"एश्चटोलॉजी": अवतरणों में अंतर

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एश्चटोलॉजी शब्द यूनानी शब्दों-इश्चैटॉस (''Eschatos=Last'') एवं लोगिया (''Logia=Discourse'') से बना है, जिसका तात्पर्य है, '''अन्तिम बातों, यथा-मृत्यु, न्याय एवं मृत्यु के उपरान्त की अवस्था से सम्बन्ध रखने वाला विज्ञान'''। इसके दो स्वरूप हैं, जिनमें एक का सम्बन्ध है मृत्यु के उपरान्त व्यक्ति की नियति, आत्मा की अमरता, पाप एवं दण्ड तथा स्वर्ग एवं नरक के विषय की चर्चा से, और दूसरे का सम्बन्ध है अखिल ब्रह्माण्ड, उसकी सृष्टि, परिणति एवं उद्धार तथा सभी वस्तुओं के परम अन्त के विषय की चर्चा से। प्राचीन ग्रन्थों में प्रथम स्वरूप पर ही अधिक बल दिया गया है, किन्तु आजकल वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखने वाले लोग बहुधा दूसरे स्वरूप पर ही अधिक सोचते हैं।
एश्चटोलॉजी शब्द यूनानी शब्दों-इश्चैटॉस (''Eschatos=Last'') एवं लोगिया (''Logia=Discourse'') से बना है, जिसका तात्पर्य है, '''अन्तिम बातों, यथा-मृत्यु, न्याय एवं मृत्यु के उपरान्त की अवस्था से सम्बन्ध रखने वाला विज्ञान'''। इसके दो स्वरूप हैं, जिनमें एक का सम्बन्ध है मृत्यु के उपरान्त व्यक्ति की नियति, आत्मा की अमरता, पाप एवं दण्ड तथा स्वर्ग एवं नरक के विषय की चर्चा से, और दूसरे का सम्बन्ध है अखिल ब्रह्माण्ड, उसकी सृष्टि, परिणति एवं उद्धार तथा सभी वस्तुओं के परम अन्त के विषय की चर्चा से। प्राचीन ग्रन्थों में प्रथम स्वरूप पर ही अधिक बल दिया गया है, किन्तु आजकल वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखने वाले लोग बहुधा दूसरे स्वरूप पर ही अधिक सोचते हैं।
== इतिहास ==
== इतिहास ==
मृत्यु के उपरांत मानव की स्थिति का प्रश्न आदिकालीन भारतीयों, मिस्रियों, चाल्डियनों, [[यूनानी|यूनानियों]] एवं [[पारसी|पारसियों]] के समक्ष एक महत्त्वपूर्ण जिज्ञासा एवं समस्या के रूप में मौजूद रहा है। प्रत्येक [[धर्म]] के सास्त्रों में इसके विषय में पृथक दृष्टिकोण मिलता है।
मृत्यु के उपरांत मानव की स्थिति का प्रश्न आदिकालीन [[भारतीय|भारतीयों]], [[मिस्रि|मिस्रियों]], [[चाल्डियन|चाल्डियनों]], [[यूनानी|यूनानियों]] एवं [[पारसी|पारसियों]] के समक्ष एक महत्त्वपूर्ण जिज्ञासा एवं समस्या के रूप में मौजूद रहा है। प्रत्येक [[धर्म]] के सास्त्रों में इसके विषय में पृथक दृष्टिकोण मिलता है।

01:10, 19 जून 2012 का अवतरण

एश्चटोलॉजी (अंग्रेजी- Eschatology) ज्ञान-विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत निर्वाण या मृत्यु के बाद की स्थितियों के प्रश्न पर विचार किया जाता है।

व्युत्पत्ति एवं शाखाएं

एश्चटोलॉजी शब्द यूनानी शब्दों-इश्चैटॉस (Eschatos=Last) एवं लोगिया (Logia=Discourse) से बना है, जिसका तात्पर्य है, अन्तिम बातों, यथा-मृत्यु, न्याय एवं मृत्यु के उपरान्त की अवस्था से सम्बन्ध रखने वाला विज्ञान। इसके दो स्वरूप हैं, जिनमें एक का सम्बन्ध है मृत्यु के उपरान्त व्यक्ति की नियति, आत्मा की अमरता, पाप एवं दण्ड तथा स्वर्ग एवं नरक के विषय की चर्चा से, और दूसरे का सम्बन्ध है अखिल ब्रह्माण्ड, उसकी सृष्टि, परिणति एवं उद्धार तथा सभी वस्तुओं के परम अन्त के विषय की चर्चा से। प्राचीन ग्रन्थों में प्रथम स्वरूप पर ही अधिक बल दिया गया है, किन्तु आजकल वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखने वाले लोग बहुधा दूसरे स्वरूप पर ही अधिक सोचते हैं।

इतिहास

मृत्यु के उपरांत मानव की स्थिति का प्रश्न आदिकालीन भारतीयों, मिस्रियों, चाल्डियनों, यूनानियों एवं पारसियों के समक्ष एक महत्त्वपूर्ण जिज्ञासा एवं समस्या के रूप में मौजूद रहा है। प्रत्येक धर्म के सास्त्रों में इसके विषय में पृथक दृष्टिकोण मिलता है।