"बालकृष्ण": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
No edit summary
छो 115.111.245.10 (Talk) के संपादनों को हटाकर संजीव कुमार के आखिरी अवत...
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{प्रशंसक दृष्टिकोण|date=अक्टूबर 2014}}
'''बालकृष्ण''' [[आयुर्वेद]] के आचार्य और योग गुरु बाबा [[रामदेव]] के सहयोगी हैं। आयुर्वेदिक औषधियों और जड़ी-बूटी का ज्ञान रखने वाले बालकृष्ण का जन्म दिवस (४ अगस्त) 'जड़ी-बूटी दिवस' के रूप मे मनाया जाता हैं।
'''बालकृष्ण''' [[आयुर्वेद]] के आचार्य और योग गुरु बाबा [[रामदेव]] के सहयोगी हैं। आयुर्वेदिक औषधियों और जड़ी-बूटी का ज्ञान रखने वाले बालकृष्ण का जन्म दिवस (४ अगस्त) 'जड़ी-बूटी दिवस' के रूप मे मनाया जाता हैं।
<ref>http://navbharattimes.indiatimes.com/state/uttar-pradesh/ghaziabad/acharya-balkrishna-herbal-celebrating-the-birthday-of-the-day/articleshow/39700793.cms</ref>
<ref>http://navbharattimes.indiatimes.com/state/uttar-pradesh/ghaziabad/acharya-balkrishna-herbal-celebrating-the-birthday-of-the-day/articleshow/39700793.cms</ref>

07:39, 18 अक्टूबर 2014 का अवतरण

बालकृष्ण आयुर्वेद के आचार्य और योग गुरु बाबा रामदेव के सहयोगी हैं। आयुर्वेदिक औषधियों और जड़ी-बूटी का ज्ञान रखने वाले बालकृष्ण का जन्म दिवस (४ अगस्त) 'जड़ी-बूटी दिवस' के रूप मे मनाया जाता हैं। [1] [2] [3] [4][5]

प्रमुख कार्य

  • आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि योगपीठ के आयुर्वेद केंद्र के माध्यम से भारत की पारंपरिक आयुर्वेद पद्धति को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। कुछ लोगों का मानना है की पारंपरिक ज्ञान का ऐसा व्यवसायीकरण करना ठीक नहीं है, लेकिन हमारी वैदिक ज्ञान का प्रचार-प्रसार करने के लिए ऐसा प्रयोग करना आवश्यक है।[6]
  • बालकृष्ण आयुर्वेदिक औषधियों के विकास के साथ-साथ ऋषियों की ज्ञान परंपरा को भी पुस्तकों के माध्याम से सरल शब्दों में पिरोकर समाज सेवा का कार्य कर रहे हैं।[7]
  • आचार्य बालकृष्ण ने आधुनिक शिक्षा के साथ साथ वैदिक शिक्षा को महत्व देने के लिए स्वामी रामदेव के साथ मिलकर हरिद्वार में आचार्यकुलम की स्थापना की है जो भारत की वैदिक परंपरा और संस्कृति को आगे बढ़ाने में सहायक है । [8]
  • नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान की सफलता के लिए पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ६५० जिलों में अभियान चलाएगा जिसका निर्देशन आचार्य बालकृष्ण करेंगे। बालकृष्ण कहते हैं कि अभियान की सफलता से भारत की जो नकारात्मक छवि देश और दुनिया में बनी हुयी है वो बदलेगी और गंदगी के कारण होने वाले संक्रामक रोगों से लोगों की रक्षा होगी और उनका स्वास्थ्य सुधरेगा। बालकृष्ण ने सभी देशवासियों से इस आंदोलन को जनांदोलन बनाने का आह्वान किया है साथ ही ये भी कहा है कि प्रत्येक नागरिक ये संकल्प ले कि न तो वो गंदगी फैलाएगा और न ही किसी और को फैलाने देगा।[9]

[10]

रचित ग्रन्थ

  • आयुर्वेद सिद्धान्त रहस्य[11]
  • आयुर्वेद जड़ी-बूटी रहस्य[12]
  • भोजन कौतुहलम्
  • आयुर्वेद महोदधि
  • अजीर्णामृत मंजरी
  • विचार क्रांति (नेपाली ग्रंथ)[13]

समालोचना

आचार्य बालकृष्ण के साथ कुछ विवाद भी जुड़े जिसमें उनकी नागरिकता और शैक्षिक प्रमाणपत्रों पर सवाल उठे। [14]

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