"नेपाल": अवतरणों में अंतर

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18:06, 16 जनवरी 2008 का अवतरण


नेपाल गणराज्य

भाषा नेपाली, नेपाल भाषा,तामाँग,मैथिली और अन्य
राजधानी काठमांडू, काठमाण्डौ
प्रधान मंत्री गिरिजा प्रसाद कोइराला
क्षेत्रफल
 - कुल
 - % जल
चौरानेवाँ स्थान
147,181 km²
2.8%
जनसंख्या


 - कुल (2000)
 - जनसंख्या घनत्व

चालीसवाँ स्थान


25,284,463
184/km²

एकीकरण 1768
मुद्रा नेपाली रुपैयाँ (NPR)
समय क्षेत्र UTC +5:45
राष्ट्र गीत सयौं थूंगा फूलका हामी
इंटरनेट डोमेन .np
कालिंग कोड +977

नेपाल, (अन्तरिम संविधान अनुसार आधिकारिक रूप में नेपाल गणराज्य[1]) ([neˈpaːl] ) एक दक्षिण एशियायी भूपरिवेष्ठित हिमालयी राष्ट्र है। नेपाल के उत्तर मे चीनकि श्वसासित प्रदेस तिब्बत है, और दक्षिण, पूर्व व पश्चिम मै भारत अवस्थित है। नेपाल मे ८५ प्रतिसतसे से ज्यादा नागरिक हिन्दू धर्म मै विश्वास रखते है। यह प्रतिशत भारत में हिन्दुओं प्रतिशत से भी अधिक है, अतः नेपाल विश्व का सबसे ज्यादा प्रतिशत हिन्दू धर्मावलम्बी होने वाला राष्ट्र भी है। एक छोटा क्षेत्र के लिए नेपाल का भौगोलिक विभिधता बहुत उल्लेखनीय है। यहाँ तराईका उष्म फाँट से लेकर ठण्डा हिमालयका श्रृंखलाएं अवस्थित है। संसार का सबसे उंचा १४ हिमश्रृंखला मे आठ नेपाल मे है जिसमे संसार का सर्वोच्च शिखर सगरमाथा (नेपाल और चीन का सीमाना मै) भी एक है। नेपाल की राजधानी और सबसे बडा शहर काठमाडौं है। काठमाण्डौ उपत्यकाके अन्दर ललीतपुर (पाटन),भक्तपुर,मध्यपुर और किर्तीपुर नामके सहर भि है अन्य प्रमुख शहर पोखरा, विराटनगर, धरान,भरतपुर, नेपाल,वीरगञ्ज, महेन्द्रनगर,बुटवल,हेटौडा भैरहवा, जनकपुर, नेपालगञ्ज, वीरेन्द्रनगर,त्रिभुवननगर आदि है। "नेपाल" शब्द का उत्त्पत्ति के बारे मे ठोस प्रमाण कुछ नही है, लेकिन एक प्रसिद्ध विश्वास अनुसार यह शब्द ने ऋषि तथा पाल (गुफा) मिलकर बना है। माना जाता है कि नेपाल के राजधानी काठमाण्डौ एक समय मे ने ऋषि का तपस्या स्थल था।

