"अक्ष शक्तियाँ": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:WWII.png|thumb|230px|[[द्वितीय विश्वयुद्ध]] की अक्ष शक्तियाँ (नीले रंग में)]]
[[File:Bundesarchiv Bild 183-L09218, Berlin, Japanische Botschaft.jpg|thumb|जर्मनी, जापान, और इटली के झंडे बर्लिन मे ज़ू स्ट्रीट स्थित जापान के दूतावास पर (सितम्बर १९४०)]]
'''अक्ष शक्तियाँ''' या '''ऐक्सिस शक्तियाँ''' (<small>[[अंग्रेज़ी]]: Axis powers</small>) उन देशों का गुट था जिन्होनें [[द्वितीय विश्वयुद्ध]] में [[जर्मनी]] और [[जापान]] का साथ दिया और [[मित्रपक्ष शक्तियों]] (ऐलाइ शक्तियों) के ख़िलाफ़ लड़े। अक्ष शक्तियों का गुट सन् १९३६ में शुरू हुआ जब जर्मनी ने जापान और [[इटली]] के साथ संधियों पर दस्तख़त किये। [[द्वितीय विश्वयुद्ध]] में अपने चरम पर अक्षीय ताक़तों ने [[यूरोप]], [[अफ़्रीका]] और पूर्वी व दक्षिण-पूर्वी [[एशिया]] के बड़े हिस्सों पर राज किया। १९४५ में जाकर मित्रपक्ष शक्तियों की जीत होने पर अक्ष शक्तियों का गुट ख़त्म हो गया। युद्ध के दौरान अक्ष दल बदलता रहा क्योंकि कुछ राष्ट्र इसके अन्दर-बाहर आते और जाते रहे।<ref name="ref05hacab">[http://books.google.com/books?id=ZypnAAAAMAAJ Germany and the Axis powers from coalition to collapse], R. L. DiNardo, University Press of Kansas, 2005, ISBN 978-0-7006-1412-7</ref>
[[File:Bundesarchiv Bild 146-1969-065-24, Münchener Abkommen, Ankunft Mussolini.jpg|thumb|right|जर्मनी का ''[[Führer]]'' [[एडोल्फ हिटलर]] (दायें ) इटली के ''[[Duce]]'' [[बेनितो मुसोलिनि]] (बाएं) के बगल मे]]
[[File:Greater East Asia Conference.JPG|thumb|right|जापान के [[जापान के प्रधानमंत्री|प्रधानमंत्री]] [[हिदेकी तोजो]] (बीच मे) [[ग्रेटर इस्ट एसिआ को-प्रोस्पेरीटी स्फेअर]] के सरकारी प्रतिनिधियों के साथ। तोजो के बाएं, बाएं से दायें ओर: [[बर्मा]] के बा मॉ, [[चीन]] के [[झांग झिंगुइ]], [[वांग जिंगवेई]]। तोजो के दायें तरफ, बाएं से दायें ओर, [[थाईलैंड]] के वां वैथा याकों, [[फिलीपींस]] के [[जोज़ पी लौरेल]], भारत से [[सुभाष चन्द्र बोस]] ]]

