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==सरस्वती नदी==
==सरस्वती नदी==
कई भू-विज्ञानी मानते हैं, और ऋग्वेद में भी उल्लेखित है, कि हज़ारों साल पहले सत्लज (जो [[सिन्धु]] की सहायक नदी है) और [[यमुना]] (जो [[गंगा]] की सहायक नदी है) के बीच एक विशाल नदी बहती थी जो हिलामय से लेकर अरब सागर तक जाती थी । आज ये भूगर्भी बदलाव की वजह से सूख गयी है । [[ऋग्वेद]] में वर्णित प्राचीन [[वैदिक काल]] में इस नदी सरस्वती को नदीतमा की उपाधि दी गयी है । उनकी सभ्यता में सरस्वती ही सबसे बड़ी और मुख्य नदी थी, [[गंगा]] नहीं । नोट करें कि इस सरस्वती का इलाहाबद (प्रयाग) से कोई सम्बन्ध नहीं था -- ये बातें बाद के समये के मिथक हैं । कुछ इतिहासकार (ख़ासकर कि कम्युनिस्ट) किसी सरस्वती नदी का अस्तित्व नहीं मानते
कई भू-विज्ञानी मानते हैं, और ऋग्वेद में भी उल्लेखित है, कि हज़ारों साल पहले सत्लज (जो [[सिन्धु]] की सहायक नदी है) और [[यमुना]] (जो [[गंगा]] की सहायक नदी है) के बीच एक विशाल नदी बहती थी जो हिलामय से लेकर अरब सागर तक जाती थी । आज ये भूगर्भी बदलाव की वजह से सूख गयी है । [[ऋग्वेद]] में वर्णित प्राचीन [[वैदिक काल]] में इस नदी सरस्वती को नदीतमा की उपाधि दी गयी है । उनकी सभ्यता में सरस्वती ही सबसे बड़ी और मुख्य नदी थी, [[गंगा]] नहीं । नोट करें कि इस सरस्वती का इलाहाबाद (प्रयाग) से कोई सम्बन्ध नहीं था -- ये बातें बाद के समय के मिथक हैं ।


==सरस्वती देवी==
==सरस्वती देवी==

03:59, 10 अगस्त 2006 का अवतरण

सरस्वती हिन्दू धर्म की प्रमुख देवियों में से एक हैं । ऋग्वेद में देवी सरस्वती नदी की देवी थीं । इस नदी विशेष को भी सरस्वती नदी कहा जाता है ।

सरस्वती नदी

कई भू-विज्ञानी मानते हैं, और ऋग्वेद में भी उल्लेखित है, कि हज़ारों साल पहले सत्लज (जो सिन्धु की सहायक नदी है) और यमुना (जो गंगा की सहायक नदी है) के बीच एक विशाल नदी बहती थी जो हिलामय से लेकर अरब सागर तक जाती थी । आज ये भूगर्भी बदलाव की वजह से सूख गयी है । ऋग्वेद में वर्णित प्राचीन वैदिक काल में इस नदी सरस्वती को नदीतमा की उपाधि दी गयी है । उनकी सभ्यता में सरस्वती ही सबसे बड़ी और मुख्य नदी थी, गंगा नहीं । नोट करें कि इस सरस्वती का इलाहाबाद (प्रयाग) से कोई सम्बन्ध नहीं था -- ये बातें बाद के समय के मिथक हैं ।

सरस्वती देवी

सरस्वती को वेदों में देवी कहा गया है और बहने की वजह से इसे वाक्-देवी माना गया । इस तरह सरस्वती बहते हुए शुद्ध जल के माफ़िक वाणी, ज्ञान, बुद्धि, विज्ञान और संगीत की देवी हो गयीं । बाद की पौराणिक कहानियों में इनको ब्रह्मा की पत्नी मान लिया गया । इनका वाहन हंस माना जाता है और इनके हाथों में वीणा, वेद और माला होती है । हिन्दू कोई भी पाठ्यकर्म के पहले इनकी पूजा करते हैं ।