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पूर्वी यूरोप में अपने नियंत्रण के अधीन देशों के साथ सोवियत संघ ने एक साम्यवादी सैन्य मित्रपक्ष बनाया, जिसे वारसॉ संधि गुट (Warsaw Pact) के नाम से जाना जाता है। इसके विपक्ष अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों का गुट था। दोनों विपक्षियों के बीच शीत युद्ध जारी रहा जिसमें दोनों में सीधी लड़ाई तो कभी नहीं हुई, लेकिन दोनों परमाणु हथियारों और मिसाइलों से लैस हमेशा विध्वंसकारी परमाणु युद्ध छिड़ जाने की संभावना के साये में रहे। |
पूर्वी यूरोप में अपने नियंत्रण के अधीन देशों के साथ सोवियत संघ ने एक साम्यवादी सैन्य मित्रपक्ष बनाया, जिसे वारसॉ संधि गुट (Warsaw Pact) के नाम से जाना जाता है। इसके विपक्ष अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों का गुट था। दोनों विपक्षियों के बीच शीत युद्ध जारी रहा जिसमें दोनों में सीधी लड़ाई तो कभी नहीं हुई, लेकिन दोनों परमाणु हथियारों और मिसाइलों से लैस हमेशा विध्वंसकारी परमाणु युद्ध छिड़ जाने की संभावना के साये में रहे। |
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08:08, 19 अगस्त 2014 का अवतरण
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पूर्वी यूरोप में अपने नियंत्रण के अधीन देशों के साथ सोवियत संघ ने एक साम्यवादी सैन्य मित्रपक्ष बनाया, जिसे वारसॉ संधि गुट (Warsaw Pact) के नाम से जाना जाता है। इसके विपक्ष अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों का गुट था। दोनों विपक्षियों के बीच शीत युद्ध जारी रहा जिसमें दोनों में सीधी लड़ाई तो कभी नहीं हुई, लेकिन दोनों परमाणु हथियारों और मिसाइलों से लैस हमेशा विध्वंसकारी परमाणु युद्ध छिड़ जाने की संभावना के साये में रहे।
स्टालिन की मृत्यु के बाद विभिन्न साम्यवादी नेताओं में सर्वोच्च नेता बनने की खींचातानी हुई और निकिता ख़्रुश्चेव सत्ता में आये। उन्होंने स्टालिन की सबसे सख़्त तानाशाही नीतियों को पलट दिया। सोवियत संघ अंतरिक्ष अनुसंधान में सबसे आगे निकल गया। १९५७ में उसने विश्व का सबसे पहला कृत्रिम उपग्रह स्पुतनिक पृथ्वी के इर्द-गिर्द कक्षा में पहुँचाया। १९६१ में सोवियत वायु-सैनिक यूरी गगारिन पृथ्वी से ऊपर अंतरिक्ष में पहुँचने वाला सबसे पहला मानव बना। १९६२ में क्यूबाई मिसाइल संकट में अमेरिका और सोवियत संघ के बीच बहुत गंभीर तनाव बना और वे परमाणु प्रलय की दहलीज़ पर पहुँच गए, लेकिन किसी तरह यह संकट टल गया। १९७० के दशक में सोवियत-अमेरिकी संबंधों में तनाव कम हुआ लेकिन १९७९ में जब सोवियत संघ ने अफ़्ग़ानिस्तान में हस्तक्षेप करते हुए वहाँ अपनी फ़ौज भेजी तो सम्बन्ध बहुत बिगड़ गए।