"पंथी गीत": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
नया पृष्ठ: यह छत्तीसगढ़ में निवास कर रहे सतनामी जाती के लोगो के द्वारा ईश्व... टैग: large unwikified new article यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
Sushilmishra (वार्ता | योगदान) हटाने हेतु चर्चा के लिये नामांकन; देखें चर्चा पृष्ठ। ([[WP:TW... |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{हहेच लेख|कारण=कोई उल्लेखनीयता नहीं, कोई सबूत या संदर्भ नहीं ... प्रचार सामग्री की तरह लगता है.}} |
|||
यह छत्तीसगढ़ में निवास कर रहे सतनामी जाती के लोगो के द्वारा ईश्वर (सतनाम पिता) की स्तुति में और संत गुरूघासी बाबा के जीवन चरित्र का वर्णन किया जाता है ।यह निर्गुण भक्ति धारा से प्रेरित है जिसमे गुरु घासीदास के द्वारा दिए गए उपदेश को गीत और नृत्य के माध्यम से मंच में प्रस्तुत किया जाता है। |
यह छत्तीसगढ़ में निवास कर रहे सतनामी जाती के लोगो के द्वारा ईश्वर (सतनाम पिता) की स्तुति में और संत गुरूघासी बाबा के जीवन चरित्र का वर्णन किया जाता है ।यह निर्गुण भक्ति धारा से प्रेरित है जिसमे गुरु घासीदास के द्वारा दिए गए उपदेश को गीत और नृत्य के माध्यम से मंच में प्रस्तुत किया जाता है। |
||
07:37, 2 अक्टूबर 2015 का अवतरण
इस लेख को विकिपीडिया की पृष्ठ हटाने की नीति के अंतर्गत हटाने हेतु चर्चा के लिये नामांकित किया गया है। इस नामांकन पर चर्चा विकिपीडिया:पृष्ठ हटाने हेतु चर्चा/लेख/पंथी गीत पर चल रही है। नामांकन के पश्चात भी इस लेख को सुधारा जा सकता है, परंतु चर्चा सम्पूर्ण होने से पहले इस साँचे को लेख से नहीं हटाया जाना चाहिये। नामांकनकर्ता ने नामांकन के लिये निम्न कारण दिया है: कोई उल्लेखनीयता नहीं, कोई सबूत या संदर्भ नहीं ... प्रचार सामग्री की तरह लगता है.
नामांकन प्रक्रिया (नामांकनकर्ता हेतु):
|
यह छत्तीसगढ़ में निवास कर रहे सतनामी जाती के लोगो के द्वारा ईश्वर (सतनाम पिता) की स्तुति में और संत गुरूघासी बाबा के जीवन चरित्र का वर्णन किया जाता है ।यह निर्गुण भक्ति धारा से प्रेरित है जिसमे गुरु घासीदास के द्वारा दिए गए उपदेश को गीत और नृत्य के माध्यम से मंच में प्रस्तुत किया जाता है।
इस नृत्य के नर्तक स्वर्गीय देवदास बंजारे जी ने इसे देश विदेश तक पहुचाया इसका प्रमुख वाद्य यंत्र के रूप में झांझ मंजीरा और ढोलक का उपयोग किया जाता है।