"चिंगहई-तिब्बत रेलमार्ग": अवतरणों में अंतर
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'''चिंगहई-तिब्बत रेलमार्ग''' ({{भाषा-चीनी|青藏铁路}}) [[चीनी जनवादी गणराज्य]] में एक रेलमार्ग है जो [[चिंगहई]] प्रान्त में स्थित [[शिनिंग]] को [[तिब्बत]] की राजधानी [[ल्हासा]] से जोड़ता है। यह रेलमार्ग तिब्बत को शेष चीन से जिड़ने वाला पहला रेलमार्ग है, क्योंकि तिब्बत के बहुत ऊँचाई पर स्थित होने के कारण यहाँ किसी भी रेलमार्ग का निर्माण नहीं हो सका था। [[बीजिंग]], [[चेंग्दू]], [[चोंग्किंग]], [[शिनिंग]], [[शंघाई]] और [[लांझोउ]] से ल्हासा के लिए रेलगाड़ियों की सेवाएँ उपलब्ध हैं। |
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''क्विंगझाग रेल्वे''' (जेने स्थानीक भाषामां '''Qinghai–Xizang railway''', अथवा '''Qinghai–Tibet railway'''तरीके पण ओळखवामां आवे छे.) एक [[रेल्वे]] मार्ग छे, जे [[क्वींघाई]] प्रांतना [[क्झीनींग]] थी [[तिबेट]] ना [[ल्हासा]] सुधी चाले छे. |
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इस रेलमार्ग की कुल लम्बाई १,९५६ किमी है। शिनिंग से [[गोलमुड]] तक के ८१५ किमी लम्बे रेलमार्ग का निर्माण १९८४ तक पूरा हो चुका था। शेष १,१४२ किमी लम्बे भाग, जो गोलमुड से ल्हासा तक का है, का उद्घाटन १ जुलाई २००६ को पार्टी आम सचिव [[हू जिन्ताओ]] द्वारा किया गया था। |
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आ लाईन [[तांगुल्ला घाट]], समुद्र सपाटीथी ५०७२ मी (१६,६४० फीट)उंचे विश्वनी सौथी उंची रेल्वेनुं अने तंगुल्ला रेल्वे स्टेशन विश्वनुं सौथी उंचु रेल्वे स्टेशननो समावेश करे छे. The 1,338 m [[फेंघुशन बोगदुं]] समुद्र सपाटीथी ४९०५ मी उंचाईए विश्वनुं सौथी उंचाई पर आवेल बोगदुं छे. ३३४५मी लांबु [[यांगबागींग बोगदुंl]]आ रेल्वेनुं सौथी लांबु बोगदुं छे. आ समुद्र सपाटीथी ४२६४मी उंचाईए आवेलछे अने ल्हासाथी उत्तरपश्चिमे ८० किमी दूर छे. |
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यह रेलमार्ग [[तांगुला दर्रे]] से होकर भी गुजरता है जो ५,०७२ मीटर की ऊँचाई पर विश्व का सबसे ऊँचा रेलमार्ग है। [[तांगुला रेलवे स्टेशन]] जो ५,०६८ मीटर की ऊँचाई पर स्थित है विश्व का सबसे ऊँचा रेलवे स्टेशन है। |
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गोलमड - ल्हासा प्रभाग नी ९६० किमी लांबी रेल्वेनो ८०% भाग समुद्र सपाटीथी ४००० मीटर नी उंचाई पर आवेल छे. आमां ६७५ पुल छे कुले १५९.८८ किमी लांबा छे अने अडधा करतां वधारे भाग (पर्माफ्रोस्ट) स्थायीथीज पर नखाई छे..<ref>[http://mikes.railhistory.railfan.net/r022.html Tanggula], Mikes Rail History, accessed August 2009</ref> आ रेल्वेनुं बांधकाम २००६मां पूर्ण थयुं. कहे छे आरेल्वे विवबेटना लोकोना विकासमां सहायक थशे.<ref name=stibet1>[http://www.savetibet.org/media-center/ict-press-releases/tracking-steel-dragon-how-chinas-economic-policies-and-railroad-are-transforming-tibet Tracking the Steel Dragon: How China's economic policies and the railroad are transforming Tibet]</ref> |
