"वार्ता:शोर का अल्गोरिद्म": अवतरणों में अंतर

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:::::: {{ping|Hindustanilanguage}} जी, धन्यवाद, 1) मैं अगली बार इसका जरूर प्रयोग करूँगा। </br> 2) मुझे लग रहा है कि आप मेरी बात शायद समझे नहीं। समस्या उन्हें पुस्तक देने की नहीं है। समस्या ये है कि वे मानते नहीं की पुस्तक में लिखी बात और मेरे द्वारा लेख में लिखी बात का एक ही अर्थ है। उदाहरण के लिए, मैंने लेख में लिखा है "कंप्यूटर विज्ञान में पोलीनोमिअल टाइम में उत्तर देने वाले अल्गोरिद्मों को तेज माना जाता है"। तो अनुनाद जी बोलेंगे कि कोई पुस्तक दिखाओ जिसमें लिखा हो "In computer science, polynomial time algorithms are considered fast". उन्हें पुस्तक में exactly यही लाइन चाहिए होती है। अगर पुस्तक में exactly ये लाइन नहीं है, पर यही बात अलग शब्दों में लिखी गई है तो वे कहेंगे कि पुस्तक में दी गई बात का अर्थ वो नहीं है जो मैं कह रहा हूँ। --[[सदस्य:Gaurav561|गौरव]] ([[सदस्य वार्ता:Gaurav561|वार्ता]]) 19:12, 6 अप्रैल 2016 (UTC)
:::::: {{ping|Hindustanilanguage}} जी, धन्यवाद, 1) मैं अगली बार इसका जरूर प्रयोग करूँगा। </br> 2) मुझे लग रहा है कि आप मेरी बात शायद समझे नहीं। समस्या उन्हें पुस्तक देने की नहीं है। समस्या ये है कि वे मानते नहीं की पुस्तक में लिखी बात और मेरे द्वारा लेख में लिखी बात का एक ही अर्थ है। उदाहरण के लिए, मैंने लेख में लिखा है "कंप्यूटर विज्ञान में पोलीनोमिअल टाइम में उत्तर देने वाले अल्गोरिद्मों को तेज माना जाता है"। तो अनुनाद जी बोलेंगे कि कोई पुस्तक दिखाओ जिसमें लिखा हो "In computer science, polynomial time algorithms are considered fast". उन्हें पुस्तक में exactly यही लाइन चाहिए होती है। अगर पुस्तक में exactly ये लाइन नहीं है, पर यही बात अलग शब्दों में लिखी गई है तो वे कहेंगे कि पुस्तक में दी गई बात का अर्थ वो नहीं है जो मैं कह रहा हूँ। --[[सदस्य:Gaurav561|गौरव]] ([[सदस्य वार्ता:Gaurav561|वार्ता]]) 19:12, 6 अप्रैल 2016 (UTC)
::::::: {{सुनो|अनुनाद सिंह}} जी, कृपया एक जोशीले नवयुवक से ऐसे कठोर अन्दाज़ में व्यव्हार मत कीजिए। --[[सदस्य:Hindustanilanguage|मुज़म्मिल]] ([[सदस्य वार्ता:Hindustanilanguage|वार्ता]]) 19:27, 6 अप्रैल 2016 (UTC)
::::::: {{सुनो|अनुनाद सिंह}} जी, कृपया एक जोशीले नवयुवक से ऐसे कठोर अन्दाज़ में व्यव्हार मत कीजिए। --[[सदस्य:Hindustanilanguage|मुज़म्मिल]] ([[सदस्य वार्ता:Hindustanilanguage|वार्ता]]) 19:27, 6 अप्रैल 2016 (UTC)

: {{सुनो|Gaurav561}} गौरव जी, अब आपको रिफरेन्स नहीं मिल रहे हैं तो भाग रहे हैं और अनाप शनाप आरोप लगा रहे हैं, चर्चा को विचलित करने का प्रयत्न कर रहे हैं। आपने जो लिखा है वह कोई ग्रीक या जर्मन नहीं है। बहुत सरल अंग्रेजी में है। किन्तु जिस चीज की अपेक्षा की जा रही है उसमें वैसा कुछ भी नहीं है। गौरव जी नौवीं-दसवीं कक्षा में ही 'पार्टिक्युलर केस' और 'जनरल केस' की बात छात्रों को बता दी जाती है। लगता है आप उसे भी भूल गये हैं, जरा देख लीजियेगा।--[[सदस्य:अनुनाद सिंह|अनुनाद सिंह]] ([[सदस्य वार्ता:अनुनाद सिंह|वार्ता]]) 03:49, 7 अप्रैल 2016 (UTC)

03:49, 7 अप्रैल 2016 का अवतरण

यह पृष्ठ शोर का अल्गोरिद्म लेख के सुधार पर चर्चा करने के लिए वार्ता पन्ना है। यदि आप अपने संदेश पर जल्दी सबका ध्यान चाहते हैं, तो यहाँ संदेश लिखने के बाद चौपाल पर भी सूचना छोड़ दें।

लेखन संबंधी नीतियाँ

पॉलीनॉमियल टाइम

क्या 'पॉलीनॉमियल टाइम में' का गैर-तकनीकी अर्थ 'कम समय में' है?--अनुनाद सिंह (वार्ता) 09:56, 5 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]

