"उमय्यद": अवतरणों में अंतर

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'''उमय्यद''' शासक इस्लाम के मुखिया, यानि [[ख़लीफ़ा]], सन् 661 से सन् 750 तक रहे । [[राशिदुन|प्रथम चार ख़लीफ़ाओं]] के बाद वे सत्ता में आए और इसके बाद ख़िलाफ़त वंशानुगत हो गई । उनके शासन काल में इस्लामिक सेना को सैनिक सफलता बहुत मिली और वे उत्तरी [[अफ़्रीक़ा]] होते हुए [[स्पेन]] तक पहुँच गए । इसी काल में मुस्लिमों ने मध्य एशिया सहित [[सिन्ध]] पर (सन् 712) भी अधिकार कर लिया था । मूलतः मक्का के रहने वाले उमय्यों ने अपनी राजधानी [[दमिश्क]] में बनाई ।
'''उमय्यद''' शासक इस्लाम के मुखिया, यानि [[ख़लीफ़ा]], सन् 661 से सन् 750 तक रहे । [[राशिदुन|प्रथम चार ख़लीफ़ाओं]] के बाद वे सत्ता में आए और इसके बाद ख़िलाफ़त वंशानुगत हो गई । उनके शासन काल में इस्लामिक सेना को सैनिक सफलता बहुत मिली और वे उत्तरी [[अफ़्रीक़ा]] होते हुए [[स्पेन]] तक पहुँच गए । इसी काल में मुस्लिमों ने मध्य एशिया सहित [[सिन्ध]] पर (सन् 712) भी अधिकार कर लिया था । मूलतः मक्का के रहने वाले उमय्यों ने अपनी राजधानी [[दमिश्क]] में बनाई ।



09:09, 13 जनवरी 2012 का अवतरण

उमय्यदों से समय इस्लामी साम्राज्य का विस्तार ██ पैगंबर मुहम्मद के समय , 622–632 ██ राशिदुन (प्रथम चार) ख़लीफ़ाओं के समय, 632–661 ██ उमय्यदों के समय, 661–750

उमय्यद शासक इस्लाम के मुखिया, यानि ख़लीफ़ा, सन् 661 से सन् 750 तक रहे । प्रथम चार ख़लीफ़ाओं के बाद वे सत्ता में आए और इसके बाद ख़िलाफ़त वंशानुगत हो गई । उनके शासन काल में इस्लामिक सेना को सैनिक सफलता बहुत मिली और वे उत्तरी अफ़्रीक़ा होते हुए स्पेन तक पहुँच गए । इसी काल में मुस्लिमों ने मध्य एशिया सहित सिन्ध पर (सन् 712) भी अधिकार कर लिया था । मूलतः मक्का के रहने वाले उमय्यों ने अपनी राजधानी दमिश्क में बनाई ।

इस्लाम धर्म में इनको सांसारिकता के क़रीब और इस्लाम के संदेशों से दूर विलासितापूर्ण जीवन व्यतीत करने वाले शासक के रूप में देखा जाता है । इनके ख़िलाफ़ चौथे ख़लीफ़ा अली के पुत्र हुसैन ने विद्रोह किया पर उन्हें एक युद्ध में जान गंवानी पड़ी । अली और हुसैन के समर्थकों को शिया संप्रदाय कहा गया । ये वंश इस्लाम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि यहीं से शिया-सुन्नी मतभेद बढ़े थे ।