"यालू नदी": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
छो Bot: अंगराग परिवर्तन
छो Bot: Migrating 41 interwiki links, now provided by Wikidata on d:q55498 (translate me)
पंक्ति 19: पंक्ति 19:
[[श्रेणी:एशिया की नदियाँ]]
[[श्रेणी:एशिया की नदियाँ]]
[[श्रेणी:हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना]]
[[श्रेणी:हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना]]

[[ar:يالو (نهر)]]
[[be:Рака Ялуцзян]]
[[bg:Ялудзян]]
[[ca:Riu Yalu]]
[[cs:Amnokkang]]
[[da:Yalu]]
[[de:Yalu]]
[[en:Yalu River]]
[[es:Río Yalu]]
[[et:Yalu]]
[[fa:یالو (رودخانه)]]
[[fi:Jalu]]
[[fr:Yalou]]
[[hu:Jalu (határfolyó)]]
[[hy:Յալուցզյան]]
[[id:Sungai Yalu]]
[[it:Fiume Yalu]]
[[ja:鴨緑江]]
[[km:ទន្លេយ៉ាលូ]]
[[ko:압록강]]
[[lt:Jaludziangas]]
[[nds:Yalu]]
[[nl:Yalu]]
[[nn:Yalu]]
[[no:Yalu]]
[[oc:Yalu]]
[[pl:Yalu Jiang]]
[[pt:Rio Yalu]]
[[ro:Yalu]]
[[ru:Ялуцзян]]
[[sh:Jalu]]
[[sk:Amrokkang]]
[[sr:Јалу]]
[[sv:Yalu]]
[[tg:Дарёи Ялу]]
[[th:แม่น้ำยาลู]]
[[tl:Ilog Yalu]]
[[tr:Yalu Nehri]]
[[uk:Ялуцзян]]
[[vi:Áp Lục]]
[[zh:鸭绿江]]

06:01, 14 मार्च 2013 का अवतरण

यालू नदी का नक़्शा
उत्तर कोरिया में यालू नदी के किनारे

यालू नदी (चीनी: 鸭绿江) या अमनोक नदी (कोरियाई: 압록강) उत्तर कोरिया और चीन की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित एक नदी है। "यालू" नाम मान्छु भाषा से लिया गया है जिसमें इसका अर्थ "सरहद" होता है। यह दरिया चंगबाई पर्वत शृंखला के लगभग २,५०० मीटर ऊँचे बएकदू पर्वत से उत्पन्न होता है और फिर कुछ मरोड़ों के साथ दक्षिण-पश्चिम की तरफ़ बहता हुआ कोरिया की खाड़ी में जा मिलता है।[1] इसकी लम्बाई ७९० किमी है और इसे ३०,००० वर्ग किमी के जलसम्भर क्षेत्र से पानी मिलता है। इसपर नावी यातायात कठिन है क्योंकि बहुत से स्थानों पर इसकी गहराई काफी कम है।

इतिहास

यालू नदी ऐतिहासिक महत्ता रखती है क्योंकि इसी के किनारे कोरिया का प्राचीन गोगुरयेओ राज्य उभरा था। इसी गोगुरयेओ राज्य का नाम आगे बदलकर गोरेयो बना, जिस से कोरिया का नाम "कोरिया" पड़ा। बहुत से पुराने क़िले इस दरिया के किनारे पर खड़े हुए हैं। यालू नदी का युद्धों में भी महत्त्व रहा है। १८९४-९५ के चीनी-जापानी युद्ध और १९०४ के रूसी-जापानी युद्ध में यालू पर भारी जंग हुई थी। अमेरिका के कोरियाई युद्ध की भी शुरुआत चीनी सेना ने १९५० में यालू को पार कर के की थी। १९९० के दशक से बहुत से उत्तर कोरियाई शरणार्थी यालू पार कर के चीन में घुसने लगे हैं।

विवाद

यालू नदी में बहुत से छोटे रेतीले द्वीप हैं। इनको लेकर चीन और उत्तर कोरिया ने मिलकर १९७२-१९७५ के काल में एक मुआइना किया और ६१ ऐसे द्वीप पाए गए। इनमें से ४८ उत्तर कोरिया को मिले और १३ चीन को। सन् १९९० में चीन और उत्तर कोरिया ने दूसरा ऐसा निरीक्षण और समझौता करने की कोशिश की लेकिन यह काम आपसी विवादों की वजह से रुक गया।[1] चीन की तरफ़ भी जो यालू नदी का क्षेत्र है वहाँ भी कोरियाई नस्ल के लोग बसते हैं और बहुत से कोरियाई लोगों में भावना है की यह क्षेत्र चीन का नहीं बल्कि कोरिया का होना चाहिए। फिर भी सरकारी स्तर पर चीन और उत्तर कोरिया में तालमेल होने से इन दोनों देशों के बीच में आजतक यह मसला नहीं बना है।[1]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