@अनुनाद सिंह: In computer science, polynomial time is used to capture the notion of efficient/fast/feasible computation (इस पुस्तक के पृष्ठ p1.17 (27) से p1.20 (30) देखिए)। इसमें आपको पोलीनोमिअल टाइम की परिभाषा भी मिल जाएगी। --गौरव (वार्ता) 12:10, 5 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Gaurav561: गौरव जी, यह वाक्य इस पुस्तक में हूबहू उपस्थित है या यह वाक्य आपने निष्कर्ष के रूप में लिखा है? यदि हूबहू है तो किस पृष्ट पर, ऊपर, नीचे या बीच में?--अनुनाद सिंह (वार्ता) 12:40, 5 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@अनुनाद सिंह: जी, नीचे दिए गए वाक्य इस पुस्तक से हूबहू लिए गए हैं:
1. The class P consists of all decision problems that are solvable by Turing machine in polynomial time. We say that problems in P are efficiently solvable. (पृष्ठ p1.20 (30) अनुभाग "What have we learned?" में चौथा पॉइंट) Turing machines कंप्यूटर के equivalent होती है। अगर आपको इसका सन्दर्भ चाहिए, तो बताइए।
2. The class P is felt to capture the notion of decision problems with “feasible” decision procedures. (पृष्ठ p1.17 (27), अनुभाग "On the philosophical importance of P" की पहली पंक्ति)
@अनुनाद सिंह: जी, अगर आपको यह सरल शब्दों में समझना है, तो Wolfram Alpha पर देख सकते हैं। देखने के लिए इस लिंक पर जाएँ। --गौरव (वार्ता) 13:10, 5 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Gaurav561: गौरव जी, फिर लौट कर वहीं आते हैं। यह कहीं नहीं लिखा है कि पॉलीनॉमियल टाइम अल्गोरिद्म का अर्थ 'कम समय में हल निकालने वाला अल्गोरिद्म' । क्या आप अब भी मानते हैं कि आपने सही लिखा है? आपने 'प्पॉलीनॉमिअल टाइम' की परिभाषा इसके पहले पढ़ी होगी। शायद आप भूल तो नहीं गये हैं?--अनुनाद सिंह (वार्ता) 13:20, 5 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@अनुनाद सिंह: जी, Wolfram Alpha पर यह परिभाषा दी गई है। यह देख लीजिए।
An algorithm is said to be solvable in polynomial time if the number of steps required to complete the algorithm for a given input is O(n^k) for some nonnegative integer k, where n is the complexity of the input. Polynomial-time algorithms are said to be "fast." --गौरव (वार्ता) 13:27, 5 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Gaurav561: गौरव जी, क्या, क्या यहाँ कहा गया है कि 'पोलीनोमिअल टाइम' = 'कम समय के लिए तकनीकी शब्द' ? --अनुनाद सिंह (वार्ता) 13:38, 5 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@अनुनाद सिंह: जी, तो आप ही मुझे समझा दीजिए कि Polynomial time algorithm = fast algorithm का क्या अर्थ है? --गौरव (वार्ता) 13:44, 5 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Gaurav561: गौरव जी, आप हम सबको बता चुके हैं कि अल्गोरिद्म और कम्बिनेटोरिक्स पर आपकी विशेषज्ञता है। अब आप बताइये कि इतनी छोटी सी चीज को आप हमे समझायेंगे या हम आपको? और, कहाँ लिखा है कि 'Polynomial time algorithm = fast algorithm' ? इस वाक्य में - 'Polynomial-time algorithms are said to be "fast." ' -- फास्ट का कोटेशन मार्क में रखने का रहस्य क्या है?--अनुनाद सिंह (वार्ता) 13:51, 5 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]

┌─────────────────────────────────┘
@अनुनाद सिंह: जी, ये कोई प्रकृति का नियम नहीं है कि polynomial time algorithm = fast algorithm और non-polynomial time algorithm = slow algorithm. ये लाइन कह रही है कि कंप्यूटर विज्ञान में Polynomial time algorithm को fast algorithm माना जाता है और non-polynomial time algorithm को slow algorithm माना जाता है। --गौरव (वार्ता) 14:08, 5 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]

