ अपने तारों से जीवन-योग्य तापमान रखने की दूरी पर हैं।<ref>{{cite news|last=Borenstein|first=Seth|archivedate=2011-02-21|date=2011-02-19|archiveurl=http://www.webcitation.org/5wg3VVKg4|url=http://www.washingtonpost.com/wp-dyn/content/article/2011/02/19/AR2011021902211.html|title=Cosmic census finds crowd of planets in our galaxy|agency=[[Associated Press]]|newspaper=[[The Washington Post]]}}</ref> सन् २०११ में होने वाले एक सर्वेक्षण में यह संभावना पायी गई कि इस अनुमान से अधिक ग्रह हों - इस अध्ययन के अनुसार आकाशगंगा में तारों की संख्या से दुगने ग्रह हो सकते हैं।<ref>{{cite web|url=http://planetquest.jpl.nasa.gov/news/freePlanet.cfm|title=Free-Floating Planets May be More Common Than Stars|date=2011-02-18|publisher=NASA's Jet Propulsion Laboratory|location=Pasadena, CA|quote=The team estimates there are about twice as many of them as stars.}}</ref> हमारा सौर मण्डल आकाशगंगा के बाहरी इलाक़े में स्थित है और आकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा कर रहा है। इसे एक पूरी परिक्रमा करने में लगभग २२.५ से २५ करोड़ वर्ष लग जाते हैं।


== नाम ==
== नाम ==

12:50, 10 जून 2016 का अवतरण

आकाशगंगा

आकाशगंगा (हमारी गैलेक्सी) का एक काल्पनिक चित्र जिसपर कुछ भुजाओं के नाम लिखे हुए हैं - हम इसकी एक भुजा में स्थित हैं इसलिए ऐसा दृश्य वास्तव में नहीं देख सकते, हालांकि वैज्ञानिक रूप से हम जानते हैं की नज़ारा ऐसा ही होगा।
आंकड़े
प्रकार वर्जित सर्पिल गैलेक्सी
व्यास 100–120 किलोप्रकाश-वर्ष (31–37 किलोपारसेक)
मोटाई 1.0 किलोप्रकाश-वर्ष (0.31 किलोपारसेक)
तारों की संख्या 300 ± 100 अरब
ज्ञात सबसे पुराना तारा 13.2 Gyr
वजन 1.0–1.5×1012 M
सूर्य से दूरी 27.2 ± 1.1 किलोप्रकाश-वर्ष (8.34 ± 0.34 किलोपारसेक)
स्पिट्ज़र अंतरिक्ष दूरबीन से ली गयी आकाशगंगा के केन्द्रीय भाग की इन्फ़्रारेड प्रकाश की तस्वीर।
अलग रंगों में आकाशगंगा की विभिन्न भुजाएँ।
आकाशगंगा के केंद्र की तस्वीर।
ऍन॰जी॰सी॰ १३६५ (एक सर्पिल गैलेक्सी) - अगर आकाशगंगा की दो मुख्य भुजाएँ हैं जो उसका आकार इस जैसा होगा।

[[File:Heavens Above Her.jpg|thumb| आकाशगंगा के नीचे खड़ी एक महिला - कैलिफोर्निया में लिया गया एक चित्र

