"उमय्यद": अवतरणों में अंतर
Luckas-bot (वार्ता | योगदान) छो r2.7.1) (Robot: Adding af, an, ar, ast, bg, bs, ca, ceb, ckb, cs, da, de, eo, es, eu, fa, fi, fr, fy, gl, he, hr, hu, id, it, ja, jv, ka, kk, ko, ku, la, lt, mk, ms, nl, nn, no, pl, pnb, pt, ru, scn, sh, simple, sk, sl, so, sr, sv, sw, ta, th, tl,... |
Luckas-bot (वार्ता | योगदान) छो r2.7.1) (Robot: Adding oc:Califat Omeia |
||
पंक्ति 46: | पंक्ति 46: | ||
[[nn:Omajadane]] |
[[nn:Omajadane]] |
||
[[no:Umajjadene]] |
[[no:Umajjadene]] |
||
[[oc:Califat Omeia]] |
|||
[[pl:Umajjadzi]] |
[[pl:Umajjadzi]] |
||
[[pnb:بنو امیہ]] |
[[pnb:بنو امیہ]] |
10:29, 14 जनवरी 2012 का अवतरण
उमय्यद शासक इस्लाम के मुखिया, यानि ख़लीफ़ा, सन् 661 से सन् 750 तक रहे । प्रथम चार ख़लीफ़ाओं के बाद वे सत्ता में आए और इसके बाद ख़िलाफ़त वंशानुगत हो गई । उनके शासन काल में इस्लामिक सेना को सैनिक सफलता बहुत मिली और वे उत्तरी अफ़्रीक़ा होते हुए स्पेन तक पहुँच गए । इसी काल में मुस्लिमों ने मध्य एशिया सहित सिन्ध पर (सन् 712) भी अधिकार कर लिया था । मूलतः मक्का के रहने वाले उमय्यों ने अपनी राजधानी दमिश्क में बनाई ।
इस्लाम धर्म में इनको सांसारिकता के क़रीब और इस्लाम के संदेशों से दूर विलासितापूर्ण जीवन व्यतीत करने वाले शासक के रूप में देखा जाता है । इनके ख़िलाफ़ चौथे ख़लीफ़ा अली के पुत्र हुसैन ने विद्रोह किया पर उन्हें एक युद्ध में जान गंवानी पड़ी । अली और हुसैन के समर्थकों को शिया संप्रदाय कहा गया । ये वंश इस्लाम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि यहीं से शिया-सुन्नी मतभेद बढ़े थे ।