@Gaurav561: गौरव जी, चलिये आप मान गये कि यह लाइन यह कह रही है कि Polynomial time algorithm को fast algorithm माना जाता है, न कि, 'पोलीनोमिअल टाइम' = 'कम समय के लिए तकनीकी शब्द' । क्या अब आप अपने लिखे को संशोधित करना चाहेंगे? कोटेशन मार्क वाला रहस्य आपने नहीं बताया!--अनुनाद सिंह (वार्ता) 14:17, 5 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@अनुनाद सिंह: जी, मैंने चौपाल पर एक सन्देश छोड़ा है। बाकि सदस्यों से भी पूछ लेते हैं कि उन्हें इस वाक्य से क्या समझ आ रहा है। --गौरव (वार्ता) 14:27, 5 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Gaurav561: गौरव जी, अच्छा है कि दूसरे लोगों की भी राय ले ली जाय। पर आपकी राय क्या है? क्या 'पोलीनोमिअल टाइम' , 'कम समय' के लिए तकनीकी शब्द है? क्या आप यह कहना चाहते हैं कि बेमतलब ही भारी भरकम तकनीकी शब्द प्रयोग कर दिया है, 'पोलीनोमिअल टाइम' के स्थान पर 'कम समय' भी लिखा जा सकता था। आपकी राय अधिक मायने रखती है क्योंकि आप अल्गोरिदम में विशेषज्ञता रखते हैं।--अनुनाद सिंह (वार्ता) 14:41, 5 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
अंग्रेज़ी परिभाषा जो यहाँ देखी जा सकती है: An algorithm is said to be solvable in polynomial time if the number of steps required to complete the algorithm for a given input is O(n^k) for some nonnegative integer k, where n is the complexity of the input. Polynomial-time algorithms are said to be "fast." Most familiar mathematical operations such as addition, subtraction, multiplication, and division, as well as computing square roots, powers, and logarithms, can be performed in polynomial time. Computing the digits of most interesting mathematical constants, including pi and e, can also be done in polynomial time. "Polynomial" शब्द का अर्थ "बहुपद" जैसा कि यहाँ देखा जा सकता है। "कम समय" से कहीं अधिक ज़ोर कई चरणों पर लगता है। --मुज़म्मिल (वार्ता) 17:39, 5 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
मुझे तो विवाद ही समझ में नहीं आया। यहाँ बिना विवाद ही बहस चल रही है। दोनों लोग एक ही बात कह रहे हैं और विरोध भी कर रहे हैं।☆★संजीव कुमार (✉✉) 17:46, 5 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]

┌─────────────────────────────────┘
@संजीव कुमार: जी, अनुनाद सिंह जी मेरे बनाए कंप्यूटर विज्ञान सम्बन्धी लेखों में पहले किसी चीज़ की परिभाषा और संदर्भ पूछते हैं। जब सन्दर्भ दिया जाता है, तो कहते हैं की मैंने गलत परिभाषा लिखी है या मुझे चीजें समझ में नहीं आई। और वार्ता इस तरह ही चलती रहती है (ऐसा पहले इस चर्चा में भी हुआ था) इसलिए मैं दूसरे सदस्यों से पूछ रहा था कि क्या उन्हें भी लेख में समस्याएँ लग रही हैं, या केवल अनुनाद सिंह जी को ही। --गौरव (वार्ता) 18:06, 5 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]

@Hindustanilanguage: जी, उत्तर देने के लिए धन्यवाद मुज़म्मिल जी।

  1. कंप्यूटर विज्ञान से सम्बंधित लेख मैं एक layman के लिए लिखने की कोशिश कर रहा हूँ जिसको सारा तकनिकी विवरण देना ठीक नहीं लग रहा। इसलिए मैं कुछ बातों को बहुत precisely लिखने के बजाय इस तरह से लिख रहा हूँ कि एक layman को समझ आ जाए। क्या मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए?

# आपकी बात ठीक है। सैद्धांतिक कंप्यूटर विज्ञान में समय की बात नहीं की जाती है, number of steps की बात की जाती है। इसका कारण यह है कि समय कंप्यूटर पर निर्भर करता है, पर number of steps अलग-अलग कंप्यूटर में भी लगभग बराबर ही होते हैं (ये बात पूरी तरह से सच नहीं है, पर मैं तकनिकी विवरण में नहीं जाना चाहता हूँ)। मैंने यहाँ "समय" शब्द लेख को सरल रखने के लिए प्रयोग किया था। क्या ऐसा नहीं करना चाहिए था?}} --गौरव (वार्ता) 18:26, 5 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]

@Hindustanilanguage: जी, अगर number of steps पॉलीनॉमियल हैं, तो समय भी पॉलीनॉमियल (कोई भी मापन मात्रक ले लें) ही होगा। इसलिए फर्क नहीं पड़ता है कि समय की बात करें या number of steps की। अगर जरुरत है तो मैं इस बात को स्पष्ट कर सकता हूँ। --गौरव (वार्ता) 19:13, 5 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]

मैंने लेख में कुछ परिवर्तन किए हैं। अगर अनुनाद जी को या किसी और सदस्य को अब लेख में कोई समस्या नहीं लग रही, तो इस चर्चा को बंद करते हैं। --गौरव (वार्ता) 19:22, 5 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]

