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02:04, 1 नवम्बर 2015 का अवतरण

श्रेयांसनाथ
ग्यारहवें तीर्थंकर

श्रेयांसनाथ जी की प्रतिमा, सारनाथ
गृहस्थ जीवन
वंश इक्ष्वाकु
पिता विष्णु
माता विशना
पंच कल्याणक
जन्म कल्याणक १ × १०२१२ वर्ष पूर्व
मोक्ष स्थान सम्मेद शिखरजी
लक्षण
रंग स्वर्ण
चिन्ह गैंडा
ऊंचाई ८० धनुष (२४० मीटर)
शासक देव
यक्ष मनुज
यक्षिणी वत्स

श्रेयांसनाथ जी, जैन धर्म के ११वें तीर्थंकर थे।

श्रेयांसनाथ जी के पिता का नाम विष्णु और माता का विष्णुश्री था। उनका जन्मस्थान सिंहपुर (सारनाथ) और निर्वाणस्थान संमेदशिखर माना जाता है। गैंडा इनका चिह्न था। श्रेयांसनाथ के काल में जैन धर्म के अनुसार अचल नाम के प्रथम बलदेव, त्रिपृष्ठ नाम के प्रथम वासुदेव और अश्वग्रीव नाम के प्रथम प्रतिवासुदेव का जन्म हुआ।

अन्य

श्रेयांस एक राजा का भी नाम था। वह भरत चक्रवर्ती का पुत्र था और हस्तिनापुर का निवासी था। प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव को इक्षुरस (ईख का रस) का आहार देकर राजा श्रेयांस ने उन्हें प्रथम पारणा कराई थी। भगवान् महावीर के पिता सिद्धार्थ को भी 'श्रेयांस' नाम से कहा गया है।

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