"एस्पेरान्तो का प्राग इश्तिहार": अवतरणों में अंतर

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ऎस्पॆरान्तो की प्रगति चाहने वाले हम लोग यह इश्ितहार सब सरकारों अन्तर्राष्ट्रीय संन्स्थाओं, और सज्जनों के नाम दे रहे हैं; यहाँ िदये गए उद्देश्यों की ओर दृढ़ िनश्चय से काम करने की घोषणा कर रहे हैं; और सब संन्स्थाओं और लोगों को हमारे प्रयास में जुटने का िनमन्त्रण दे रहे हैं।


ऎस्पॆरान्तो -- िजसका आगाज़ १८८७ में अन्तर्राष्ट्रीय संप्रेषण के िलये एक सहायक भाषा के रूप में हुआ था, और जो जल्दी ही अपने आप में एक जीती जागती ज़बान बन गई -- िपछले एक शताब्दी से लोगों को भाषा और संस्कृित की दीवारों को पार कराने का काम कर रही है। िजन उद्देश्यों से ऎस्पॆरान्तो बोलने वाले प्रेिरत होते आए हैं, वो उद्देश्य आज भी उतने ही महत्वपूर्ण और सार्थक हैं। ना दुिनया भर में कुछ ही राष्ट्रीय भाषाओं के इस्तेमाल होने से, ना संप्रेषण तकनीकों में प्रगित से, ना ही भाषा िसखाने के नए तौर-तरीक़ों से, यह िनम्निलिखत मूल यथार्त हो पायेंगे िजन्हें हम सच्ची और साधक भाषा प्रणाली के िलए अिनवार्य मानते हैं।
ऎस्पॆरान्तो -- िजसका आगाज़ १८८७ में अन्तर्राष्ट्रीय संप्रेषण के िलये एक सहायक भाषा के रूप में हुआ था, और जो जल्दी ही अपने आप में एक जीती जागती ज़बान बन गई -- िपछले एक शताब्दी से लोगों को भाषा और संस्कृित की दीवारों को पार कराने का काम कर रही है। िजन उद्देश्यों से ऎस्पॆरान्तो बोलने वाले प्रेिरत होते आए हैं, वो उद्देश्य आज भी उतने ही महत्वपूर्ण और सार्थक हैं। ना दुिनया भर में कुछ ही राष्ट्रीय भाषाओं के इस्तेमाल होने से, ना संप्रेषण तकनीकों में प्रगित से, ना ही भाषा िसखाने के नए तौर-तरीक़ों से, यह िनम्निलिखत मूल यथार्त हो पायेंगे िजन्हें हम सच्ची और साधक भाषा प्रणाली के िलए अिनवार्य मानते हैं।

20:40, 22 फ़रवरी 2004 का अवतरण



ऎस्पॆरान्तो -- िजसका आगाज़ १८८७ में अन्तर्राष्ट्रीय संप्रेषण के िलये एक सहायक भाषा के रूप में हुआ था, और जो जल्दी ही अपने आप में एक जीती जागती ज़बान बन गई -- िपछले एक शताब्दी से लोगों को भाषा और संस्कृित की दीवारों को पार कराने का काम कर रही है। िजन उद्देश्यों से ऎस्पॆरान्तो बोलने वाले प्रेिरत होते आए हैं, वो उद्देश्य आज भी उतने ही महत्वपूर्ण और सार्थक हैं। ना दुिनया भर में कुछ ही राष्ट्रीय भाषाओं के इस्तेमाल होने से, ना संप्रेषण तकनीकों में प्रगित से, ना ही भाषा िसखाने के नए तौर-तरीक़ों से, यह िनम्निलिखत मूल यथार्त हो पायेंगे िजन्हें हम सच्ची और साधक भाषा प्रणाली के िलए अिनवार्य मानते हैं।

लोकतंत्र

ऐसी संचार-प्रणाली जो िकसी एक को ख़ास फ़ायदा प्रदान करते हुए औरों से यह चाहे िक वे सालों भर का प्रयास करें और वो भी एक मामूली योग्यता प्राप्त करने के िलए, ऐसी प्रणाली बुिनयादी तौर पर अलौकतांित्रक है। यद्यिप ऎस्पॆरान्तो, और ज़बानों की तरह ही, दोष-हीन नहीं है, पर िवश्वव्यापक समान संप्रेषण के िलए, ऎस्पॆरान्तो बाकी भाषाओं से कहीं बेहतर है।

हम मानते हैं िक भाषा असमता संप्रेषण असमता को हर स्तर पर पैदा करती है, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी। हमारा आन्दोलन लोकतांित्रक संप्रेषण का आन्दोलन है।