निरन्तर रुप से राजा-रजौटाऔं का अधिन मे रहकर फुट्ने और जुड्ने का लम्बा तथा सम्पन्न इतिहास वाला हाल मै नेपाल के नाम से प्रसिद्ध यह भूखण्ड मै वि. स. २०४६ साल का आन्दोलन पश्चात संवैधानिक राजतन्त्र का नीति अवलम्बन हुवा। लेकिन इस पश्चात भी राजसंस्था एक महत्त्वपूर्ण तथा अस्पष्ट परिधि एवम् शक्ति सम्पन्न संस्था के रूप मे प्रस्तुत हुवा। यह व्यवस्था मे पहले संसदीय अनिश्चितता तथा सन् १९९६ से ने.क.पा.(माओवादी)का जनयुद्ध के कारण से राष्ट्रिय अनिश्चितता दिख्ने लगा। माओवादीयौं ने राजनीति के मूलाधार से पृथक भूमिगत रुप से राजतन्त्र तथा मूलाधार के राजनैतिक दलौं के बिरुद्ध मे गुरिल्ला युद्ध सञ्चालन कर दिया। उन्हौंने नेपाल का सामन्ती व्यवस्था (उन के अनुसार इसमै राजतन्त्र भी पड्ता है) फेंक कर एक माओवादी राष्ट्र स्थापना करने की प्रण किया है। यही कारण से नेपाली गृहयुद्ध शुरु हो गया जिसके कारण १३,००० मनुष्यौं की जान जा चुका है। यही विद्रोहको दमन करने के पृष्ठभूमि मै राजा ज्ञानेन्द्र ने सन् २००२ मे संसद को विघटन तथा निर्वाचित प्रधानमन्त्री को अपदस्त करके प्रधानमन्त्री मनोनित प्रक्रिया से शासन चलाने लगे। सन् २००५मै उन्हौंने एकल रूपमै संकटकाल का घोषणा करके सब कार्यकारी शक्ति ग्रहन किया। सन् २००६का लोकतान्त्रिक आन्दोलन (जनाअन्दोलन-२) पश्चात राजा ने देश का सार्वभौमसत्ता जनता को हस्तान्तरण किया तथा अप्रिल २४, २००६ मै संसद को पूनर्स्थापना हो गया। मे १८, २००६ मे अपना पुनर्स्थापित सार्वभौमता का उपयोग करके नयाँ प्रतिनिधि सभा ने राजा के अधिकार मे कटौती कर दी तथा नेपाल को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषणा कर दिया। हाल, देश का नयाँ संविधान निर्माण करने वाला संविधान सभा का चुनाव निकट भविष्य मै होने वाला है।

इतिहास

हिमालय क्षेत्र मे मनुष्यों का आगमन लगभग ९,००० वर्ष पहले होने का तथ्य काठमाण्डौ उपत्यका में पाये गये नव पाषाण औजारौं से पुष्टि होता है। सम्भवतः तिब्बती-बर्मीज मूल के लोग नेपाल मे २,५०० वर्ष पहले आ चुके थें।[2]

१५०० ईशा पुर्व के आसपास इन्डो-आर्यन जतियों द्वारा काठमाण्डौ उपत्यका में प्रवेश हुयें। करीब १००० ईशा पुर्व में छोटे-छोटे राज्य और राज्यसंगठन बनें। सिद्धार्थ गौतम (ईशापूर्व ५६३–४८३) शाक्य वंश के राजकुमार थे, जिसने अपना राजकाज त्याग कर तपस्वी का जीवन निर्वाह किया और वह बुद्ध बन गए।

२५० ईशा पुर्व तक ईस क्षेत्र मे उत्तर भारत का मौर्य साम्राज्यका प्रभाव पडा और बाद में ४थे शताब्दी मे गुप्तवंश के अधिन में कठपुतली राज्य हो गया। ईस क्षेत्र मे ५वी शताव्दि के उत्तरार्ध मे आकर लिच्छवियो के राज्य का स्थापना हुआ। ८वी शताव्दि के उत्तरार्ध मे लिच्छवि वंश का अस्त हो गया और सन् ८७९ से नेवार (नेपाल कि एक जाती) युगका उदय हुआ, फिरभी इन लोगों का नियन्त्रण देशभर मे कितना बना था, इसका यकिन नहिं है। ११वी शताव्दि के उत्तरार्ध मे दक्षिण भारत से आए चालुक्य साम्राज्य का प्रभाव नेपाल के दक्षिणी भूभाग मे दिखा। चालुक्यों के प्रभाव मे आकर उस समय बुद्धधर्म को छोडकर राजाओ ने हिन्दू धर्म का समर्थन किया और नेपाल मे धार्मिक परिवर्तन होने लगा।

