4,02,852
सम्पादन
छो (Bot: Migrating 1 interwiki links, now provided by Wikidata on d:q2382061 (translate me)) |
Sanjeev bot (चर्चा | योगदान) छो (पूर्णविराम (।) से पूर्व के खाली स्थान को हटाया।) |
||
'''कल्प''' [[वेद]] के छह अंगों (वेदांगों) में एक है। अन्य [[वेदांग]] हैं- [[शिक्षा]] (प्रातिशाख्यादि), [[व्याकरण]], [[निरुक्त]], [[छंदशास्त्र]] और [[ज्योतिष]]
== परिचय ==
वेद और वेदांग की भारतीय इतिहास में बड़ी चर्चा है। [[संहिता]] (मंत्र संहिता), [[ब्राह्मण]], [[आरण्यक]] और [[उपनिषद|उपनिषद्]] (मुख्य और प्राचीन) वेद हैं तथा शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छंदशास्त्र और ज्योतिष–छह वेदांग हैं।
कल्प का तात्पर्य है - 'वेद (संहिता, ब्राह्मण, आरण्यकादि) विहित कर्मो, अनुष्ठानों का क्रमपूर्वक कल्पना करनेवाला शास्त्र या ग्रंथ'
: ''कल्पो वेदविहितानां कर्मणमानुपूर्व्येण कल्पनाशास्त्रम्'' (ऋग्वेदप्रातिशाख्य की वर्गद्वयवृत्ति)।
* पं. [[बलदेव उपाध्याय]] : वैदिक साहित्य और संस्कृति;
* वाचस्पति गैरोला : संस्कृत साहित्य का इतिहास;
* डा. राजवंश सहाय 'हीरा' : संस्कृत
== इन्हें भी देखें ==
|