"पूर्वाभाद्रपद": अवतरणों में अंतर
छो ILL |
|||
पंक्ति 22: | पंक्ति 22: | ||
[[श्रेणी:नक्षत्र]] |
[[श्रेणी:नक्षत्र]] |
||
[[be:Пурвабхадра, каляндар Бхарація]] |
|||
[[be-x-old:Пурвабхадра (каляндар Бхарація)]] |
|||
[[en:Pūrva Bhādrapadā]] |
[[en:Pūrva Bhādrapadā]] |
||
[[ml:പൂരുരുട്ടാതി (നക്ഷത്രം)]] |
[[ml:പൂരുരുട്ടാതി (നക്ഷത്രം)]] |
||
[[pl:Purwa Bhadrapada (nakszatra)]] |
[[pl:Purwa Bhadrapada (nakszatra)]] |
||
[[sa:पूर्वाभाद्रा नक्षत्रम्]] |
10:19, 30 जुलाई 2012 का अवतरण
गुरु का नक्षत्र पूर्वा भाद्रपद का अंतिम चरण मीन राशि में आता है। इसे ही नाम से पहचाना जाता है।
गुरु का नक्षत्र व गुरु की राशि मीन में होने से ऐसा जातक आकर्षक व्यक्तित्व का धनी, गुणवान, धर्म, कर्म को मानने वाला, ईमानदार, परोपकारी, न्यायप्रिय होता है। गुरु यदि अपनी राशि धनु या मीन में हो तो ऐसे जातक सदाचारी होते हैं।
ऐसे जातकों को शिक्षण से संबंधित कार्यों में भी उत्तम सफलता मिलती है। गुरु यदि मेष लग्न में नवम भाव, लग्न या पंचम भाव या उच्च का होकर चतुर्थ भाव में स्थित हो तो ऐसे जातक माता, भूमि, भवन, संतान, विद्या भाग्य के क्षेत्र में उत्तम स्थिति पाते है।
मीन राशि में हो तो जन्म स्थान से दूर भाग्योदय होता है।
वृषभ लग्न में गुरु की स्थिति एकादश, तृतीय पंचम सप्तम में हो तो लाभ के मामलों में जातक ईमानदारी अधिक रखता है। पत्नी गुणी मिलती है।
देखिये
स्रोत
{{Navbox
| name = भारतीय ज्योतिष
| title = भारतीय ज्योतिष
| listclass = hlist
| basestyle = background:#FFC569;
| image =
|above =
|group1=नक्षत्र
|list1= अश्विनी • भरणी • कृत्तिका • रोहिणी • मृगशिरा • [[आर्द्रा]
इस लेख को व्याकरण, शैली, संसंजन, लहजे अथवा वर्तनी के लिए प्रतिलिपि सम्पादन की आवश्यकता हो सकती है। आप इसे संपादित करके मदद कर सकते हैं। |
• पुनर्वसु • पुष्य • अश्लेषा • मघा • पूर्वाफाल्गुनी • उत्तराफाल्गुनी • हस्त • चित्रा • स्वाती • विशाखा • अनुराधा • ज्येष्ठा • मूल • पूर्वाषाढ़ा • उत्तराषाढा • श्रवण • धनिष्ठा • शतभिषा • पूर्वाभाद्रपद • उत्तराभाद्रपद • रेवती
|group2=राशि |list2= मेष • वृषभ • मिथुन • कर्क • सिंह • कन्या • तुला • वृश्चिक • धनु • मकर • कुम्भ • मीन
|group3=ग्रह |list3= सूर्य • चन्द्रमा • मंगल • बुध • बृहस्पति • शुक्र • शनि • राहु • केतु
|group4=ग्रन्थ |list4= बृहद जातक • भावार्थ रत्नाकर • चमत्कार चिन्तामणि • दशाध्यायी • गर्ग होरा • होरा रत्न • होरा सार • जातक पारिजात • जैमिनी सूत्र • जातकालंकार • जातक भरणम • जातक तत्त्व • लघुपाराशरी • मानसागरी • प्रश्नतंत्र • फलदीपिका • स्कन्द होरा • संकेत निधि • सर्वार्थ चिन्तामणि • ताजिक नीलकण्ठी वृहत पराशर होरा शास्त्र [{ }] मुहूर्त चिंतामणि {{ }}
|group5=अन्य सिद्धांत |list5= आत्मकारक • अयनमास • भाव • चौघड़िया • दशा • द्वादशम • गंडांत • लग्न • नाड़ी • पंचांग • पंजिका • राहुकाल
|group6= और देखिये |list6= फलित ज्योतिष • सिद्धान्त ज्योतिष
| below = ज्योतिष }}