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१,३३८ मीटर लम्बी [[फ़ेंघुओशन सुरंग]] ४,९०५ मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और विश्व की सबसे ऊँची रेल सुरंग है। ४,०१० मीटर की ऊँचाई पर स्थित [[गुआंजियाओ सुरंग]] शिनिंग और गोलमुड के मध्य सबसे लम्बी सुरंग है और ३,३४५ मीटर की ऊँचाई पर स्थित [[यांग्बैजिंग सुरंग]] गोलमुड और ल्हासा के मध्य सबसे लम्बी सुरंग है। गोलमुड-ल्हासा अनुभाग का ९६० किमी या लगभग ८०% भाग ४,००० मीटर से अधिक की ऊँचाई पर है। कुल ६७५ पुल जिनकी लम्बाई १५९.८८ किमी है और ५५० किमी रेलमार्ग स्थाई-तुषार भूमि पर बिछाया गया है |
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ल्हासाथी गुंझाउ के शांघाई जवा ३ दिवस लागे छे. |
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== संदर्भ == |
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==सन्दर्भ== |
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[[bg:Цинхай-тибетска железница]] |
[[bg:Цинхай-тибетска железница]] |
04:45, 21 अक्टूबर 2012 का अवतरण
चिंगहई-तिब्बत रेलमार्ग (चीनी: 青藏铁路) चीनी जनवादी गणराज्य में एक रेलमार्ग है जो चिंगहई प्रान्त में स्थित शिनिंग को तिब्बत की राजधानी ल्हासा से जोड़ता है। यह रेलमार्ग तिब्बत को शेष चीन से जिड़ने वाला पहला रेलमार्ग है, क्योंकि तिब्बत के बहुत ऊँचाई पर स्थित होने के कारण यहाँ किसी भी रेलमार्ग का निर्माण नहीं हो सका था। बीजिंग, चेंग्दू, चोंग्किंग, शिनिंग, शंघाई और लांझोउ से ल्हासा के लिए रेलगाड़ियों की सेवाएँ उपलब्ध हैं।
इस रेलमार्ग की कुल लम्बाई १,९५६ किमी है। शिनिंग से गोलमुड तक के ८१५ किमी लम्बे रेलमार्ग का निर्माण १९८४ तक पूरा हो चुका था। शेष १,१४२ किमी लम्बे भाग, जो गोलमुड से ल्हासा तक का है, का उद्घाटन १ जुलाई २००६ को पार्टी आम सचिव हू जिन्ताओ द्वारा किया गया था। यह रेलमार्ग तांगुला दर्रे से होकर भी गुजरता है जो ५,०७२ मीटर की ऊँचाई पर विश्व का सबसे ऊँचा रेलमार्ग है। तांगुला रेलवे स्टेशन जो ५,०६८ मीटर की ऊँचाई पर स्थित है विश्व का सबसे ऊँचा रेलवे स्टेशन है।
१,३३८ मीटर लम्बी फ़ेंघुओशन सुरंग ४,९०५ मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और विश्व की सबसे ऊँची रेल सुरंग है। ४,०१० मीटर की ऊँचाई पर स्थित गुआंजियाओ सुरंग शिनिंग और गोलमुड के मध्य सबसे लम्बी सुरंग है और ३,३४५ मीटर की ऊँचाई पर स्थित यांग्बैजिंग सुरंग गोलमुड और ल्हासा के मध्य सबसे लम्बी सुरंग है। गोलमुड-ल्हासा अनुभाग का ९६० किमी या लगभग ८०% भाग ४,००० मीटर से अधिक की ऊँचाई पर है। कुल ६७५ पुल जिनकी लम्बाई १५९.८८ किमी है और ५५० किमी रेलमार्ग स्थाई-तुषार भूमि पर बिछाया गया है