"भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान": अवतरणों में अंतर

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'''भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान''' भारत में [[उड़ीसा]] के केंद्रपाड़ा जिले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है. इस उद्यान में भितरकनिका सदाबहार का 672 वर्ग किमी का क्षेत्र शामिल है, <ref> http://bhitarkanika.in/</ref> यह एक [[मैन्ग्रोव|सदाबहार दलदल]] है जो कि ब्राह्मणी, बैतरनी और धामरा [[नदीमुख-भूमि|नदियों के मुहाने]] पर स्थित है. यह राष्ट्रीय पार्क, भितरकनिका वन्यजीव अभयारण्य से घिरा हुआ है. इसके पूर्व में गाहिरमथा बीच स्थित है, और [[बंगाल की खाड़ी]] से वनस्पतियों को अलग करती है.
'''भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान''' भारत में [[उड़ीसा]] के केंद्रपाड़ा जिले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है. इस उद्यान में भितरकनिका सदाबहार का 672 वर्ग किमी का क्षेत्र शामिल है,<ref> http://bhitarkanika.in/</ref> यह एक [[मैन्ग्रोव|सदाबहार दलदल]] है जो कि ब्राह्मणी, बैतरनी और धामरा [[नदीमुख-भूमि|नदियों के मुहाने]] पर स्थित है. यह राष्ट्रीय पार्क, भितरकनिका वन्यजीव अभयारण्य से घिरा हुआ है. इसके पूर्व में गाहिरमथा बीच स्थित है, और [[बंगाल की खाड़ी]] से वनस्पतियों को अलग करती है.


पार्क में खारे पानी के मगरमच्छों (''क्रोकोडिलस पोरोसस),'' ) सफेद मगरमच्छ, भारतीय अजगर, एक प्रकार के कालेपक्षी और बानकरों की अधिकता है. गाहिरमथा और पास के अन्य समुद्र तटों के घोंसलो पर ओलिव रिडले समुद्री कछुए (''लेपिडोचेलिस ओलिवासिया'' ) हैं.
पार्क में खारे पानी के मगरमच्छों (''क्रोकोडिलस पोरोसस),'' ) सफेद मगरमच्छ, भारतीय अजगर, एक प्रकार के कालेपक्षी और बानकरों की अधिकता है. गाहिरमथा और पास के अन्य समुद्र तटों के घोंसलो पर ओलिव रिडले समुद्री कछुए (''लेपिडोचेलिस ओलिवासिया'' ) हैं.
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'''वनस्पति''' : कच्छ वनस्पति, सुंदरी, थेस्पिया, कासुअरिना जैसे वृक्ष और नील झाड़ी और कई अन्य घास हैं.
'''वनस्पति''' : कच्छ वनस्पति, सुंदरी, थेस्पिया, कासुअरिना जैसे वृक्ष और नील झाड़ी और कई अन्य घास हैं.


'''जीव''' : खारे पानी के मगरमच्छ, सफेद मगरमच्छ, भारतीय अजगर, एक प्रकार के काले पक्षी, जंगली सूअर, रीसस बंदरों, चीतल, बानकर, कोबरा, पानी में रहने वाली छिपकली आदि इस उद्यान की शोभा हैं. गाहिरमथा और अन्य पास के समुद्र तटों के घोंसले पर ओलिव रिडले समुद्री-कछुए रहते है.भारत में सबसे बड़े खतरे में रहे समुद्री मगरमच्छ की आबादी भितरकनिका में उपलब्ध है और 10 प्रतिशत वयस्क कछुओं की लंबाई 6 मीटर की है जो कि दुनिया भर में अनूठा है. लगभग 700 समुद्री मगरमच्छ नदियों और खाड़ियों में रहते हैं <ref>[http://www.wwfindia.org/about_wwf/what_we_do/freshwater_wetlands/our_work/ramsar_sites/bhitarkanika_mangroves_.cfm भितरकनिका में मगरमच्छ]</ref>
'''जीव''' : खारे पानी के मगरमच्छ, सफेद मगरमच्छ, भारतीय अजगर, एक प्रकार के काले पक्षी, जंगली सूअर, रीसस बंदरों, चीतल, बानकर, कोबरा, पानी में रहने वाली छिपकली आदि इस उद्यान की शोभा हैं. गाहिरमथा और अन्य पास के समुद्र तटों के घोंसले पर ओलिव रिडले समुद्री-कछुए रहते है.भारत में सबसे बड़े खतरे में रहे समुद्री मगरमच्छ की आबादी भितरकनिका में उपलब्ध है और 10 प्रतिशत वयस्क कछुओं की लंबाई 6 मीटर की है जो कि दुनिया भर में अनूठा है. लगभग 700 समुद्री मगरमच्छ नदियों और खाड़ियों में रहते हैं<ref>[http://www.wwfindia.org/about_wwf/what_we_do/freshwater_wetlands/our_work/ramsar_sites/bhitarkanika_mangroves_.cfm भितरकनिका में मगरमच्छ]</ref>


