"उर्मिला सिंह": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
पंक्ति 25: पंक्ति 25:


==राजनीतिक जीवन==
==राजनीतिक जीवन==
उर्मिला ने अपने पति की चुनावी सीट [[घौनसोर]] से ही चुनाव लड़ना शुरू किया। वे 1983 से 2003 तक लगातार चुनाव जीतकर [[मध्‍य प्रदेश]] विधानसभा की सदस्‍य बनीं। इससे पहले उन्‍होंने 1996 में [[भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस]] की सदस्‍यता ग्रहण की थी। 1993 की राज्‍य सरकार में फाइनेंस एंड डेयरी डेवलॉपमेंट मंत्री बनीं। 1996 में इन्‍हें मध्‍यप्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्‍यक्ष नियुक्‍त किया गया।
उर्मिला ने अपने पति की चुनावी सीट [[घौनसोर]] से ही चुनाव लड़ना शुरू किया। वे 1983 से 2003 तक लगातार चुनाव जीतकर [[मध्य प्रदेश]] विधानसभा की सदस्‍य बनीं। इससे पहले उन्‍होंने 1996 में [[भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस]] की सदस्‍यता ग्रहण की थी। 1993 की राज्‍य सरकार में फाइनेंस एंड डेयरी डेवलॉपमेंट मंत्री बनीं। 1996 में इन्‍हें मध्‍यप्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्‍यक्ष नियुक्‍त किया गया।


1998 में राज्‍य में कांग्रेस की सरकार में उर्मिला सोशियल वेलफेयर एंड ट्रायबल वेलफेयर विभाग की मंत्री बनीं। 2001 में [[मध्‍यप्रदेश]] के बंटवारे के बाद वे [[चंड़ीगढ़]] चली गईं और उनका संसदीय क्षेत्र व विधानसभा सीट भी नए राज्‍य में चली गई। इसके बाद उर्मिला [[चंडीगढ़]] राज्‍य की पहली विधानसभा की सदस्‍य बनीं। <ref>{{cite news|url=http://www.indianexpress.com/news/urmila-singh-takes-over-as-himachal-governor/571738/|title=Urmila Singh takes over as Himachal Governor|date=26 January 2010|publisher=[[The Indian Express]]|accessdate=19 अक्तूबर 2013}}</ref>
1998 में राज्‍य में कांग्रेस की सरकार में उर्मिला सोशियल वेलफेयर एंड ट्रायबल वेलफेयर विभाग की मंत्री बनीं। 2001 में [[मध्य प्रदेश]] के बंटवारे के बाद वे [[चण्डीगढ़]] चली गईं और उनका संसदीय क्षेत्र व विधानसभा सीट भी नए राज्‍य में चली गई। इसके बाद उर्मिला [[चण्डीगढ़]] राज्‍य की पहली विधानसभा की सदस्‍य बनीं। <ref>{{cite news|url=http://www.indianexpress.com/news/urmila-singh-takes-over-as-himachal-governor/571738/|title=Urmila Singh takes over as Himachal Governor|date=26 January 2010|publisher=[[The Indian Express]]|accessdate=19 अक्तूबर 2013}}</ref>


2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी [[मध्य प्रदेश]] और [[चंडीगढ़]] में बुरी तरह हारी जिसमें उर्मिला की हार भी शामिल थी। 2008 के विधानसभा चुनाव में भी उर्मिला हार गईं। उर्मिला इसके बाद [[मध्य प्रदेश]] तथा [[चंडीगढ़]] राज्‍य के कई विश्‍वविद्यालयों की कुलपति बनीं।
2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी [[मध्य प्रदेश]] और [[चण्डीगढ़]] में बुरी तरह हारी जिसमें उर्मिला की हार भी शामिल थी। 2008 के विधानसभा चुनाव में भी उर्मिला हार गईं। उर्मिला इसके बाद [[मध्य प्रदेश]] तथा [[चण्डीगढ़]] राज्‍य के कई विश्‍वविद्यालयों की कुलपति बनीं।


कांग्रेस पार्टी ने उर्मिला को पार्टी में अहम योगदान देने के लिए उन्‍हें केंद्र सरकार में शामिल करते हुए 2010 में [[हिमाचल प्रदेश]] राज्‍य का [[राज्‍यपाल]] नियुक्‍त कर दिया। उर्मिला ने 25 जनवरी 2010 को [[राज्‍यपाल]] का पद संभाला।
कांग्रेस पार्टी ने उर्मिला को पार्टी में अहम योगदान देने के लिए उन्‍हें केंद्र सरकार में शामिल करते हुए 2010 में [[हिमाचल प्रदेश]] राज्‍य का [[राज्‍यपाल]] नियुक्‍त कर दिया। उर्मिला ने 25 जनवरी 2010 को [[राज्‍यपाल]] का पद संभाला।