मिल्की वे, क्षीरमार्ग या मन्दाकिनी हमारी आकाशगंगा गैलेक्सी को कहते हैं, जिसमें पृथ्वी और हमारा सौर मण्डल स्थित है। हमारी आकाशगंगा आकृति में एक सर्पिल (स्पाइरल) गैलेक्सी है, जिसका एक बड़ा केंद्र है और उस से निकलती हुई कई वक्र भुजाएँ। हमारा सौर मण्डल इसकी शिकारी-हन्स भुजा (ओरायन-सिग्नस भुजा) पर स्थित है। आकाशगंगा में १०० अरब से ४०० अरब के बीच तारे हैं और अनुमान लगाया जाता है कि लगभग ५० अरब ग्रह होंगे, जिनमें से ५० करोड़ अपने तारों से जीवन-योग्य तापमान रखने की दूरी पर हैं।[1] सन् २०११ में होने वाले एक सर्वेक्षण में यह संभावना पायी गई कि इस अनुमान से अधिक ग्रह हों - इस अध्ययन के अनुसार आकाशगंगा में तारों की संख्या से दुगने ग्रह हो सकते हैं।[2] हमारा सौर मण्डल आकाशगंगा के बाहरी इलाक़े में स्थित है और आकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा कर रहा है। इसे एक पूरी परिक्रमा करने में लगभग २२.५ से २५ करोड़ वर्ष लग जाते हैं।

नाम

संस्कृत और कई अन्य हिन्द-आर्य भाषाओँ में हमारी गैलॅक्सी को "आकाशगंगा" कहते हैं।[3][4] पुराणों में आकाशगंगा और पृथ्वी पर स्थित गंगा नदी को एक दुसरे का जोड़ा माना जाता था और दोनों को पवित्र माना जाता था। प्राचीन हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में आकाशगंगा को "क्षीर" (यानि दूध) बुलाया गया है।[5] भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर भी कई सभ्यताओं को आकाशगंगा दूधिया लगी। "गैलॅक्सी" शब्द का मूल यूनानी भाषा का "गाला" (γάλα) शब्द है, जिसका अर्थ भी दूध होता है। फ़ारसी संस्कृत की ही तरह एक हिन्द-ईरानी भाषा है, इसलिए उसका "दूध" के लिए शब्द संस्कृत के "क्षीर" से मिलता-जुलता सजातीय शब्द "शीर" है और आकाशगंगा को "राह-ए-शीरी" (راه شیری‎) बुलाया जाता है। अंग्रेजी में आकाशगंगा को "मिल्की वे" (Milky Way) बुलाया जाता है, जिसका अर्थ भी "दूध का मार्ग" ही है।

कुछ पूर्वी एशियाई सभ्यताओं ने "आकाशगंगा" शब्द की तरह आकाशगंगा में एक नदी देखी। आकाशगंगा को चीनी में "चांदी की नदी" (銀河) और कोरियाई भाषा में भी "मिरिनाए" (미리내, यानि "चांदी की नदी") कहा जाता है।

आकार

आकाशगंगा एक सर्पिल (अंग्रेज़ी में स्पाइरल) गैलेक्सी है। इसके चपटे चक्र का व्यास (डायामीटर) लगभग १,००,००० (एक लाख) प्रकाश-वर्ष है लेकिन इसकी मोटाई केवल १,००० (एक हज़ार) प्रकाश-वर्ष है।[6] आकाशगंगा कितनी बड़ी है इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है के अगर हमारे पूरे सौर मण्डल के चक्र के क्षेत्रफल को एक रुपये के सिक्के जितना समझ लिया जाए तो उसकी तुलना में आकाशगंगा का क्षेत्रफल भारत का डेढ़ गुना होगा।

अंदाज़ा लगाया जाता है के आकाशगंगा में कम-से-कम १ खरब (यानि १०,००० करोड़) तारे हैं, लेकिन संभव है कि यह संख्या ४ खरब तक हो।[7][8] तुलना के लिए हमारी पड़ोसी गैलेक्सी एण्ड्रोमेडा में १० खरब तारे हो सकते हैं।[9] एण्ड्रोमेडा का आकार भी सर्पिल है। आकाशगंगा के चक्र की कोई ऐसी सीमा नहीं है जिसके बाद तारे एकदम न हों, बल्कि सीमा के पास तारों का घनत्व धीरे-धीरे कम होता जाता है। देखा गया है के केंद्र से ४०,००० प्रकाश वर्षों की दूरी के बाद तारों का घनत्व तेज़ी से कम होने लगता है। वैज्ञानिक इसका कारण अभी ठीक से समझ नहीं पाए हैं। मुख्य भुजाओं के बाहर एक अन्य गैलेक्सी से अरबो सालों के काल में छीने गए तारों का छल्ला है, जिसे इकसिंगा छल्ला (मोनोसॅरॉस रिन्ग) कहते हैं। आकाशगंगा के इर्द-गिर्द एक गैलेक्सीय सेहरा भी है, जिसमें तारे और प्लाज़्मा गैस कम घनत्व में मौजूद है, लेकिन इस सेहरे का आकार आकाशगंगा की दो मॅजलॅनिक बादल (Magellanic Clouds) नाम की उपग्रहीय गैलेक्सियों के कारण सीमित है।

