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== इन्हें भी देखेँ ==
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* [[पशुओं के साथ निर्दयता]]
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''वाह रे इन्सनियत धन्य है वो लोग जो खुद को इंसान की शक्ल मे नेता का लिबास पेहन कर जनता की भलाइ करने का दावा करते है ,आज मेरी मर्म थर्रा उठी है,दिल और दिमाग दोनो बस एक ही जवाब माँगना चाह रहे hai की ,क्या खुदा ने इंसान को सिर्फ इसलिये बनाया है की वो खुद की तक्लिफो को समझे और उसे दुर करने का अपने जीवन मे जतन करे.हु तो मै भी इंसान लेकिन जानवरो के प्रति मेरा लगाव कुछ जादा है.घर की सामने वाली गली मे कुछ कुत्तो के bachho को पालने पोसने मे मुझे बहुत सुकुन मिलता है ,जब भी मै उनके सामने आता वो बडी ही आतुरता से खाने की लालसा लिये मेरे चारो तरफ़ इक्क्ठा हो जाते और मेरे चेहरे पर एक सन्तोषजनक मुस्कान दे जाते,लेकिन आज मेरी अंlखोमे आँसू है क्युकी उनमे से एक अब इस दुनिया मे नही है ,ऐसा नही है की वो अपनी मौत मरा बल्कि उसे इंसान की शक्ल मे कुछ भेडीयो ने मारा है ,उस छोटे से bachhe का सिर्फ इतना कसुर था की कुछ कुत्तो ने एक यादव बन्धुओ को काट लिया जिसके बदले के प्रतिकार मे इन्लोगो ने बडी ही बेरहमी से डनडो से पिट पिट कर कुते के bachhe को मार डाला इतने पे भी इनका मन नही भरा तो गली के और भी bachho पर ये लाठी डंडे बरसाने लगे उसी वक्त मेरे बिच बचाव करने पर उन bachho की जान तो बच गयी लेकिन एक को मै नही बचा पाया ,इसका विरोध करते हुए मै कोतवाली पहुचा जहा मामलेको रफा दफ़ा करने के लिये सपा के कुछ पार्शद वहा पहुचे और समझौता सुलह करा के निकल लिये इस जेगेह पे पुलिस भी मूक दर्शक बनी हुई अपना पिन्द्व छूडाती नजर अयी हो भी क्यू ना अखिर हमारे इस समाज मे जहा इन्सनो के दर्द की कोई किमत नही वहा एक कुत्ते के bacche के मरने पर कैसा कानून और कैसी सुन्वाइ .अंधा बेहरा कानून और गुन्गे होते जा रहे सपा के बशिन्दे इन्हे अपनी सत्ता के मन्द्ता के आगे कुछ नही नजर आ रहा '''''
''वाह रे इन्सनियत धन्य है वो लोग जो खुद को इंसान की शक्ल मे नेता का लिबास पेहन कर जनता की भलाइ करने का दावा करते है ,आज मेरी मर्म थर्रा उठी है,दिल और दिमाग दोनो बस एक ही जवाब माँगना चाह रहे hai की ,क्या खुदा ने इंसान को सिर्फ इसलिये बनाया है की वो खुद की तक्लिफो को समझे और उसे दुर करने का अपने जीवन मे जतन करे.हु तो मै भी इंसान लेकिन जानवरो के प्रति मेरा लगाव कुछ जादा है.घर की सामने वाली गली मे कुछ कुत्तो के bachho को पालने पोसने मे मुझे बहुत सुकुन मिलता है ,जब भी मै उनके सामने आता वो बडी ही आतुरता से खाने की लालसा लिये मेरे चारो तरफ़ इक्क्ठा हो जाते और मेरे चेहरे पर एक सन्तोषजनक मुस्कान दे जाते,लेकिन आज मेरी अंlखोमे आँसू है क्युकी उनमे से एक अब इस दुनिया मे नही है ,ऐसा नही है की वो अपनी मौत मरा बल्कि उसे इंसान की शक्ल मे कुछ भेडीयो ने मारा है ,उस छोटे से bachhe का सिर्फ इतना कसुर था की कुछ कुत्तो ने एक यादव बन्धुओ को काट लिया जिसके बदले के प्रतिकार मे इन्लोगो ने बडी ही बेरहमी से डनडो से पिट पिट कर कुते के bachhe को मार डाला इतने पे भी इनका मन नही भरा तो गली के और भी bachho पर ये लाठी डंडे बरसाने लगे उसी वक्त मेरे बिच बचाव करने पर उन bachho की जान तो बच गयी लेकिन एक को मै नही बचा पाया ,इसका विरोध करते हुए मै कोतवाली पहुचा जहा मामलेको रफा दफ़ा करने के लिये सपा के कुछ पार्शद वहा पहुचे और समझौता सुलह करा के निकल लिये इस जेगेह पे पुलिस भी मूक दर्शक बनी हुई अपना पिन्द्व छूडाती नजर अयी हो भी क्यू ना अखिर हमारे इस समाज मे जहा इन्सनो के दर्द की कोई किमत नही वहा एक कुत्ते के bacche के मरने पर कैसा कानून और कैसी सुन्वाइ .अंधा बेहरा कानून और गुन्गे होते जा रहे सपा के बशिन्दे इन्हे अपनी सत्ता के मन्द्ता के आगे कुछ नही नजर आ रहा '''''us aropi ka naam teju yadav hai aur kotwali thana antar gat saptsagar me rahta hai . varanasi ki pulish ne bas samjhota kara diya karyvahi kuch nahi ki .... mera mobil no 09648031333


