"मैत्रेयी पुष्पा": अवतरणों में अंतर
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डॉ. विजय शिंदे - रचनाकार: पुस्तक समीक्षा - ‘गुड़िया' को देखते हिंदी साहित्य का भविष्य |
* [http://www.rachanakar.org/2013/03/blog-post_3524.html#ixzz2mPeBjUjq डॉ. विजय शिंदे - रचनाकार: पुस्तक समीक्षा - ‘गुड़िया' को देखते हिंदी साहित्य का भविष्य] |
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* [http://www.nirantar.org/1006-samvaad-maitrayee खुद को पत्नी माना ही नहीं कभी]: [[हँस पत्रिका|हंस]] के एक अंक में [[राजेन्द्र यादव]] ने मैत्रेयी की तुलना मरी हुयी गाय से की, इस पर साहित्य जगत में काफी हलचल हुयी। इस व अन्य विषयों पर कथाकार [[अमरीक सिंह दीप]] की मैत्रेयी पुष्पा से [[निरंतर]] ब्लॉगज़ीन में प्रकाशित बातचीत। |
* [http://www.nirantar.org/1006-samvaad-maitrayee खुद को पत्नी माना ही नहीं कभी]: [[हँस पत्रिका|हंस]] के एक अंक में [[राजेन्द्र यादव]] ने मैत्रेयी की तुलना मरी हुयी गाय से की, इस पर साहित्य जगत में काफी हलचल हुयी। इस व अन्य विषयों पर कथाकार [[अमरीक सिंह दीप]] की मैत्रेयी पुष्पा से [[निरंतर]] ब्लॉगज़ीन में प्रकाशित बातचीत। |
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* [http://pustak.org/home.php?author_name=Maitreyi%20Pushpa भारतीय साहित्य संग्रह पर मैत्रेयी की पुस्तकें] |
* [http://pustak.org/home.php?author_name=Maitreyi%20Pushpa भारतीय साहित्य संग्रह पर मैत्रेयी की पुस्तकें] |
12:45, 3 दिसम्बर 2013 का अवतरण
मैत्रेयी पुष्पा (30 नवंबर, 1944) हिंदी साहित्यकार है।
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जीवन
उनका जन्म अलीगढ़ जिले के सिकुर्रा गांव में हुआ। उनके जीवन का आरंभिक भाग बुंदेलखण्ड में बीता।
शिक्षा
उनकी आरंभिक शिक्षा झांसी जिले के खिल्ली गांव में तथा एम.ए.(हिंदी साहित्य) बुंदेलखंड कालेज, झाँसी मे हुआ।
कृतियाँ
उपन्यास
- स्मृति दंश
- चाक
- मैत्रेयी
- अल्मा कबूतरी
- कहैं ईसुरी फाग
- बेतवा बहती रही
- चिन्हार
- इदन्नमम
- गुनाह बेगुनाह
आत्मकथा
- कस्तूरी कुण्डल बसै
- गुडिया भीतर गुडिया
कहानी संग्रह
- चिन्हार
- ललमनियाँ तथा अन्य कहानियां
- त्रिया हठ
- फैसला
- सिस्टर
- सेंध
- अब फूल नहीं खिलते
- बोझ
- पगला गई है भागवती
- छाँह
- तुम किसकी हो बिन्नी?
कविता संग्रह
- लकीरें
यात्रा संस्मरण
- अगनपाखी
लेख संग्रह
- खुली खिडकियां
सम्मान
- हिंदी अकादमी द्वारा साहित्य कृति सम्मान
- कहानी 'फ़ैसला' पर कथा पुरस्कार मिला
- 'बेतवा बहती रही' उपन्यास पर उ.प्र. हिंदी संस्थान द्वारा प्रेमचंद सम्मान
- 'इदन्नमम' उपन्यास पर शाश्वती संस्था बंगलौर द्वारा नंजनागुडु तिरुमालंबा पुरस्कार
- म.प्र. साहित्य परिषद द्वारा वीरसिंह देव सम्मान
- वनमाली सम्मान 2011[1]
बाहरी कडियाँ
- डॉ. विजय शिंदे - रचनाकार: पुस्तक समीक्षा - ‘गुड़िया' को देखते हिंदी साहित्य का भविष्य
- खुद को पत्नी माना ही नहीं कभी: हंस के एक अंक में राजेन्द्र यादव ने मैत्रेयी की तुलना मरी हुयी गाय से की, इस पर साहित्य जगत में काफी हलचल हुयी। इस व अन्य विषयों पर कथाकार अमरीक सिंह दीप की मैत्रेयी पुष्पा से निरंतर ब्लॉगज़ीन में प्रकाशित बातचीत।
- भारतीय साहित्य संग्रह पर मैत्रेयी की पुस्तकें