पाटन का हिन्दू मन्दिर, तीन प्राचीन राज्यमध्येका एककी राजधानी
१९२०का नेपाली राजशाही

१३औँ शताव्दि के पूर्वार्ध मे संस्कृत शव्द मल्लका थर वाले वंश का उदय होने लगा। २०० वर्ष मै इन राजाऔं ने शक्ति एकमुष्ठ किया। १४औँ शताव्दि के उत्तरार्ध मे देश का बहुत ज्यादा भाग एकिकृत राज्य के अधिन मे आ गया। लेकिन यह एकिकरण कम समय तक ही टिक सका: १४८२मे यह राज्य तीन भाग मे विभाजित हो गया - कान्तिपुर, ललितपुर, और भक्तपुर – जिसके बीचमे शताव्दियौं तक मेल नही हो सका।

१७६५मे, गोरखाका राजा पृथ्वी नारायण शाहने नेपालके छोटे छोटे बाइसे व चोबिसे राज्यके उपर चढाँइ करतेहुए एकिकृत किया, बहुत ज्यादा रक्तरंजित लडाँईयौं पश्वात उन्हौने ३ वर्ष बाद कान्तीपुर, पाटन व भादगाँउ के राजाऔं को हराया और अपने राज्य का नाम गोरखा से नेपाल मे परिवर्तित किया। तथापि उन्हे कान्तिपुर विजय मे कोही युद्ध नही करना पडा। वास्तब मे, उस समय इन्द्रजात्रा पर्व मे कान्तिपुर का सभी जनता फसल का देवता भगवान इन्द्र कि पुजा और महोत्सव (जात्रा) मना रहेथे, जब पृथ्वी नारायण शाह ने अपना सेना लेकर धावा बोला और सिंहासन कब्जा कर लिया। इस घटना को आधुनिक नेपाल का जन्म भी कहते है।

तिब्बत से हिमाली मार्ग का नियन्त्रण के लिए हुवा बिबाद और उस पश्चात का युद्ध मे चीन तिब्बत के सहायता के लिए आनेके बाद नेपाल पिछे हट गया। नेपाल का सीमा नजदिक का छोटा-छोटा राज्यौं को हडप्ने के कारण से शुरु हुवा ब्रिटिस इस्ट इण्डिया कम्पनिके साथ दुश्मनीका कारण लेकिन रक्तरंजित एङ्गलो-नेपाल युद्ध (१८१४–१६) ( हो गया, जिसमे नेपाल अपनी दो तिहाई भूभाग खो दिया लेकिन अपनी सार्वभौमसत्ता और स्वतन्त्रता कायम रखा। भारत वर्ष मै यही एक खण्ड है जो कभी भी कोही बाहरी सामन्तौं के अधीन मै नही आया। बेलायत बेलायत से लड्ने पस्चिममे सतलज से पुर्वमे टिष्टा नदी तक फैला हुवा बिशाल नेपाल सुगौली सन्धीके बाद पस्चिममे माहाकाली और मेची नदीयों के बिच सिमट गया लेकीन अपनी स्वाधिनतको बचाए रखना नेपाल सफल राहा, बाद मे अंग्रेजोने १८२२ मे मेची नदी व राप्तीनदी के बिचका तराइ का हिस्सा नेपालको वापस किया उसी तरह १८६० मे राणा प्रधानमन्त्री जंगवाहदुर से खुसहोकर अंग्रेजोने राप्तीनदी से माहाकाली नदी के विचका तराईका थोडा और हिस्सा नेपालको लौटाया ।लेकिन सुगौली सन्धीके बाद नेपाल ने बहुत बडा जमिनका हिस्सा गँवा दिया यह क्षेत्र अभी उत्तराञ्चल राज्य और हिमाञ्चल प्रदेश और पञ्जाबी पहाडी राज्य मै सम्मिलित है। पूर्व मै दार्जीलिङ और उसके आसपासका नेपाली मूल के लोगों का भूमि (जो अब पश्चिम बंगाल मे है) भी ब्रिटिस इन्डिया के अधीन मे हो गया तथा नेपाल कासिक्किम के उपरका प्रभाव और शक्ति भी नेपाल को त्यागना पडा।

