"सदस्य वार्ता:Hinduparivar": अवतरणों में अंतर

पृष्ठ की सामग्री दूसरी भाषाओं में उपलब्ध नहीं है।
मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
 
 
पंक्ति 2: पंक्ति 2:


-- [[सदस्य:नया सदस्य सन्देश|नया सदस्य सन्देश]] ([[सदस्य वार्ता:नया सदस्य सन्देश|वार्ता]]) 15:19, 14 सितंबर 2014 (UTC)
-- [[सदस्य:नया सदस्य सन्देश|नया सदस्य सन्देश]] ([[सदस्य वार्ता:नया सदस्य सन्देश|वार्ता]]) 15:19, 14 सितंबर 2014 (UTC)

== जो खुदकी मदद करता है, ईश्वर उसीकी सहायता करता है ==

जो खुदकी मदद करता है, ईश्वर उसीकी सहायता करता है |
अपने धर्म की महत्ता, धर्मगुरुओं की महत्ता नहीं जानोगे, तो आनेवाले समय में अपनी पहचान खो दोगे |
इसमें धर्म की हानी नहीं, तुम्हारी आध्यात्मिक हानी है , क्युं की धर्म की रक्षा, संस्थापना किसी भी हालत में होकर रहेगी; परंतु तुम धर्म की राहसे भटक जाओगे तो तुम्हारी हालत जरुर धोबी के कुत्ते की तरह होगी | धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का | ऐसी कुत्ते की मौत मरने से अच्छा आजसे ही अपनी संस्कृति, धर्म और अध्यात्म की पहचान करा लो, सत्संग करो, संतों को आश्रय दो और उनका आध्यात्मिक बल ग्रहण करो जो देने के लिए वे प्रस्तुत है | स्वयं अपनी मदद करो, फिर देखो ईश्वर कितनी देर तुमसे दूर रह पाते है |

05:16, 20 सितंबर 2014 के समय का अवतरण

स्वागत!  नमस्कार Hinduparivar जी! आपका हिन्दी विकिपीडिया में स्वागत है।

-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 15:19, 14 सितंबर 2014 (UTC)[उत्तर दें]

जो खुदकी मदद करता है, ईश्वर उसीकी सहायता करता है[संपादित करें]

जो खुदकी मदद करता है, ईश्वर उसीकी सहायता करता है | अपने धर्म की महत्ता, धर्मगुरुओं की महत्ता नहीं जानोगे, तो आनेवाले समय में अपनी पहचान खो दोगे | इसमें धर्म की हानी नहीं, तुम्हारी आध्यात्मिक हानी है , क्युं की धर्म की रक्षा, संस्थापना किसी भी हालत में होकर रहेगी; परंतु तुम धर्म की राहसे भटक जाओगे तो तुम्हारी हालत जरुर धोबी के कुत्ते की तरह होगी | धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का | ऐसी कुत्ते की मौत मरने से अच्छा आजसे ही अपनी संस्कृति, धर्म और अध्यात्म की पहचान करा लो, सत्संग करो, संतों को आश्रय दो और उनका आध्यात्मिक बल ग्रहण करो जो देने के लिए वे प्रस्तुत है | स्वयं अपनी मदद करो, फिर देखो ईश्वर कितनी देर तुमसे दूर रह पाते है |