'''एवियन-पशुवर्ग''' : किंगफिशर की आठ किस्मों सहित पक्षिवृन्द की 215 प्रजातियां यहां पाए जाते हैं. एशियाई ओपन बिल, जलकौवा, बानकर, एक प्रकार के काले पक्षी, एग्रेट्स, जैसे पक्षियों को अक्सर उद्यान में देखा जाता है.
'''एवियन-पशुवर्ग''' : किंगफिशर की आठ किस्मों सहित पक्षिवृन्द की 215 प्रजातियां यहां पाए जाते हैं. एशियाई ओपन बिल, जलकौवा, बानकर, एक प्रकार के काले पक्षी, एग्रेट्स, जैसे पक्षियों को अक्सर उद्यान में देखा जाता है.

06:32, 1 सितंबर 2014 का अवतरण

भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान
आईयूसीएन श्रेणी द्वितीय (II) (राष्ट्रीय उद्यान)
भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान की अवस्थिति दिखाता मानचित्र
भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान की अवस्थिति दिखाता मानचित्र
अवस्थितिओडीशा,  भारत
निकटतम शहरकेन्द्रपाड़ा
क्षेत्रफल६७२ वर्ग कि.मी.
स्थापित१९७५
शासी निकायवन एवं पर्यावरण मंत्रालय (भारत)

भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान भारत में उड़ीसा के केंद्रपाड़ा जिले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है. इस उद्यान में भितरकनिका सदाबहार का 672 वर्ग किमी का क्षेत्र शामिल है,[1] यह एक सदाबहार दलदल है जो कि ब्राह्मणी, बैतरनी और धामरा नदियों के मुहाने पर स्थित है. यह राष्ट्रीय पार्क, भितरकनिका वन्यजीव अभयारण्य से घिरा हुआ है. इसके पूर्व में गाहिरमथा बीच स्थित है, और बंगाल की खाड़ी से वनस्पतियों को अलग करती है.

पार्क में खारे पानी के मगरमच्छों (क्रोकोडिलस पोरोसस), ) सफेद मगरमच्छ, भारतीय अजगर, एक प्रकार के कालेपक्षी और बानकरों की अधिकता है. गाहिरमथा और पास के अन्य समुद्र तटों के घोंसलो पर ओलिव रिडले समुद्री कछुए (लेपिडोचेलिस ओलिवासिया ) हैं.

राष्ट्रीय उद्यान को सितम्बर 1998 में भितरकनिका वन्यजीव अभयारण्य के कोर क्षेत्र से बनाया गया, जिसका निर्माण 1975 में किया गया था.

वनस्पति और जीव-जंतु

वनस्पति : कच्छ वनस्पति, सुंदरी, थेस्पिया, कासुअरिना जैसे वृक्ष और नील झाड़ी और कई अन्य घास हैं.

जीव : खारे पानी के मगरमच्छ, सफेद मगरमच्छ, भारतीय अजगर, एक प्रकार के काले पक्षी, जंगली सूअर, रीसस बंदरों, चीतल, बानकर, कोबरा, पानी में रहने वाली छिपकली आदि इस उद्यान की शोभा हैं. गाहिरमथा और अन्य पास के समुद्र तटों के घोंसले पर ओलिव रिडले समुद्री-कछुए रहते है.भारत में सबसे बड़े खतरे में रहे समुद्री मगरमच्छ की आबादी भितरकनिका में उपलब्ध है और 10 प्रतिशत वयस्क कछुओं की लंबाई 6 मीटर की है जो कि दुनिया भर में अनूठा है. लगभग 700 समुद्री मगरमच्छ नदियों और खाड़ियों में रहते हैं[2]

एवियन-पशुवर्ग : किंगफिशर की आठ किस्मों सहित पक्षिवृन्द की 215 प्रजातियां यहां पाए जाते हैं. एशियाई ओपन बिल, जलकौवा, बानकर, एक प्रकार के काले पक्षी, एग्रेट्स, जैसे पक्षियों को अक्सर उद्यान में देखा जाता है.

