"चुम्बक": अवतरणों में अंतर
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01:23, 23 जनवरी 2013 का अवतरण
चुम्बक (मैग्नेट्) वह पदार्थ या वस्तु है जो चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है। चुम्बकीय क्षेत्र अदृश्य होता है और चुम्बक का प्रमुख गुण - आस-पास की चुम्बकीय पदार्थों को अपनी ओर खींचने एवं दूसरे चुम्बकों को आकर्षित या प्रतिकर्षित करने का गुण, इसी के कारण होता है।
चुम्बक के प्रकार
कुछ चुम्बक प्राकृतिक रूप से भी पाये जाते हैं किन्तु अधिकांश चुम्बक निर्मित किये जाते हैं। निर्मित किये गये चुम्बक दो तरह के हो सकते हैं :
- स्थायी चुम्बक
इनके द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र बिना किसी वाह्य विद्युत धारा के ही प्राप्त होता है। और सामान्य परिस्थितियों में बिना किसी कमी के बना रहता है। (इन्हें विचुम्बकित (डी-मैग्नेटाइज) करने के लिये विशेष व्यवस्था करनी पड़ती है।) ये तथाकथित कठोर (हार्ड) चुम्बकीय पदार्थ से बनाये जाते हैं।
- अस्थायी चुम्बक
ये चुम्बक तभी चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करते हैं जब इनके प्रयुक्त तारों से होकर विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है। धारा के समाप्त करते ही इनका चुम्बकीय क्षेत्र लगभग शून्य हो जाता है। इसी लिये इन्हें विद्युतचुम्बक (एलेक्ट्रोमैग्नेट्) भी कहते हैं। इनमें किसी तथाकथित मृदु या नरम (सॉफ्ट) चुम्बकीय पदार्थ का उपयोग किया जाता है जिसके चारो ओर तार की कुण्डली लपेटकर उसमें धारा प्रवाहित करने से चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है।
चुम्बकों के प्रमुख उपयोग
- चुम्बकीय रिकार्डिंग के विभिन्न माध्यमः फ्लॉपी डिस्क, हार्ड डिस्क, ऑडियो टेप, आदि
- क्रेडित कार्ड, डेबिट कार्ड, एटीएम कार्ड आदि में एक चुम्बकीय पट्टी उपयोग में लायी जाती है। इस पट्टी पर कुछ आंकड़्ए और सूचनाएँ दर्ज की गयी होती हैं।
- परम्परागत टीवी एवं कम्प्यूतर के मॉनिटर में : एलेक्ट्रॉन बीम को उपर-नीचे एवं अगल-बगल मोडने के लिये विद्युत्चुम्बक का प्रयोग होता है। इसी से छबि-निर्माण सम्भव हो पाता है।
- लाउडस्पीकर एवं माइक्रोफोन में
- विद्युत मोटर एवं विद्युत जनित्र में
- मेटलवर्किंग में प्रयुक्त चक में - वस्तुओं को थामकर रखने हेतु
- दिक्सूचक (कम्पास या कुतुबनुमा) में - इसमें एक हल्का सा स्थायी चुम्बक होता है जो क्षैतिज तल में घूमने के लिये स्वतन्त्र होता है। यह उत्तर-दक्षिण दिशा में ही स्थिर होता है और इस प्रकार दिशा बताने में सहायता करता है।
- बहुत से खिलौनो में
- चुम्बकों की सहायता से ऐसी चीजों को खोजने, पकडज्ञे एवं इकट्ठा करने में मदद मिलती है जो बहुत छोटी हैं, जिन तक हाथ नही जा सकता, या जिन्हें हाथ से पकडज्ञा कथिन है। (लोहे की कीलें, स्टैपुल पिनें, कागज की क्लिपें आदि)
- किसी कबाड से चुम्बकीय पदार्थों (लोहा, निकिल, स्टील आदि) एवं अचुम्बकीय पदार्थों (एल्युमिनिअम, ताँबा, आदि) को अलग करने हेतु।
- चुम्बकीय लेविटेशन पर आधारित यातायात के लिये
- रिले, कान्टैक्टर एवं सर्किट ब्रेकर में
- कण त्वरकों में आवेशित कणों को मोडने, फोकस करने आदि के लिये
- मास-स्पेक्ट्रोमीटर में - अलग-अलग द्रव्यमान के कण चुम्बकीय क्षेत्र से गुजरने के बाद परदे पर अलग-अलग स्थान पर जाकर टकरअते हैं। टकराये गये स्थान के निर्देशांक से उस कण के भार के बारे में पता चलता है।
- चुम्बकीय बीयरिंग में - शाफ्ट बिना किसी चीज को स्पर्श किये हुए ही घूमता रहता है। इससे घर्षण में उर्जा का व्यय नहीं होता व सामान घिसता नहीं है।
- विद्युत क्लच में
- चुम्बकीय क्रेनों में
- किसी लौहचुम्बकीय के पृथक्करण मेँ
इन्हें भी देखें
वाह्य सूत्र
- Lectures given at the CAS course on: "MAGNETS" Bruges, Belgium, 16 - 25 June, 2009
- Articles, tutorials and other educational information about magnets National High Magnetic Field Laboratory
- Answers to several questions from curious kids about magnets
- Magnetic units are discussed here
- Kids Konnect - Magnets