== बाहरी कड़ियाँ ==
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05:27, 24 मई 2015 का अवतरण

पेटा (PETA) या पशुओं के साथ नैतिक व्यवहार के पक्षधर लोग (People for the Ethical Treatment of Animals) एक पशु-अधिकार संगठन है। इसका मुख्यालय यूएसए के वर्जिनिया के नॉर्फोल्क (Norfolk) में स्थित है। विश्व भर में इसके लगभग २० लाख सदस्य हैं और यह अपने को विश्व का सबसे बड़ा पशु-अधिकार संगठन होने का दावा करता है। इन्ग्रिड न्यूकिर्क (Ingrid Newkirk) इसके अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

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वाह रे इन्सनियत धन्य है वो लोग जो खुद को इंसान की शक्ल मे नेता का लिबास पेहन कर जनता की भलाइ करने का दावा करते है ,आज मेरी मर्म थर्रा उठी है,दिल और दिमाग दोनो बस एक ही जवाब माँगना चाह रहे hai की ,क्या खुदा ने इंसान को सिर्फ इसलिये बनाया है की वो खुद की तक्लिफो को समझे और उसे दुर करने का अपने जीवन मे जतन करे.हु तो मै भी इंसान लेकिन जानवरो के प्रति मेरा लगाव कुछ जादा है.घर की सामने वाली गली मे कुछ कुत्तो के bachho को पालने पोसने मे मुझे बहुत सुकुन मिलता है ,जब भी मै उनके सामने आता वो बडी ही आतुरता से खाने की लालसा लिये मेरे चारो तरफ़ इक्क्ठा हो जाते और मेरे चेहरे पर एक सन्तोषजनक मुस्कान दे जाते,लेकिन आज मेरी अंlखोमे आँसू है क्युकी उनमे से एक अब इस दुनिया मे नही है ,ऐसा नही है की वो अपनी मौत मरा बल्कि उसे इंसान की शक्ल मे कुछ भेडीयो ने मारा है ,उस छोटे से bachhe का सिर्फ इतना कसुर था की कुछ कुत्तो ने एक यादव बन्धुओ को काट लिया जिसके बदले के प्रतिकार मे इन्लोगो ने बडी ही बेरहमी से डनडो से पिट पिट कर कुते के bachhe को मार डाला इतने पे भी इनका मन नही भरा तो गली के और भी bachho पर ये लाठी डंडे बरसाने लगे उसी वक्त मेरे बिच बचाव करने पर उन bachho की जान तो बच गयी लेकिन एक को मै नही बचा पाया ,इसका विरोध करते हुए मै कोतवाली पहुचा जहा मामलेको रफा दफ़ा करने के लिये सपा के कुछ पार्शद वहा पहुचे और समझौता सुलह करा के निकल लिये इस जेगेह पे पुलिस भी मूक दर्शक बनी हुई अपना पिन्द्व छूडाती नजर अयी हो भी क्यू ना अखिर हमारे इस समाज मे जहा इन्सनो के दर्द की कोई किमत नही वहा एक कुत्ते के bacche के मरने पर कैसा कानून और कैसी सुन्वाइ .अंधा बेहरा कानून और गुन्गे होते जा रहे सपा के बशिन्दे इन्हे अपनी सत्ता के मन्द्ता के आगे कुछ नही नजर आ रहा us aropi ka naam teju yadav hai aur kotwali thana antar gat saptsagar me rahta hai . varanasi ki pulish ne bas samjhota kara diya karyvahi kuch nahi ki .... mera mobil no 09648031333

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