@Gaurav561: गौरव जी, बाल की खाल निकालने और अपने को एम आई टी का वैज्ञानिक सिद्ध करने की गुप्त कोशिश आपने शुरू की थी (याद कीजिये, देवनागरी की वैज्ञानिकता) । कई टन सन्दर्भों का गल्ला लगा दिया गया था पर आप 'नही', 'नहीं', 'नहीं' किये जा रहे थे। आपकी वैज्ञानिक समझ को जाँचने के लिये ही मैने यह अभियान चलाया है। और यह शुरू किया है उसी विषय से जिसे आप अपना विशेषज्ञता का विषय कहते हैं। आप खुद ही देख लीजिये कि आप अल्गोरिथ्म की जानकारी में कहाँ बैठते हैं। मुजम्मिल जी ने सर्च करके कहीं से 'पॉलीनॉमिअल टाइम अल्गोरिद्म' की परिभाषा लिखी, लेकिन पॉलीनॉमिअल शब्द को लेकर उलझते दिखे। आप भी उसी दिशा में चले गये जिधर वे गये थे। आपकी विशेषज्ञता की झलक यहाँ मिल रही है।
आपने 'समय' शब्द नहीं लिखा था, आपने 'कम समय के लिये तकनीकी शब्द' लिखा था। यह अत्यन्त भ्रामक और गलत है। सरल भाषा में लिखना तो जरूरी है, किन्तु सरलता के नाम पर गलत तथ्य नहीं दिये जा सकते। आपने अपने लिखे में संशोधन किया है, अच्छी बात है। मेरे विचार से पहले अधिक गलत था, अब जो लिखा है वह भी सभी केसों के लिये सत्य नहीं है। (आपको इसका सन्दर्भ चाहिये तो कहियेगा।) । आपको कुछ और नहीं कहना है तो इस चर्चा को यहीं बन्द कर सकते हैं।

┌─────────────────────────────────┘
@अनुनाद सिंह: जी, आप किस बुनियाद पर बोल रहे हैं कि "लेख में गलत तथ्य दिए गए हैं"? क्या आपको Theoretical computer science की कुछ समझ है? अगर आपको पुस्तक में लिखी बातें समझ ही नहीं आती, तो आप कैसे verify कर सकते हैं कि इस विकी लेख में वही लिखा है जो पुस्तक में है या नहीं? अगर आपको इस लेख को verify करना है, तो पहले ऊपर दी गई पुस्तक के पृष्ठ p1.17 (27) से p1.20 (30) की हर एक बात समझिए। अगर आपको समझ नहीं आती, तो आप इस लेख को verify करने के योग्य नहीं हैं। --गौरव (वार्ता) 06:39, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]

@अनुनाद सिंह: जी, DTIME की परिभाषा समझने के लिए आपको पुस्तक के पृष्ठ p1.7 (17) पर अनुभाग "Computing a function and running time" पढ़ना पड़ेगा। ये सब समझने के बाद ही लेख को verify करने की बात करें। --गौरव (वार्ता) 07:00, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Gaurav561: गौरव जी, मैं इस आधार पर बोल रहा था कि 'पॉलीनॉमिअल टाइम ', 'कम समय के लिये तकनीकी शब्द' नहीं है (जैसा कि आप समझते हैँ)। अब बात आती है सैद्धान्तिक कम्प्यूटर विज्ञान के समझ की। आपकी लिखी गलती पकड़कर मैने यही पता करने की कोशिश की थी कि आपके स्वघोषणा पर, कि आप एल्गोरिद्म के विशेषज्ञ है, कितना विश्वास किया जा सकता है। मैं चाहूँगा कि अल्गोरिद्म पर आप कुछ और लेख बनायें जिससे हमे आपके बारे में जानने में मदद मिल सके। आशा है 'पालीनॉमिअल टाइम आपको कुछ-कुछ समझ में आ गया होगा। कृपया और लिखें।--अनुनाद सिंह (वार्ता) 07:02, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@अनुनाद सिंह: जी, आपको लगता है कि आपने गलती पकड़ी है क्योंकि आपको पुस्तक में लिखी चीज समझ नहीं आई है। उसमें कोई गलती थी ही नहीं। पुस्तक को ढ़ंग से पढ़िए, फिर बात कीजिए। --गौरव (वार्ता) 07:09, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@अनुनाद सिंह: जी, रही बात मेरी विशेषज्ञता की, तो टाटा मूलभूत अनुसन्धान संस्थान में मेरे द्वारा दिया गया ये MSc Project Seminar देख लीजिए। उस से आपको मेरी विशेषज्ञता का पता चला जाएगा। --गौरव (वार्ता) 07:13, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]

पॉलीनॉमिअल टाइम_२

यदि आपके लिखे में गलती नहीं थी तो उसे बदलकर आपने उससे भी बड़ी गलती की है। उसे पूर्ववत कर दीजिये। जहाँ तक आपकी विशेषज्ञता का प्रश्न है, 'पॉलीनॉमिअल टाइम = कम समय के लिये तकनीकी शब्द' लिखकर (और उस पर अड़कर) आप TIFR का की साख पर प्रश्नचिह्न नहीं लगा रहे हैं?--अनुनाद सिंह (वार्ता) 07:35, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]

