"परभक्षी": अवतरणों में अंतर

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[[File:MNP Python at Moyer.jpg|thumb|[[भारतीय]] [[अजगर]] एक [[चीतल]] को [[मुदुमलाई वन्यजीव अभ्यारण्य]], [[केरल]] में निगलता हुआ]]
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'''परभक्षी''' वह वन्य जीव होता है जो अन्य प्राणियों का शिकार कर, उन्हें खाकर अपना तथा अपने परिवार का पेट भरता है। उदाहरण के लिए [[सिंह]], [[बाघ]], [[तेंदुआ]], [[चीता]], [[भेड़िया]] इत्यादि। यह पशु [[मांसाहारी]] की श्रेणी में भी आते हैं क्योंकि यह केवल मांस खाकर जीवन निर्वाह करते हैं। इन पशुओं के आहार में वनस्पती नहीं के बराबर होती है और यदि होती भी है तो सिर्फ़ [[औषधि]] के रूप में।{{cn}} <br/>
'''परभक्षी''' वह वन्य जीव होता है जो अन्य प्राणियों का शिकार कर, उन्हें खाकर अपना तथा अपने परिवार का पेट भरता है।<ref name="Ecology">Begon, M., Townsend, C., Harper, J. (1996). ''[[Ecology: Individuals, populations and communities]]'' (Third edition). Blackwell Science, London. ISBN 0-86542-845-X, ISBN 0-632-03801-2, ISBN 0-632-04393-8.</ref> उदाहरण के लिए [[सिंह]], [[बाघ]], [[तेंदुआ]], [[चीता]], [[भेड़िया]] इत्यादि। यह पशु [[मांसाहारी]] की श्रेणी में भी आते हैं क्योंकि यह केवल मांस खाकर जीवन निर्वाह करते हैं। इन पशुओं के आहार में वनस्पती नहीं के बराबर होती है और यदि होती भी है तो सिर्फ़ [[औषधि]] के रूप में।{{cn}} <br/>
यह आवश्यक नहीं है कि परभक्षी शिकार करते समय उसको मारकर खाये, किन्तु परभक्षण का कृत्य हमेशा शिकार की मृत्यु का कारण बनता है और अंततः शिकार के [[ऊतक|ऊतकों]] का समावेश परभक्षी की [[पाचन प्रणाली]] में हो जाता है।
यह आवश्यक नहीं है कि परभक्षी शिकार करते समय उसको मारकर खाये, किन्तु परभक्षण का कृत्य हमेशा शिकार की मृत्यु का कारण बनता है और अंततः शिकार के [[ऊतक|ऊतकों]] का समावेश परभक्षी की [[पाचन प्रणाली]] में हो जाता है।<ref>[http://www.britannica.com/search?query=predation ''Encyclopædia Britannica'': "predation"]</ref>
==सन्दर्भ==
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20:11, 30 मार्च 2012 का अवतरण

भारतीय अजगर एक चीतल को मुदुमलाई वन्यजीव अभ्यारण्य, केरल में निगलता हुआ

परभक्षी वह वन्य जीव होता है जो अन्य प्राणियों का शिकार कर, उन्हें खाकर अपना तथा अपने परिवार का पेट भरता है।[1] उदाहरण के लिए सिंह, बाघ, तेंदुआ, चीता, भेड़िया इत्यादि। यह पशु मांसाहारी की श्रेणी में भी आते हैं क्योंकि यह केवल मांस खाकर जीवन निर्वाह करते हैं। इन पशुओं के आहार में वनस्पती नहीं के बराबर होती है और यदि होती भी है तो सिर्फ़ औषधि के रूप में।[उद्धरण चाहिए]
यह आवश्यक नहीं है कि परभक्षी शिकार करते समय उसको मारकर खाये, किन्तु परभक्षण का कृत्य हमेशा शिकार की मृत्यु का कारण बनता है और अंततः शिकार के ऊतकों का समावेश परभक्षी की पाचन प्रणाली में हो जाता है।[2]

सन्दर्भ

  1. Begon, M., Townsend, C., Harper, J. (1996). Ecology: Individuals, populations and communities (Third edition). Blackwell Science, London. ISBN 0-86542-845-X, ISBN 0-632-03801-2, ISBN 0-632-04393-8.
  2. Encyclopædia Britannica: "predation"