'''अक्ष शक्तियाँ''' या '''ऐक्सिस शक्तियाँ''' या '''ध्रुवीय शक्तियाँ''' ({{lang-en|Axis Powers</small>}},{{lang-de|Achsenmächte}}, {{lang-ja|枢軸国}} ''Sūjikukoku'', {{lang-it|Potenze dell'Asse}}) उन देशों का गुट था जिन्होनें [[द्वितीय विश्वयुद्ध]] में [[जर्मनी]] और [[जापान]] का साथ दिया और [[मित्रपक्ष शक्तियों]] (ऐलाइड शक्तियों) के ख़िलाफ़ लड़े। अक्ष शक्तियों का गुट सन् १९३६ में शुरू हुआ जब जर्मनी ने जापान और [[इटली]] के साथ साम्यवाद विरोधी संधियों पर दस्तख़त किये। रोम-बर्लिन १९३९ [[स्टील संधि]] के अन्तर्गत सामरिक गुट बन गये, १९४० के [[ट्राइपर्टाइल संधि]] के साथ जर्मनी और उसके गुट के दोनो मित्र देशो के सामरिक लक्ष्य एक हो गये। [[द्वितीय विश्वयुद्ध]] में अपने चरम पर अक्षीय ताक़तों ने [[यूरोप]], [[अफ़्रीका]] और पूर्वी व दक्षिण-पूर्वी [[एशिया]] के बड़े हिस्सों पर कब्जा किया। १९४५ में जाकर मित्रपक्ष शक्तियों की जीत होने पर अक्ष शक्तियों का गुट ख़त्म हो गया। युद्ध के दौरान अक्ष दल बदलता रहा क्योंकि कुछ राष्ट्र इसके अन्दर-बाहर आते और जाते रहे।<ref name="ref05hacab">[http://books.google.com/books?id=ZypnAAAAMAAJ Germany and the Axis powers from coalition to collapse], आर० एल० डीनार्डो, कन्सास विश्वविद्यालय प्रेस, २००५, आइ०एस०बी०एन० 978-0-7006-1412-7</ref>


== इन्हें भी देखें ==
== इन्हें भी देखें ==

17:05, 1 मार्च 2015 का अवतरण

जर्मनी, जापान, और इटली के झंडे बर्लिन मे ज़ू स्ट्रीट स्थित जापान के दूतावास पर (सितम्बर १९४०)
जर्मनी का Führer एडोल्फ हिटलर (दायें ) इटली के Duce बेनितो मुसोलिनि (बाएं) के बगल मे
जापान के प्रधानमंत्री हिदेकी तोजो (बीच मे) ग्रेटर इस्ट एसिआ को-प्रोस्पेरीटी स्फेअर के सरकारी प्रतिनिधियों के साथ। तोजो के बाएं, बाएं से दायें ओर: बर्मा के बा मॉ, चीन के झांग झिंगुइ, वांग जिंगवेई। तोजो के दायें तरफ, बाएं से दायें ओर, थाईलैंड के वां वैथा याकों, फिलीपींस के जोज़ पी लौरेल, भारत से सुभाष चन्द्र बोस

अक्ष शक्तियाँ या ऐक्सिस शक्तियाँ या ध्रुवीय शक्तियाँ (अंग्रेज़ी: Axis Powers,जर्मन: Achsenmächte, जापानी: 枢軸国 Sūjikukoku, इतालवी: Potenze dell'Asse) उन देशों का गुट था जिन्होनें द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी और जापान का साथ दिया और मित्रपक्ष शक्तियों (ऐलाइड शक्तियों) के ख़िलाफ़ लड़े। अक्ष शक्तियों का गुट सन् १९३६ में शुरू हुआ जब जर्मनी ने जापान और इटली के साथ साम्यवाद विरोधी संधियों पर दस्तख़त किये। रोम-बर्लिन १९३९ स्टील संधि के अन्तर्गत सामरिक गुट बन गये, १९४० के ट्राइपर्टाइल संधि के साथ जर्मनी और उसके गुट के दोनो मित्र देशो के सामरिक लक्ष्य एक हो गये। द्वितीय विश्वयुद्ध में अपने चरम पर अक्षीय ताक़तों ने यूरोप, अफ़्रीका और पूर्वी व दक्षिण-पूर्वी एशिया के बड़े हिस्सों पर कब्जा किया। १९४५ में जाकर मित्रपक्ष शक्तियों की जीत होने पर अक्ष शक्तियों का गुट ख़त्म हो गया। युद्ध के दौरान अक्ष दल बदलता रहा क्योंकि कुछ राष्ट्र इसके अन्दर-बाहर आते और जाते रहे।[1]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Germany and the Axis powers from coalition to collapse, आर० एल० डीनार्डो, कन्सास विश्वविद्यालय प्रेस, २००५, आइ०एस०बी०एन० 978-0-7006-1412-7