@अनुनाद सिंह: 1) जी, जो एल्गोरिथ्म तेज होता है, वो कम समय में उत्तर देता है। पहले वाले संस्करण और वर्तमान संस्करण में फर्क ये है कि पहले मैंने "तेज है/कम समय में उत्तर देता है" और "उसे कंप्यूटर वैज्ञानिक तेज/कम समय में उत्तर देने वाला कहते हैं" में अंतर layman को समझाना जरुरी नहीं समझ था। अब ये अंतर स्पष्ट कर दिया है।
2) मैं TIFR की साख पर प्रश्नचिह्न लगा रहा हूँ या नहीं, इसका फैसला करने के लिए आप qualified नहीं है। ऐसे किसी संस्थान में admission ले के बताइए, उसके बाद मुझ पर टिपण्णी करना। --गौरव (वार्ता) 10:03, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Gaurav561: गौरव जी, आपने पहले यह नहीं लिखा था- "तेज है/कम समय में उत्तर देता है"। पहले लिखा था- 'पॉलीनॉमिअल टाइम = कम समय के लिये तकनीकी शब्द' । इसका अर्थ कोई निकाल सकता है कि 'पॉलीनॉमिअल टाइम' और 'कम समय' पर्यायवाची हैं। यहाँ पॉलीनॉमिअल टाइम, अल्गोरिद्म के ऑर्डर को इंगित कर रहा है। इसलिये 'कम समय के लिये तकनीकी शब्द' लिखने के बजाय यह लिखना चाहिये था कि 'अधिकांशतः पालीनॉमिअल टाइम: अल्गोरिद्म तेज होते हैं। इससे कोई भ्रमित नहीं होता।
TIFR की साख पर प्रश्नचिह्न मैं नहीं लगा रहा हूं, खुद आपकी लिखी बात लगा रही है। इसी तरह लिखते रहिये जिससे हमारा ज्ञानवर्धन होता रहे।--अनुनाद सिंह (वार्ता) 10:45, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@अनुनाद सिंह: 1. जी, कंप्यूटर विज्ञान में (i) "पॉलीनॉमिअल टाइम" और "कम समय" पर्यायवाची है; और (ii) "पॉलीनॉमिअल टाइम अल्गोरिद्म", "तेज अल्गोरिद्म" और "कम समय में उत्तर देने वाला अल्गोरिद्म" पर्यायवाची हैं।
2. आपने "अल्गोरिद्म का ऑर्डर" टर्म प्रयोग तो कर दी, पर क्या आपको इसका अर्थ पता है? अगर नहीं पता है, तो आप किस बुनियाद पर कह सकते हैं कि मैंने जो बात लिखी है वो गलत है। इस टर्म का अर्थ जानने के लिए इस पुस्तक का तीसरा अध्याय पढ़िए। ये पढ़ने के बाद अगर आपको अर्थ समझ आ जाए, तो बात करिए वरना नहीं।
3. क्या आप कंप्यूटर विज्ञान में इतने qualified हैं कि आप फैसला कर सकें कि – मेरी लिखी बात गलत है और ये TIFR की साख पर प्रश्नचिह्न लगा रही है या नहीं। --गौरव (वार्ता) 11:50, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@अनुनाद सिंह: आपने Dunning–Kruger effect के बारे में सुना है। एक बार पढ़िए, रोचक लगेगा। शायद अपने बारे में थोड़ी और जानकारी भी मिल जाए। --गौरव (वार्ता) 12:11, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Gaurav561: गौरव जी, चर्चा बहुत रोचक जगह पर आ गयी है। मैं यही जानना चाहता था कि क्या "पॉलीनॉमिअल टाइम" और "कम समय" पर्यायवाची हैं? आपने जोर देकर कह दिया कि पर्याय हैं। अब इसे कम से कम दो जगह दिखा हुआ दीजिये। कृपया यह लिखा मत दिखाइयेगा कि 'पॉलीनॉमिअल टाइम अल्गोरिद्म "तेज" कहे जाते हैं।' बल्कि कुछ इस तरह का लिखा दिखाइये- "पॉलीनॉमिअल टाइम अल्गोरिद्म का दूसरा नाम 'तेज अल्गोरिद्म" है। और बात खत्म हो जायेगी।
अल्गोरिद्म का ऑर्डर बहुत मामूली कॉन्सेप्ट है। आजकल स्कूली बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। अल्गोरिद्म के ऑर्डर की मूल बात जानने के लिये १००० पृष्ट के किसी पोथे को पढ़ना जरूरी नहीं है। किताबों का नाम गिनाने से काम चलता हो तो मैं आपको इस विषय पर कम से कम एक हजार पुस्तकें बता सकता हूँ और उसमें वे चीजें मिलेंगी जिसके लिये मैं इन्हें आपको रीफर करूँगा। ऐसा नहीं कि उसमें 'खोजते रह जाओ' , (जैसा आपने तीन-चार बार कम्प्यूटर पुस्तकों का सन्दर्भ देने के बाद कहा कि नहीं, नहीं इसमें देखिये।)
गौरव जी, केवल टी आई एफ आर का नाम लेने से काम नहीं चलेगा। यह वैसे ही है जैसे पहले बहसू लोग कहते थे कि मेरे बाप फला नबाब के अर्दल्ली थे....। --अनुनाद सिंह (वार्ता) 12:57, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@अनुनाद सिंह: जी, 1) TIFR का छात्र होने और बाप नवाब होने की आपकी तुलना बहुत बेकार है। TIFR में admission आपकी तरह कुछ ब्लॉग लिखने से नहीं मिल जाती है, बहुत कठिन टेस्ट और इंटरव्यू देना पड़ता है। वहाँ के professors के सामने seminar देना भी ब्लॉग लिखने जितना आसान नहीं है। अगर मुझे इस विषय की जानकारी नहीं होती, तो मैं ऐसा seminar नहीं दे पाता।
2) रही बात सन्दर्भ देने की, वो मैं आपको दे देता हूँ। --गौरव (वार्ता) 13:12, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Gaurav561: गौरव जी, मेरी उपमा बहुत सटीक है क्योंकि दोनों ही स्थितियों में आदमी अपनी किसी कमी को छिपाने के लिये अपने संस्थान/पिता का नाम लेता है। अब आप और टीआईएफाअर का नाम लेंगें तो इसके बारे में और आपके बारे में कुछ ऐसे प्रश्न पूछ लूँगा जो विषयान्तर तो होगा ही, आपको दुखी करेगें। अब आप उपरोक्त सन्दर्भ दे दीजिये, चर्चा समाप्त हो।--अनुनाद सिंह (वार्ता) 13:42, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@अनुनाद सिंह: नीचे दो पुस्तकों को quote किया गया है। ये पुस्तकें इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं हैं। अगर आपको चाहिए, तो पुस्तकें email कर सकता हूँ।
1) Arora, Barak Computational Complexity, Page 25 में ये लिखा है: Now we try to make the notion of “efficient computation” precise. We equate this with polynomial running time, which means it is at most n^c for some constant c > 0.
