"उत्तरायण सूर्य": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
उत्तरायण नामक पन्ने से सामग्री ले आकर स्थापित किया
संदर्भ
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''उत्तरायण सूर्य''', सूर्य की एक दशा है। [[मकर संक्रांति]] से लेकर [[कर्क संक्रांति]] के बीच के छः मास के समयान्तराल को '''उत्तरायण''' कहते हैं। 'उत्तरायण' (= उत्तर + आयण) का शाब्दिक अर्थ है - 'उत्तर में आना', अर्थात् [[सूर्य]] का उत्तर में आना या सूर्य का ठीक पूर्व से न निकलकर थोड़ा उत्तर दिशा से निकलना। इसके विपरीत कर्क संक्रांति से लेकर मकर संक्रांति के बीच के छः मास के काल को दक्षिणायन कहते हैं।
'''उत्तरायण सूर्य''', सूर्य की एक दशा है। [[मकर संक्रांति]] से लेकर [[कर्क संक्रांति]] के बीच के छः मास के समयान्तराल को '''उत्तरायण''' कहते हैं।<ref name=SS>{{cite book|first=Ebenezer|last=Burgess|title=The Surya Siddhantha - A Textbook of Hindu Astronomy|year=1858|url=http://books.google.co.in/books?id=jpE7AAAAcAAJ&printsec=frontcover&redir_esc=y#v=onepage&q&f=false|publisher=American Oriental Society|at=Chapter 14, Verse 7-9}}</ref><ref name="Lochtefeld2002">{{cite book|author=James G. Lochtefeld|title=The Illustrated Encyclopedia of Hinduism: A-M|url=http://books.google.com/books?id=5kl0DYIjUPgC&pg=PA351|year=2002|publisher=The Rosen Publishing Group|isbn=978-0-8239-3179-8|pages=351–}}</ref>
'उत्तरायण' (= उत्तर + अयन) का शाब्दिक अर्थ है - 'उत्तर में गमन', अर्थात् [[सूर्य]] का उत्तर में आना या सूर्य का ठीक पूर्व से न निकलकर थोड़ा उत्तर दिशा से निकलना। इसके विपरीत कर्क संक्रांति से लेकर मकर संक्रांति के बीच के छः मास के काल को दक्षिणायन कहते हैं।


उत्तरायण का आरंभ १४ जनवरी (या कभी-कभी १५ जनवरी) को होता है। जब सूर्य देव मकर राशि मे प्रवेश करते है। उत्तरायण के बाद दक्षिणायण का आरंभ १४ जुलाई को होता है। सूर्य देव के उत्तरायण मे प्रवेश करने के उपलक्ष मे हिन्दुओ द्वारा मकर संक्राति का पर्व मनाया जाता है।
उत्तरायण का आरंभ १४ जनवरी (या कभी-कभी १५ जनवरी) को होता है। जब सूर्य देव मकर राशि मे प्रवेश करते है। उत्तरायण के बाद दक्षिणायण का आरंभ १४ जुलाई को होता है। सूर्य देव के उत्तरायण मे प्रवेश करने के उपलक्ष मे हिन्दुओ द्वारा मकर संक्राति का पर्व मनाया जाता है।

10:26, 14 जनवरी 2015 का अवतरण

उत्तरायण सूर्य, सूर्य की एक दशा है। मकर संक्रांति से लेकर कर्क संक्रांति के बीच के छः मास के समयान्तराल को उत्तरायण कहते हैं।[1][2] 'उत्तरायण' (= उत्तर + अयन) का शाब्दिक अर्थ है - 'उत्तर में गमन', अर्थात् सूर्य का उत्तर में आना या सूर्य का ठीक पूर्व से न निकलकर थोड़ा उत्तर दिशा से निकलना। इसके विपरीत कर्क संक्रांति से लेकर मकर संक्रांति के बीच के छः मास के काल को दक्षिणायन कहते हैं।

उत्तरायण का आरंभ १४ जनवरी (या कभी-कभी १५ जनवरी) को होता है। जब सूर्य देव मकर राशि मे प्रवेश करते है। उत्तरायण के बाद दक्षिणायण का आरंभ १४ जुलाई को होता है। सूर्य देव के उत्तरायण मे प्रवेश करने के उपलक्ष मे हिन्दुओ द्वारा मकर संक्राति का पर्व मनाया जाता है।

सन्दर्भ

  1. Burgess, Ebenezer (1858). The Surya Siddhantha - A Textbook of Hindu Astronomy. American Oriental Society. Chapter 14, Verse 7-9.
  2. James G. Lochtefeld (2002). The Illustrated Encyclopedia of Hinduism: A-M. The Rosen Publishing Group. पपृ॰ 351–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-8239-3179-8.

बाहरी कड़ियाँ