भुजाएँ

क्योंकि मानव आकाशगंगा के चक्र के भीतर स्थित हैं, इसलिए हमें इसकी सही आकृति का अचूक अनुमान नहीं लगा पाए हैं। हम पूरे आकाशगंगा के चक्र और उसकी भुजाओं को देख नहीं सकते। हमें हज़ारों अन्य गैलेक्सियों का पूरा दृश्य आकाश में मिलता है जिस से हमें गैलेक्सियों की भिन्न श्रेणियों का पता है। आकाशगंगा का अध्ययन करने के बाद हम केवल अनुमान लगा सकते हैं के यह सर्पिल श्रेणी की गैलेक्सी है। लेकिन यह पता लगाना बहुत कठिन है के आकाशगंगा की कितनी मुख्य और कितनी क्षुद्र भुजाएँ हैं। ऊपर से यह भी देखा गया है के अन्य सर्पिल गैलेक्सियों में भुजाएँ कभी-कभी अजीब दिशाओं में मुड़ी हुई होती हैं या फिर विभाजित होकर उपभुजाएँ बनती हैं।[10][11][12] इन पेचीदगियों की वजह से वैज्ञानिकों में भुजाओं के आकार को लेकर मतभेद है। २००८ तक माना जाता था के आकाशगंगा की चार मुख्य भुजाएँ हैं और कम-से-कम दो छोटी भुजाएँ हैं, जिनमें से एक शिकारी-हन्स (या ओरायन-सिग्नस) भुजा है जिसपर हमारा सौर मंडल स्थित है। दाएँ पर स्थित एक चित्र में विभिन्न भुजाएँ अलग-अलग रंगों में दर्शाई गयी हैं -

रंग भुजा या भुजाएँ
नीला परसीयस भुजा
जमुनी नोरमा भुजा और बाहरी भुजा
हरा स्कूटम-सॅन्टॉरस भुजा
गुलाबी कैरीना-सैजीटेरियस भुजा
कम-से-कम दो अन्य छोटी भुजाएँ भी हैं, जिनमें से एक यह है:
नारंगी ओरायन-सिग्नस भुजा (जिसमें सूरज और सौर मण्डल मौजूद हैं)

२००८ में विस्कोंसिन विश्वविद्यालय के रॉबर्ट बॅन्जमिन ने अपने अनुसंधान का नतीजा घोषित करते हुए दावा किया के दरअसल आकाशगंगा की केवल दो मुख्य भुजाएँ हैं - परसीयस भुजा और स्कूटम-सॅन्टॉरस भुजा - और बाक़ी सारी छोटी भुजाएँ हैं। अगर यह सच है तो आकाशगंगा का आकार एण्ड्रोमेडा से अलग और ऍन॰जी॰सी॰ १३६५ नाम की सर्पिल गैलेक्सी जैसा होगा।[13][14]

बनावट

१९९० के दशक तक वैज्ञानिक समझा करते थे के आकाशगंगा का घना केन्द्रीय भाग एक गोले के अकार का है, लेकिन फिर उन्हें शक़ होने लगा के उसका आकार एक मोटे डंडे की तरह है।[15] २००५ में स्पिट्ज़र अंतरिक्ष दूरबीन से ली गयी तस्वीरों से स्पष्ट हो गया के उनकी आशंका सही थी: आकाशगंगा का केंद्र वास्तव में गोले से अधिक खिंचा हुआ एक डंडेनुमा आकार निकला।[16]