2) Papadimitriou Computational Complexity, Page 6 में ये लिखा है: 2. Coming back to our O(n^2) algorithm for REACHABILITY, it should be no surprise that this simple problem can be solved satisfactorily by this simple algorithm-in fact, our estimate of O(n^2 ) is rather pessimistic, although in a way that we shall not consider important here; see Problem 1.4.3. It is important, however, to identify the source of our satisfaction: It is the rate of growth O(n^2 ). In the course of this book we shall regard such polynomial rates of growth as acceptable time requirements, as a sign that the problem has been solved satisfactorily. In contrast, exponential rates such as 2^n and, even worse, n! will be a cause of concern. If they persist, and algorithm after algorithm we devise fails to solve the problem in polynomial time, we generally consider this as evidence that the problem in hand is perhaps intractable, not amenable to a practically efficient solution. --गौरव (वार्ता) 14:08, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@अनुनाद सिंह: आपकी बेकार तुलना के बारे में यह कहूंगा: किसी अच्छे संस्थान में admission किसी घर में पैदा होने से नहीं मिल जाती है। उसके लिए बहुत कठिन टेस्ट और इंटरव्यू देना पड़ता है। और ऐसा कठिन टेस्ट और इंटरव्यू पास करने का अर्थ होता है कि व्यक्ति को विषय के बारे में जानकारी है। इसके विपरीत किसी नवाब के घर पैदा होने के लिए कोई कठिन टेस्ट या इंटरव्यू नहीं पास करना पड़ता है। --गौरव (वार्ता) 14:13, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@अनुनाद सिंह: आप ऐसे प्रश्न पूछ लीजिए जो कुछ मुझे दुखी करेगें। मैं भी जानना चाहता हूँ ऐसे कौन से प्रश्न हैं। --गौरव (वार्ता) 14:15, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@अनुनाद सिंह: आपने कहा था कि "अल्गोरिद्म का ऑर्डर बहुत मामूली कॉन्सेप्ट है"। मैं जानना चाहता हूँ कि क्या आपको कॉन्सेप्ट सच में ये समझ आया है या आप ऐसे ही दावे कर देते हैं। जरा इसकी mathematical definition और उसका अर्थ समझाइए। फिर पता चलेगा, आप इस विषय पर सवाल पूछने के लिए qualified हैं भी या नहीं? --गौरव (वार्ता) 14:20, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Gaurav561: गौरव जी, वाह! ढाक के वही तीन पात! इतना स्पष्ट कहने के बाद आप यह लेकर आये? कहाँ लिखा है जो मैने ऊपर मांगा है? फिर अपने मन से गलत अर्थ निकाल रहे हैं?--अनुनाद सिंह (वार्ता) 14:21, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
आप टी आई एफ आर का कठिन इन्टर्व्यू पास कर चुके हैं। आप इस छोटी सी इन्टर्व्यू में भी पास होकर दिखाइये। — इस अहस्ताक्षरित संदेश के लेखक अनुनाद सिंह है, (वार्तायोगदान)।
जी, इंटरव्यू लेने वाले को भी विषय के बारे में कुछ जानकारी होनी चाहिए। नहीं तो Dunning–Kruger effect वाली बात हो जाती है। --गौरव (वार्ता) 14:24, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
कंप्यूटर विज्ञान में "efficient computation" का अर्थ "तेज computation" होता है। अगर आपको विषय की थोड़ी सी भी जानकारी होती, तो मुझे हर टर्म का अर्थ नहीं समझाना पड़ता। --गौरव (वार्ता) 14:27, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
आपने जो दूसरा उदाहरण दिया है, उससे पता चलता है कि आपका पॉलीनॉमिअल टाइम का फण्डा भी गोल है। यहाँ O(n^k) की बात हो रही थी न कि केवल O(n^2 )की। --अनुनाद सिंह (वार्ता) 14:35, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
कोशिश करिये, कोशिश करिये। खोजिये। खोजिये। इस गलतफहमी में मत रहिये कि टी आई एफ आर का नाम लेकर कुछ भी लिख देंगे और लोग आँख मूदकर मान जाएंगे।--अनुनाद सिंह (वार्ता) 14:40, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
In the course of this book we shall regard such polynomial rates of growth as acceptable time requirements, as a sign that the problem has been solved satisfactorily. इस लाइन का अर्थ समझ में नहीं आता है क्या? आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि n^3, n^4, n^5 आदि भी polynomial होते हैं। --गौरव (वार्ता) 14:55, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Gaurav561: गौरव जी, आपके गोल फण्डे की त्रिज्या बढ़ती जा रही है। n^3, n^4, n^5 आदि भी polynomial होते हैं इसमें किसको इतराज है? किन्तु क्या आप मानते हैं कि O(n^2) के लिये कोई स्टेटमेण्ट सत्य हो जरूरी नहीं कि वह O(n^5) के लिये भी सत्य हो। इसलिये कोई स्टेटमेण्ट O(n^2) के लिये सत्य दिखाकर क्या उसे O(n^k), सभी k>=2 के लिये - भी सत्य होने की घोषणा की जा सकती है? --अनुनाद सिंह (वार्ता) 15:08, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Gaurav561: we shall regard such polynomial rates of growth as acceptable time requirements. इस से आपको क्या समझ आता है? --गौरव (वार्ता) 16:29, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]