मैन्ग्रोव और वन्य जीवन

मैन्ग्रोव, नमक सहिष्णु, जटिल और गतिशील पारिस्थितिकी तंत्र है जो कि उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय और अंतर - ज्वारीय क्षेत्र हैं. ओड़िसा के केंद्रापाड़ा जिल के उत्तर-पूर्वी कोने में ब्राहम्णी-बैतरनी नदी के मुहाने में स्थित भितरकनिका एक उपयुक्त, हरे भरे जीवंत पर्यावरण में स्थित है. पूर्व में बंगाल की खाड़ी के साथ खाड़ियों के एक नेटवर्क के द्वारा यह क्षेत्र प्रतिच्छेद है. घुमावदार खाड़ियों और नदियों के बीच गली, भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यवहार्य मैन्ग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र है. यह सदाबहार वन और आर्द्रभूमि की 672 किमी ². में फैली हुई है, और यह सेंट्रल एशिया और यूरोप से सर्दियों के प्रवासियों सहित पक्षियों की लगभग 215 से भी अधिक प्रजातियों के लिए घर प्रदान करता है. विशाल नमक पानी मगरमच्छ और अन्य वन्य जीवन की विविधता इस पारिस्थितिकी तंत्र में रहते हैं जो कि एशिया में सबसे शानदार वन्य जीव क्षेत्र होने का गौरव प्रदान करता है.

145 किमी ² के एक क्षेत्र को भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान व्यापक अधिसूचना No.19686 / एफ और ई और दिनांक 16.9.1998 वन एवं पर्यावरण विभाग, ओड़िसा सरकार के रूप में अधिसूचित किया है. पारिस्थितिकी, जीवोमोर्फीलॉजिकल और जैविक पृष्ठभूमि जो सदाबहार जंगलों, नदियों, खाड़ियों, ज्वारनदमुख, वापसी पानी, सहवर्धित भूमि और कीचड़ फ्लैट भी शामिल है, के संबंध में यह काफी महत्वपूर्ण है. भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान भितरकनिका अभयारण्य का केन्द्रीय क्षेत्र है.

भितरकनिका वन्यजीव अभयारण्य की व्यापक अधिसूचना को घोषित किया गया जिसका नम्बर है No.6958/FF AH Dtd . 22.04.1975 और यह 672 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला है. अभयारण्य में सदाबहार वन घुमावदार नदियां, असंख्य क्रिस-पार ज्वारीय बाढ़ खाड़ी शामिल हैं जो कि पहले ही खतरे में रहे नमक पानी मगरमच्छ (क्रोकोडाइल पोरोसस) के लिए शरण प्रदान करते हैं. नदी के मुहाने के मगरमच्छ के अलावा, अभयारण्य पक्षिवृन्द, स्तनधारी और सांप आबादी में समृद्ध है. ये सदाबहार वन किंग कोबरा, भारतीय पाइथन और जल में रहने वाली छिपकली के लिए अच्छा निवास स्थान है. जल पक्षियों की एक बड़ी संख्या बगागाहन बगलाओं के घोंसला में घुमते हैं जो कि जून से अक्टूबर महिने में सुआजोरे खाड़ी के करीब भीतरकनिका वन क्षेत्र के भीतर लगभग 4 हेक्टेयर का एक क्षेत्र है. ज्यादातर पक्षी एशियाई ओपन बिल हैं. एग्रेट (सफ़ेद बगुला) एक प्रकार के काले पक्षी, जलकौवा, बानकर और अन्य.

आकर्षण

भितरकनिका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से काफी समृद्ध है. इस जगह में आने वाले पर्यटक कणिका महल, भगवान जगन्नाथ मंदिर और कई अन्य मंदिरों पर जाकर वास्तविक संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं.

संदर्भ