"अस्पताल सूचना प्रणाली (हॉस्पिटल इन्फॉर्मेशन सिस्टम)": अवतरणों में अंतर

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* पायने पीआर, ग्रीव्स एडब्लू, कीप्स टीजे., सीआरसी क्लिनिकल ट्रायल्स मैनेजमेंट सिस्टम (सीटीएमएस): एन इंटेग्रेटेड इन्फोर्मेशन मैनेजमेंट सॉल्यूशन फॉर कॉलेबोरेटिव क्लिनिकल रिसर्च, एएमआईए अनु सिम्प परोक. 2003;:967.
* पायने पीआर, ग्रीव्स एडब्लू, कीप्स टीजे., सीआरसी क्लिनिकल ट्रायल्स मैनेजमेंट सिस्टम (सीटीएमएस): एन इंटेग्रेटेड इन्फोर्मेशन मैनेजमेंट सॉल्यूशन फॉर कॉलेबोरेटिव क्लिनिकल रिसर्च, एएमआईए अनु सिम्प परोक. 2003;:967.


== संदर्भ ==
== सन्दर्भ ==
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<references></references>
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09:11, 27 मई 2015 का अवतरण

एक अस्पताल सूचना प्रणाली (हॉस्पिटल इन्फॉर्मेशन सिस्टम - एचआईएस), जिसे अक्सर नैदानिक सूचना प्रणाली (सीआईएस) के नाम से भी जाना जाता है, एक व्यापक, एकीकृत सूचना प्रणाली है जिसे किसी अस्पताल के प्रशासनिक, वित्तीय और नैदानिक पहलुओं के प्रबंधन हेतु बनाया गया है। इसमें पन्नों पर आधारित सूचना प्रोसेसिंग (प्रसंस्करण) के साथ-साथ डाटा प्रोसेसिंग मशीनें भी शामिल होती हैं।

यह विशेष-विशिष्ट एक्सटेंशन (विस्तार) वाले एक अथवा अधिक सॉफ्टवेर घटकों के साथ-साथ मेडिकल विशेषज्ञताओं की कई प्रकार की उप-प्रणालियों (उदाहरण, लेबोरेटरी इन्फॉर्मेशन सिस्टम, रेडियोलॉजी इन्फॉर्मेशन सिस्टम) से निर्मित हो सकता है।

सीआइएस को कई बार एचआईएस से इस मायने में अलग किया जाता है कि वह रोगी-संबंधी तथा नैदानिक स्थिति संबंधी डाटा (रोगियों का इलेक्ट्रौनिक रिकॉर्ड) पर ध्यान केंद्रित करता है जबकि एचआईएस प्रशासनिक मुद्दों पर नजर रखता है। यह अंतर हमेशा स्पष्ट नहीं होता है और कई साक्ष्य मौजूद हैं जो इन दोनों शब्दों के नियमित इस्तेमाल को नकारते हैं।

लक्ष्य

मेडिकल इन्फॉर्मेटिक्स के क्षेत्र के रूप में, एचआईएस का लक्ष्य है इलेक्ट्रौनिक डाटा प्रोसेसिंग द्वारा रोगियों की देखभाल तथा प्रशासन के लिए सर्वश्रेष्ठ संभव समर्थन प्राप्त करना.

एचआईएस के लाभ

• कई प्रकार के रिकॉर्डों को बनाने के रोगियों के डाटा तक आसान पहुंच, जिसमें जनसांख्यिकीय, लिंग, उम्र आदि के आधार पर वर्गीकरण भी शामिल है। यह विशेष रूप से एम्ब्युलेटरी (बाह्य-रोगी) पॉइंट में अधिक फायदेमंद है, इस प्रकार देखभाल की निरंतरता को बढ़ाता है। साथ ही, इंटरनेट आधारित पहुंच के द्वारा आवश्यक डाटा को दूर से ही प्राप्त करने की क्षमता में भी सुधार होता है।[1]

• यह डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (निर्णय समर्थन प्रणाली) के रूप में भी कार्य करता है जो अस्पताल के अधिकारियों को स्वास्थ्य देखभाल की व्यापक नीतियों को विकसित करने में मदद करता है।[2]

• वित्त, रोगियों के आहार, इंजीनियरिंग तथा चिकित्सा सहायता वितरण का कुशल एवं सटीक प्रशासन.[3]

• दवा के उपयोग और प्रभावकरीता के अध्ययन की बेहतर निगरानी. यह दवाओं के प्रतिकूल प्रभावों को घटाने के साथ-साथ दवाओं के उपयुक्त उपयोग को भी बढ़ावा देता है।

• जानकारी अखंडता को बढ़ाता है, प्रतिलेखन की त्रुटियों को कम करता है और सूचना प्रविष्टियां के दोहराव को घटाता है।[4]

इन्हें भी देखें

  • मेडिकल रिकार्ड
  • ऑनलाइन ऑफिस सुइट
  • इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकार्ड (इएचआर)
  • इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड (इएमआर)
  • प्रयोगशाला सूचना प्रणाली (एलआईएस)
  • आईसीयू गुणवत्ता और प्रबंधन उपकरण
  • रेडियोलॉजी सूचना प्रणाली (आरआईएस)
  • पीएसीएस (मेडिकल इमेजिंग)
  • मेडिकल टेक्नोलॉजिस्ट

अग्रिम पठन

  • शोर्टलिफ इएच, सिमिनो जेजे एड्स. बायोमेडिकल इन्फोर्मेटिक्स: कंप्यूटर एप्लीकेशंस इन हेल्थ केयर एंड बायोमेडिसिन (तीसरा संस्करण). न्यू यॉर्क: स्प्रिंगर, 2006
  • नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ क्लिनिकल एक्स्सेलेंस, प्रिंसिपल्स ऑफ बेस्ट प्रैक्टिस इन क्लिनिकल ऑडिट. लंदन: एनआईसीइ, २००२. (आईएसबीएन 1-85775-976-1)
  • ओलमेडा, क्रिस्टोफर जे. (2000). इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी इन सिस्टम्स ऑफ केयर. डेल्फिन प्रेस. आईएसबीएन 978-0-9821442-0-6
  • पायने पीआर, ग्रीव्स एडब्लू, कीप्स टीजे., सीआरसी क्लिनिकल ट्रायल्स मैनेजमेंट सिस्टम (सीटीएमएस): एन इंटेग्रेटेड इन्फोर्मेशन मैनेजमेंट सॉल्यूशन फॉर कॉलेबोरेटिव क्लिनिकल रिसर्च, एएमआईए अनु सिम्प परोक. 2003;:967.

सन्दर्भ

  1. http://www.biohealthmatics.com/technologies/his/cis.aspx
  2. http://www.cdac.in/html/his/sushrut.aspx
  3. http://www.cdac.in/html/his/sushrut.aspx
  4. http://www.emrconsultant.com/education/hospital-information-systems