वरिष्ठ सदस्य कृपया मदद करें

@संजीव कुमार, Hunnjazal, और Hindustanilanguage: जी, कल मैंने आपको विवाद का विषय ढ़ंग से नहीं समझाया था। उसके लिए मैं माफ़ी चाहता हूँ। विवाद का विषय ये है कि – मैंने लिखा था कि कंप्यूटर विज्ञान में (i) "पॉलीनॉमिअल टाइम" और "कम समय" पर्यायवाची है; और (ii) "पॉलीनॉमिअल टाइम अल्गोरिद्म", "तेज अल्गोरिद्म" और "कम समय में उत्तर देने वाला अल्गोरिद्म" पर्यायवाची हैं। पर अनुनाद जी ये नहीं मान रहे। मेरे ऊपर के कथन में एक और बात जोड़ी जा सकती है – "कंप्यूटर विज्ञान में (i) "पॉलीनॉमिअल टाइम" और "कम number of steps" पर्यायवाची है; और (ii) "पॉलीनॉमिअल टाइम अल्गोरिद्म" और "कम number of steps में उत्तर देने वाला अल्गोरिद्म" पर्यायवाची हैं।" मेरे इस कथन के समर्थन में मैंने 2 पुस्तकों की निम्नलिखित पंक्तियाँ दी थी। पर अनुनाद जी कह रहे हैं कि इन पंक्तियों का अर्थ वो नहीं है जो मैं समझ रहा हूँ। कृपया आप बताएँ कि क्या आपको भी लगता है कि मुझे अर्थ समझ नहीं आ रहा।

  1. Arora, Barak Computational Complexity, Page 25 में ये लिखा है: Now we try to make the notion of “efficient computation” precise. We equate this with polynomial running time, which means it is at most n^c for some constant c > 0.
  2. Papadimitriou Computational Complexity, Page 6 में ये लिखा है: Coming back to our O(n^2) algorithm for REACHABILITY, it should be no surprise that this simple problem can be solved satisfactorily by this simple algorithm-in fact, our estimate of O(n^2 ) is rather pessimistic, although in a way that we shall not consider important here; see Problem 1.4.3. It is important, however, to identify the source of our satisfaction: It is the rate of growth O(n^2 ). In the course of this book we shall regard such polynomial rates of growth as acceptable time requirements, as a sign that the problem has been solved satisfactorily. In contrast, exponential rates such as 2^n and, even worse, n! will be a cause of concern. If they persist, and algorithm after algorithm we devise fails to solve the problem in polynomial time, we generally consider this as evidence that the problem in hand is perhaps intractable, not amenable to a practically efficient solution.

--गौरव (वार्ता) 17:05, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]

मैं आप सबका समय बर्बाद नहीं करना चाहता। पर अगर ये चर्चा सिर्फ मेरे और अनुनाद जी के बीच ही रही, तो कभी खत्म नहीं होगी। इसलिए आपकी मदद मांग रहा हूँ। --गौरव (वार्ता) 17:24, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]

नोट: यहाँ "कम समय" शब्द एक layman को सरल शब्दों में समझाने के लिए प्रयोग किया गया है। अगर आप इस से बेहतर शब्द बता सकते हैं, तो मैं आपका शुक्रगुज़र रहूँगा। --गौरव (वार्ता) 17:29, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]