िवश्वव्यापी िवद्या

हर जातीय भाषा िकसी ना िकसी संस्कृित और देश से िमली जुड़ी हुई है। िमसाल के तौर पे, अंग्रेज़ी सीखता छात्र दुिनया के अंग्रेज़ी बोलने वाले देशों के बारे में सीखता है -- ख़ास कर, अमेिरका और इंग्लैंड के बारे में। ऎस्पॆरान्तो सीखने वाला छात्र एक ऐसी दुिनया के बारे में सीखता है िजसमे सीमाएँ नहीं हैं, जहाँ हर देश घर है।

हमारा मत है िक हर भाषा में दी गयी िवद्या िकसी ना िकसी दृष्िटकोण से जुड़ी हुई है। हमारा आन्दोलन िवश्वव्यापी िवद्या का आन्दोलन है।

प्रभावशील िवद्या

िवदेशी भाषा सीखने वालों में कुछ प्रितशत ही िवदेशी भाषा में धाराप्रवाह हािसल कर पाते हैं। ऎस्पॆरान्तो में धाराप्रवाह घर बैठ कर पढ़ाई से भी मुमिकन है। कई शोध-पत्रों में सािबत िकया गया है िक ऎस्पॆरान्तो सीखने से अन्य भाषाओं का सीखना आसान हो जाता है। यह भी अनुशंिसत िकया गया है िक भाषा-चेतना के पाठ्यक्रमों की बुिनयाद में ही ऎस्पॆरान्तो सिम्मिलत होना चािहए।

हमारा मत है िक हर भाषा में दी गयी िवद्या िकसी ना िकसी दृषि्टकोण से जुड़ी हुई है। हमारा आन्दोलन िवश्वव्यापी िवद्या का आन्दोलन है।

बहुभाष्यता

ऎस्पॆरान्तो समुदाय उन चुने-िगने िवश्वव्यापी समुदायों में से है िजनका हर सदस्य दुभाषी या बहुभाषी है। इस समुदाय के हर सदस्य ने कम से कम एक िवदेशी भाषा को बोलचाल-स्तर तक सीखने का प्रयास िकया है। कई बार इस कारण अनेक भाषाओं का ग्यान और अनेक भाषाओं के प्रित प्रेम पैदा हुआ है -- और व्यापक स्तर पे -- निजि मानसिक-क्शितिजों में बढ़ौत्री हुई है।

हम मानते हैं िक हर इनसान को, चाहे वो छोटी ज़बान बोलने वाला हो, या बड़ी, एक दूसरी ज़बान उच्च-स्तर तक सीखने का मौका िमलना चािहए। हमारा आन्दोलन वह मौका हर एक को देता है।

भाषा-अिधकार

भाषाओं की ताकतों का असमान िवतरण, दुिनया में ज़्यादातर लोगों में भाषा असुरक्शा पैदा करती है, या िफर यह असमानता खुले आम भाषा अत्याचार का रूप लेती है। ऎस्पॆरान्तो समुदाय का हर सदस्य, चाहे वो ताकतवर ज़बान का बोलने वाला हो, या बलहीन, एक समान स्तर पर हर दूसरे सदस्य से िमलता है, समझौता करने के िलए तय्यार। भाषा अिधकारों और िज़म्मेवािरयों का यह समतुलन, अन्य भाषा असमानताओं और संघर्षणों की कसौटी है।

भाषा जो भी हो, बरताव एक ही होगा -- हम मानते हैं िक कई अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों में व्यक्त िकया गया यह िसद्धांत, भाषाओं की ताकत में असमानताओं के कारण नसार्थक बन रहा है। हमारा आन्दोलन भाषा-अिधकारों का आन्दोलन है।

भाषा विभिन्नता

सरकारें दुिनया की िवशाल भाषा विभिन्नता को संप्रेषण और तरक्की के रास्ते में एक दीवार मानती हैं। मगर ऎस्पॆरान्तो समुदाय भाषा विभिन्नता को एक अत्यावष्यक और िनरन्तर धन के रूप में देखती है। इस कारण, हर भाषा, हर प्रकार के जीव-जन्तु की तरह, सहायता और सुरक्शा के लायक है।

हमारा मत है िक संप्रेषण और िवकास की नीितयाँ जो सब ज़बानों के सम्मान और सहायता पर आधािरत नहीं है, वह नीितयाँ दुिनया के अिधकतर भाषाओं के िलए सज़ा-ए-मौत सािबत होंगी। हमारा आन्दोलन भाषा विभिन्नता का आन्दोलन है।

मानव बन्धनमुिक्त

हम मानते हैं िक केवल जातीय भाषाओं पर आधािरत रहना अभिव्यक्ति, संप्रेषण, और संघठन की स्वतंत्रता में अवश्य ही बाधाएँ पैदा करती है। हमारा आन्दोलन मानव बन्धनमुिक्त का आन्दोलन है।