"अयनांत": अवतरणों में अंतर

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09:26, 14 जनवरी 2015 का अवतरण

अयनांत एक खगोलीय घटना है जो वर्ष में दो बार घटित होती है जब सूर्य खगोलीय गोले में खगोलीय मध्य रेखा के सापेक्ष अपनी उच्चतम अथवा निम्नतम अवस्था में भ्रमण करता है। विषुव और अयनांत मिलकर एक ऋतु का निर्माण करते हैं। विभिन्न सभ्यताओं में अयनांत को ग्रीष्मकाल और शीतकाल की शुरुआत अथवा मध्य बिन्दु माना जाता है।[1]


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सन्दर्भ

  1. श्याम सुन्दर शर्मा (२००९). अंटार्कटिक भविष्य का महाद्वीप. प्रभात प्रकाशन. पृ॰ ५८. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788177210590.