"उर्वीजा": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''उर्वीजा''' [[सीता]] का एक और नाम है। [[मिथिला]] नरेश [[जनक]] के हल-कर्षण-यज्ञ के फलस्वरूप पृथवि से उत्पन्न होने के कारण सीता का यह नाम पड़ा । "ऊर्वी" का अभिप्राय "पृथ्वी" से है और "जा" प्रत्यय का अभिप्राय है जन्मना अर्थात जन्म लेना । यानि उर्बीजा का मतलब है पृथ्वी से जन्मना । यद्यपि सीता पृथवी से उत्पन्न हुयी थी, इसलिए उन्हें उर्बीजा भी कहा जाता है । वे [[जनकपुर]] के राजा [[जनक]] की पुत्री,[[राम]] की पत्नी तथा [[अयोध्या]] के राजा [[दशरथ]] की पुत्रवधू थीं।<ref>[मिथिला का इतिहास,लेखक : डॉ राम प्रकाश शर्मा, प्रकाशक : कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विषविद्यालय, दरभंगा, पृष्ठ संख्या : 460]</ref>
'''उर्वीजा''' [[सीता]] का एक और नाम है। [[मिथिला]] नरेश [[जनक]] के हल-कर्षण-यज्ञ के फलस्वरूप पृथ्वी से उत्पन्न होने के कारण [[सीता]] का यह नाम पड़ा । "ऊर्वी" का अभिप्राय "पृथ्वी" से है और "जा" प्रत्यय का अभिप्राय है जन्मना अर्थात जन्म लेना । यानि उर्बीजा का मतलब है पृथ्वी से जन्मना । यद्यपि सीता पृथवी से उत्पन्न हुयी थी, इसलिए उन्हें उर्वीजा भी कहा जाता है । वे [[जनकपुर]] के राजा [[जनक]] की पुत्री,[[राम]] की पत्नी तथा [[अयोध्या]] के राजा [[दशरथ]] की पुत्रवधू थीं।<ref>[मिथिला का इतिहास,लेखक : डॉ राम प्रकाश शर्मा, प्रकाशक : कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा, पृष्ठ संख्या : 460]</ref>


== सन्दर्भ ==
== सन्दर्भ ==

06:04, 27 जून 2013 का अवतरण

उर्वीजा सीता का एक और नाम है। मिथिला नरेश जनक के हल-कर्षण-यज्ञ के फलस्वरूप पृथ्वी से उत्पन्न होने के कारण सीता का यह नाम पड़ा । "ऊर्वी" का अभिप्राय "पृथ्वी" से है और "जा" प्रत्यय का अभिप्राय है जन्मना अर्थात जन्म लेना । यानि उर्बीजा का मतलब है पृथ्वी से जन्मना । यद्यपि सीता पृथवी से उत्पन्न हुयी थी, इसलिए उन्हें उर्वीजा भी कहा जाता है । वे जनकपुर के राजा जनक की पुत्री,राम की पत्नी तथा अयोध्या के राजा दशरथ की पुत्रवधू थीं।[1]

सन्दर्भ

  1. [मिथिला का इतिहास,लेखक : डॉ राम प्रकाश शर्मा, प्रकाशक : कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा, पृष्ठ संख्या : 460]