"कानपुर नगर जिला": अवतरणों में अंतर

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'''कानपुर''' [[भारतवर्ष]] के उत्तरी राज्य [[उत्तर प्रदेश]] का एक प्रमुख औद्योगिक नगर है। यह नगर [[गंगा]] नदी के दक्षिण तट पर बसा हुआ है। प्रदेश की राजधानी [[लख्ननऊ]] से 80 किलोमीटर दूरी पर स्थित यहाँ नगर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यताओं के लिए चर्चित ब्रह्मावर्त (बिठूर) के उत्तर मध्य में स्थित ध्रुवटीला त्याग और तपस्या का संदेश दे रहा है।
'''कानपुर''' [[भारतवर्ष]] के उत्तरी राज्य [[उत्तर प्रदेश]] का एक प्रमुख औद्योगिक नगर है। यह नगर [[गंगा]] नदी के दक्षिण तट पर बसा हुआ है। प्रदेश की राजधानी [[लख्ननऊ]] से ८० किलोमीटर दूरी पर स्थित यहाँ नगर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यताओं के लिए चर्चित ब्रह्मावर्त (बिठूर) के उत्तर मध्य में स्थित ध्रुवटीला त्याग और तपस्या का संदेश दे रहा है।


==दंतकथा==
==दंतकथा==

19:13, 9 जुलाई 2008 का अवतरण

कानपुर
—  जिला  —
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य उत्तर प्रदेश
महापौर रवींद्र पाटनी
नगर पालिका अध्यक्ष बादल चटर्जी
जनसंख्या
घनत्व
4,137,489 (2001 के अनुसार )
• 4,200/किमी2 (10,878/मील2)
क्षेत्रफल
ऊँचाई (AMSL)
1,040 km² (402 sq mi)
• 126 मीटर (413 फी॰)
आधिकारिक जालस्थल: http://kanpurnagar.nic.in

निर्देशांक: 26°24′N 80°18′E / 26.4°N 80.3°E / 26.4; 80.3 कानपुर भारतवर्ष के उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख औद्योगिक नगर है। यह नगर गंगा नदी के दक्षिण तट पर बसा हुआ है। प्रदेश की राजधानी लख्ननऊ से ८० किलोमीटर दूरी पर स्थित यहाँ नगर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यताओं के लिए चर्चित ब्रह्मावर्त (बिठूर) के उत्तर मध्य में स्थित ध्रुवटीला त्याग और तपस्या का संदेश दे रहा है।

दंतकथा

मान्यता है इसी स्थान पर ध्रुव ने जन्म लेकर परमात्मा की प्राप्ति के लिए बाल्यकाल में कठोर तप किया और ध्रुवतारा बनकर अमरत्व की प्राप्ति की। रखरखाव के अभाव में टीले का काफी हिस्सा गंगा में समाहित हो चुका है लेकिन टीले पर बने दत्त मंदिर में रखी तपस्या में लीन ध्रुव की प्रतिमा अस्तित्व खो चुके प्राचीन मंदिर की याद दिलाती रहती है। बताते हैं गंगा तट पर स्थित ध्रुवटीला किसी समय लगभग १९ बीघा क्षेत्रफल में फैलाव लिये था। इसी टीले से गंगा टकरा कर गंगा का प्रवाह थोड़ा रुख बदलता है। पानी लगातार टकराने से टीले का लगभग १२ बीघा हिस्सा कट कर गंगा में समाहित हो गया। टीले के बीच में बना ध्रुव मंदिर भी कटान के साथ गंगा की भेंट चढ़ गया। बुजुर्ग बताते हैं मंदिर की प्रतिमा को टीले के किनारे बने दत्त मंदिर में स्थापित कर दिया गया। पेशवा काल में इसकी देखरेख की जिम्मेदारी राजाराम पंत मोघे को सौंपी गई। तब से यही परिवार दत्त मंदिर में पूजा अर्चना का काम कर रहा है। मान्यता है ध्रुव के दर्शन पूजन करने से त्याग की भावना बलवती होती है और जीवन में लाख कठिनाइयों के बावजूद काम को अंजाम देने की प्रेरणा प्राप्त होती है।

कानपुर के दर्शनीय स्थल

नानाराव पार्क (कम्पनी बाग), चिड़ियाघर, राधा-कृष्ण मन्दिर, सनाधर्म मन्दिर, काँच का मन्दिर, श्री हनुमान मन्दिर पनकी, सिद्धनाथ मन्दिर, जाजमऊ आनन्देश्वर मन्दिर परमट, जागेश्वर मन्दिर चिड़ियाघर के पास, सिद्धेश्वर मन्दिर चौबेपुर के पास, बिठूर साँई मन्दिर, मन्धना तकनीकी एवं शैक्षिक संस्थान, श्री छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय (पूर्व में कानपुर विश्वविद्यालय), भारतीय तकनीकी संस्थान (आई.आई.टी.), हरकोर्ट बटलर तकनीकी संस्थान(एच.बी.टी.आई.), चन्द्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय कानपुर, गंगा बैराज इत्यादि।

शिक्षण संस्थान

आई आई टी कानपुर,
जी एस वी एम मेडीकल कालेज
एअर फोर्स स्कूल चकेरी कानपुर
ओ एफ् आइ सी कानपुर्

यह भी देखें

एचबीटीआई