मैं यह मानता हूँ कि अनुनाद जी की भाषा पर पकड़ अधिक है। एक समय मैं Indologist के लिए हिन्दी शब्द ढूंड रहा था। अनुनाद जी ने कुछ ही सेकेंडों में उत्तर दिया (भारतविद) जिसे मैंने ज़ालमान दाइम्शित्स में शामिल कर लिया। पर मुझे लगता है कि चर्चा के विषय में आपका ज्ञान अधिक है और विवरण पाठ शायद आप स्वयं अच्छे से तय कर पाएँगे। इस विषय में मैं खुद को layman मानता हूँ। --मुज़म्मिल (वार्ता) 17:46, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Hindustanilanguage:जी, उत्तर देने के लिए धन्यवाद।
1) मेरी हिन्दी बस बोलचाल के लायक है। मुझे शुद्ध हिंदी का बिलकुल ज्ञान नहीं है, बहुत से शब्दों के अर्थ ढूंढ़ने के लिए गूगल ट्रांसलेट का प्रयोग करना पड़ता है। अगर अनुनाद जी इस चीज़ में मेरी मदद करें, तो मैं उनका बहुत आभारी रहूँगा।
2) अनुनाद जी चाहते हैं कि लेख में लिखी हर लाइन के लिए उन्हें कोई पुस्तक दिखाऊं जिसमें वो लाइन हूबहू लिखी हो। अगर मैंने लेख में लाइन अपने शब्दों में लिखी हो, तो वे उसे स्वीकार नहीं करते हैं (शायद वे अर्थ समझ नहीं पाते, इसलिए हूबहू लाइन मांगते हैं)। आप ही बताइए क्या किसी पुस्तक से कोई लाइन हूबहू विकिपीडिया पर छाप देना कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं होगा।
3) अनुनाद जी बहस करने से हट ही नहीं रहे हैं वो भी ऐसे विषय पर जिसका उन्हें खुद ही कुछ ज्ञान नहीं है।। मुझे समझ ही नहीं आ रहा कि ये चर्चा कभी ख़त्म भी होगी या नहीं। ऐसे में क्या करना चाहिए। --गौरव (वार्ता) 18:08, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
किसी पुस्तक से कोई लाइन हूबहू विकिपीडिया पर छाप देना कॉपीराइट का उल्लंघन अवश्य है परन्तु मुझे लगता है कि इसका एक सरल समाधान है। आप हर लाइन के बजाए कुछ विशेष पाठ को दिखाइये। आप उस पृष्ठ का चित्र लेकर कहीं अपलोड कीजिए और माननीय सज्जन पुरुष से शेयर कीजिए। इसके लिए http://postimg.org/ एक अच्छी वेबसाइट है। उदाहरण के लिए आप मुझे प्राप्त एक पोस्ट कार्ड को देख सकते हैं: http://postimg.org/image/si7bqv5d7/ --मुज़म्मिल (वार्ता) 18:22, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Hindustanilanguage: जी, मैंने कई बार अनुनाद जी को किसी पुस्तक का वेबलिंक देकर 2-3 पृष्ठ पढ़ने को भी बोला है। पर वे ऐसा करने से इंकार कर देते हैं। वे कहते हैं कि पुस्तक में हूबहू वही lines दिखाओ जो लेख में हैं। । --गौरव (वार्ता) 18:31, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
क्या आपने http://postimg.org/image/si7bqv5d7/ देखा है। मुझे किसी ने पोस्ट कार्ड के पाठ के बारे में पूछा और मैंने फोन के जरिये पोस्टइएमजी पर अपलोड किया - केवल पाठ दिखाया -- न भेजने वाले का पता और न मेरा पता। --मुज़म्मिल (वार्ता) 18:59, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Hindustanilanguage: जी, धन्यवाद, 1) मैं अगली बार इसका जरूर प्रयोग करूँगा।
2) मुझे लग रहा है कि आप मेरी बात शायद समझे नहीं। समस्या उन्हें पुस्तक देने की नहीं है। समस्या ये है कि वे मानते नहीं की पुस्तक में लिखी बात और मेरे द्वारा लेख में लिखी बात का एक ही अर्थ है। उदाहरण के लिए, मैंने लेख में लिखा है "कंप्यूटर विज्ञान में पोलीनोमिअल टाइम में उत्तर देने वाले अल्गोरिद्मों को तेज माना जाता है"। तो अनुनाद जी बोलेंगे कि कोई पुस्तक दिखाओ जिसमें लिखा हो "In computer science, polynomial time algorithms are considered fast". उन्हें पुस्तक में exactly यही लाइन चाहिए होती है। अगर पुस्तक में exactly ये लाइन नहीं है, पर यही बात अलग शब्दों में लिखी गई है तो वे कहेंगे कि पुस्तक में दी गई बात का अर्थ वो नहीं है जो मैं कह रहा हूँ। --गौरव (वार्ता) 19:12, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@अनुनाद सिंह: जी, कृपया एक जोशीले नवयुवक से ऐसे कठोर अन्दाज़ में व्यव्हार मत कीजिए। --मुज़म्मिल (वार्ता) 19:27, 6 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@Gaurav561: गौरव जी, अब आपको रिफरेन्स नहीं मिल रहे हैं तो भाग रहे हैं और अनाप शनाप आरोप लगा रहे हैं, चर्चा को विचलित करने का प्रयत्न कर रहे हैं। आपने जो लिखा है वह कोई ग्रीक या जर्मन नहीं है। बहुत सरल अंग्रेजी में है। किन्तु जिस चीज की अपेक्षा की जा रही है उसमें वैसा कुछ भी नहीं है। गौरव जी नौवीं-दसवीं कक्षा में ही 'पार्टिक्युलर केस' और 'जनरल केस' की बात छात्रों को बता दी जाती है। लगता है आप उसे भी भूल गये हैं, जरा देख लीजियेगा।--अनुनाद सिंह (वार्ता) 03:49, 7 अप्रैल 2016 (UTC)[उत्तर दें]