आयु

२००७ में आकाशगंगा में एक "एच॰ई॰ १५२३-०९०१" नाम के तारे की आयु १३.२ अरब साल अनुमानित की गयी, इसलिए आकाशगंगा कम-से-कम उतना पुराना तो है ही।

उपग्रहीय गैलेक्सियाँ

दो गैलेक्सियाँ, जिन्हें बड़ा और छोटा मॅजलॅनिक बादल कहा जाता है, आकाशगंगा की परिक्रमा कर रहीं हैं।[17] आकाशगंगा की और भी उपग्रहीय गैलेक्सियाँ हैं।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Borenstein, Seth (2011-02-19). "Cosmic census finds crowd of planets in our galaxy". The Washington Post. Associated Press. मूल से 2011-02-21 को पुरालेखित.
  2. "Free-Floating Planets May be More Common Than Stars". Pasadena, CA: NASA's Jet Propulsion Laboratory. 2011-02-18. The team estimates there are about twice as many of them as stars.
  3. A M T Jackson, R.E. Enthoven (1989). Folk Lore Notes. Asian Educational Services. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 8120604857. ... According to the Puranas, the milky way or akashganga is the celestial River Ganga which was brought down by Bhagirath ...
  4. Hormusjee Shapoorjee Spencer (1965). The Aryan ecliptic cycle: glimpses into ancient Indo-Iranian religious history from 25628 B.C. to 292 A.D. H.P. Vaswani. ... There are two "Gangas"—one terrestrial and the other "akashic" or celestial ... bear reference only to the "Akash Ganga" which is the Milky Way ...
  5. Edward C. Sachau (2001). Alberuni's India: an account of the religion, philosophy, literature, geography, chronology, astronomy, customs, laws and astrology of India about A.D. 1030. Routledge. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780415244978. ... revolves around Kshira, i.e. the Milky Way ...
  6. Christian, Eric; Safi-Harb, Samar. "How large is the Milky Way?". NASA: Ask an Astrophysicist. अभिगमन तिथि 2007-11-28.
  7. Sanders, Robert (January 9, 2006). "Milky Way Galaxy is warped and vibrating like a drum". UCBerkeley News. अभिगमन तिथि 2006-05-24.
  8. Frommert, H.; Kronberg, C. (August 25, 2005). "The Milky Way Galaxy". SEDS. अभिगमन तिथि 2007-05-09.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
  9. Young, Kelly (2006-06-06). "Andromeda galaxy hosts a trillion stars". NewScientist. अभिगमन तिथि 2006-06-08.
  10. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  11. Majaess; Turner; Lane (2009). "Searching Beyond the Obscuring Dust Between the Cygnus-Aquila Rifts for Cepheid Tracers of the Galaxy's Spiral Arms". arXiv:0909.0897 [astro-ph.GA].
  12. Lepine; Roman-Lopes; Zulema Abraham; Junqueira; Mishurov (2010). "The spiral structure of the Galaxy revealed by CS sources and evidence for the 4:1 resonance". arXiv:1010.1790 [astro-ph.GA].
  13. Benjamin, R. A. (2008). "The Spiral Structure of the Galaxy: Something Old, Something New...". In Beuther, H.; Linz, H.; Henning, T. (ed.). Massive Star Formation: Observations Confront Theory. 387. Astronomical Society of the Pacific Conference Series. pp. 375. http://www.space.com/scienceastronomy/080603-aas-spiral-arms.html. 
  14. Bryner, Jeanna (2008-06-03). "New Images: Milky Way Loses Two Arms". Space.com. अभिगमन तिथि 2008-06-04.
  15. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  16. McKee, Maggie (August 16, 2005). "Bar at Milky Way's heart revealed". New Scientist.
  17. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर