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'''बुरहानुद्दीन रब्बानी''' ({{lang-fa|برهان الدين رباني}} ) ([[१९४०]]- [[२० सितंबर]]) [[अफगानिस्तान]] के १९९२ से १९९६ तक और २००१ मे दूसरे कार्यकाल के राष्ट्रपति थे। |
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रब्बानी जमीयत - ए इस्लामी अफगानिस्तान (अफगानिस्तान के इस्लामिक सोसाइटी) के नेता थे। उन्होंने यूनाइटेड इस्लामिक फ्रंट (UIFSA) के राजनीतिक प्रमुख के रूप में भी काम किया। यह विभिन्न राजनीतिक दलो का एक गठबंधन था, जो अफगानिस्तान में [[तालिबान]] शासन खिलाफ लड़ा। वे १९९२-१९९६ से राष्ट्रपति थे, जब उन्हे तालिबान अधिग्रहण की वजह से [[काबुल]] शहर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। उनकी सरकार को कई देशों और संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त थी। |
रब्बानी जमीयत - ए इस्लामी अफगानिस्तान (अफगानिस्तान के इस्लामिक सोसाइटी) के नेता थे। उन्होंने यूनाइटेड इस्लामिक फ्रंट (UIFSA) के राजनीतिक प्रमुख के रूप में भी काम किया। यह विभिन्न राजनीतिक दलो का एक गठबंधन था, जो अफगानिस्तान में [[तालिबान]] शासन खिलाफ लड़ा। वे १९९२-१९९६ से राष्ट्रपति थे, जब उन्हे तालिबान अधिग्रहण की वजह से [[काबुल]] शहर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। उनकी सरकार को कई देशों और संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त थी। |
04:52, 12 सितंबर 2014 का अवतरण
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बुरहानुद्दीन रब्बानी (फ़ारसी: برهان الدين رباني ) (१९४०- २० सितंबर) अफगानिस्तान के १९९२ से १९९६ तक और २००१ मे दूसरे कार्यकाल के राष्ट्रपति थे।
रब्बानी जमीयत - ए इस्लामी अफगानिस्तान (अफगानिस्तान के इस्लामिक सोसाइटी) के नेता थे। उन्होंने यूनाइटेड इस्लामिक फ्रंट (UIFSA) के राजनीतिक प्रमुख के रूप में भी काम किया। यह विभिन्न राजनीतिक दलो का एक गठबंधन था, जो अफगानिस्तान में तालिबान शासन खिलाफ लड़ा। वे १९९२-१९९६ से राष्ट्रपति थे, जब उन्हे तालिबान अधिग्रहण की वजह से काबुल शहर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। उनकी सरकार को कई देशों और संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त थी।
२० सितंबर, २०११ को एक आत्मघाती हमलावर ने काबुल में पूर्व राष्ट्रपति के घर में प्रवेश कर रब्बानी हत्या कर दी[1]।