==सन्दर्भ==
==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}
{{टिप्पणीसूची}}

13:27, 19 अक्टूबर 2013 का अवतरण


हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल
पदस्थ
कार्यालय ग्रहण 
25 जनवरी 2010
पूर्वा धिकारी प्रभा राऊ

जन्म 6 अगस्त 1946 (1946-08-06) (आयु 77)
फिंगेश्वर, रायपुर, छत्तीसगढ़
जन्म का नाम उर्मिला सिंह
राजनीतिक दल भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस
जीवन संगी वीरेंद्र बहादुर सिंह

उर्मिला सिंह (जन्म: 6 अगस्त, 1946) वर्तमान में हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल हैं। इस पद पर वे 25 जनवरी 2010 को न्यूक्त हुई और तब से अभी तक विराजमान हैं। ये मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पूर्व अध्‍यक्ष भी रह चुकी हैं। [1]

प्रारंभिक जीवन

उर्मिला सिंह का जन्‍म चंडीगढ़ राज्‍य के रायपुर जिले के फिंगेश्वर गांव में 6 अगस्‍त 1946 को हुआ, जो अब छत्तीसगढ़ राज्य के अंतर्गत है। उनके पिता राजा नटवर सिंह एक स्‍वतंत्रता सेनानी थे। उर्मिला के परिवार के कुछ और सदस्‍य अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह में किसी न किसी पद पर हैं। उन्‍होंने चंड़ीगढ़ से ही बीए और एलएलबी की उपाधि प्राप्‍त की।

उर्मिला की शादी छोटी उम्र में ही चंडीगढ़ राज्‍य के राजकुमार बिरेन्‍द्र बहादुर सिंह से हो गई। उनके एक पुत्री और दो पुत्र हैं। उर्मिला ने अपने आपको परिवारिक कार्यों में लगा दिया। बिरेन्‍द्र कुमार कांग्रेस पार्टी के सदस्‍य बन गए और अपने परिवार की पुरानी सीट से चुनाव जीतकर मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्‍य बने। कुछ सालों बाद बिरेन्‍द्र बहादुर की अचानक मौत हो जाने के कारण उर्मिला राजनीति में आ गईं।[2]

राजनीतिक जीवन

उर्मिला ने अपने पति की चुनावी सीट घौनसोर से ही चुनाव लड़ना शुरू किया। वे 1983 से 2003 तक लगातार चुनाव जीतकर मध्य प्रदेश विधानसभा की सदस्‍य बनीं। इससे पहले उन्‍होंने 1996 में भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस की सदस्‍यता ग्रहण की थी। 1993 की राज्‍य सरकार में फाइनेंस एंड डेयरी डेवलॉपमेंट मंत्री बनीं। 1996 में इन्‍हें मध्‍यप्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्‍यक्ष नियुक्‍त किया गया।

1998 में राज्‍य में कांग्रेस की सरकार में उर्मिला सोशियल वेलफेयर एंड ट्रायबल वेलफेयर विभाग की मंत्री बनीं। 2001 में मध्य प्रदेश के बंटवारे के बाद वे चण्डीगढ़ चली गईं और उनका संसदीय क्षेत्र व विधानसभा सीट भी नए राज्‍य में चली गई। इसके बाद उर्मिला चण्डीगढ़ राज्‍य की पहली विधानसभा की सदस्‍य बनीं। [3]

2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश और चण्डीगढ़ में बुरी तरह हारी जिसमें उर्मिला की हार भी शामिल थी। 2008 के विधानसभा चुनाव में भी उर्मिला हार गईं। उर्मिला इसके बाद मध्य प्रदेश तथा चण्डीगढ़ राज्‍य के कई विश्‍वविद्यालयों की कुलपति बनीं।

कांग्रेस पार्टी ने उर्मिला को पार्टी में अहम योगदान देने के लिए उन्‍हें केंद्र सरकार में शामिल करते हुए 2010 में हिमाचल प्रदेश राज्‍य का राज्‍यपाल नियुक्‍त कर दिया। उर्मिला ने 25 जनवरी 2010 को राज्‍यपाल का पद संभाला।

सन्दर्भ

  1. "Governor House, Himachal Pradesh, India - Her Excellency The Governor". himachalrajbhavan.nic.in. अभिगमन तिथि 19 अक्तूबर 2013.
  2. वेब दुनिया हिन्दी पर उर्मिला सिंह की प्रोफाइल
  3. "Urmila Singh takes over as Himachal Governor". The Indian Express. 26 January 2010. अभिगमन तिथि 19 अक्तूबर 2013.

साँचा:हिन्द की बेटियाँ