राज परिवार व भारदारोके विच गुटबन्दिकि बजहसे युद्धके बाद अस्थायित्व कायम हुवा। शन् १८४६मा शासन कररही रानीकी सेनानायक जङ्गबहादुर राणाको पदच्युत करने षडयन्त्रकी खुलासा होनेसे कोतपर्व नामका नरसंहार हुवा। हतियारधारी सेना व रानीकेप्रति वफादार भाइ-भारदाररोकेविच मारकाट चलनेसे देशके सयौँ राजखलाक, भारदारलोग व दुसरे रजवाडो का हत्याहुवा। जङ्गबहादुरकी जितके बाद राणा खानदान उन्होने सुरुकिया व राणा शासन लागु किया। राजाको नाममात्रमे सिमित किया व प्रधानमन्त्री पदको सक्तिशाली वंशानुगत किया गया। राणाशासक पूर्णनिष्ठाके साथ ब्रिटिसके पक्षमे रहतेथे व ब्रिटिसशासकको १८५७की सेपोई रेबेल्योन (प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम), व बादमे दोनो विश्व युद्धसहयोग कियाथा। शन् १९२३मे संयुक्त अधिराज्य व नेपाल विच आधिकारिक रुपमे मित्रताकी सम्झौतामे हस्ताक्षर हुवा, जिसमे नेपलकी स्वतन्त्रताको संयुक्त अधिराज्यने स्विकार किया । व साउदथ एसियाइ मुलुक का पहला नेपाली राजदुतावास ब्रिटेनकी राजधानी लंडनमे खुलगया ।

१९४० दशककी उत्तरार्धमे लोकतन्त्र-समर्थित आन्दोलनोकी उदय होनेलगा व राजनैतिक पार्टियां राणा शासनके बिरुद्धमे होगए। उसीसमय चीन १९५०मे तिब्बत कब्जा किया जिसकी बजहसे बढ्ती हुइ सैनिक गतिविधि को टाल्नेके लिए भारत नेपालकी स्थायित्व पर चाख बढ्ने लगा । फलस्वरुप राजा त्रिभूवनको भारतने समर्थन किया १९५१ मा शत्ता लेनेमे सहयोग किया, नयाँ सरकार निर्माण होगया, जिसमा जादा आन्दोलनकारी नेपाली कङ्ग्रेस पार्टिके लोगोकी सहभगिता थि। राजा व सरकारके विच वर्षौँकी शक्ति खिचातानिके पश्चात, १९५९मे राजा महेन्द्रने लोकतान्त्रिक अभ्याँस अन्त्य किया व "निर्दलिय" पञ्चायत व्यवस्था लागु करके राज किया। शन् १९८९की "जनआन्दोलन"ने राजतन्त्रको संबैधानिक सुधार करने व बहुदलिय संसद बनाने का वातवरणा बनगया सन १९९०मा कृष्णप्रशाद भट्टराई अन्तरिम सरकारके प्रधानमन्त्री बनगए, नयाँ संविधानका निर्माण हुवा राजा बीरेन्द्र ने १९९० मे नेपालके इतिहासमे दुसरा प्रजातन्त्रीक बहुदलीय संबिधान जारी किया [3] व अन्तरीम सरकारने संसदका लिए प्रजातन्त्रीक चुनाव करवाया। नेपाली कङ्ग्रेसलने राष्ट्रकी दुसरी प्रजातन्त्रीक चुनावमे बहुमत ल्यायी व गिरिजाप्रशाद कोइराला प्रधानमन्त्री बने।

भूगोल

नेपाल का भौगोलिक नक्शा
सुक्खा हिमाली पृष्ठभूमि

नेपाल अन्दाजी चारकुने आकारका है। नेपाल की लम्बाई करिब ८०० किलोमिटर (५०० मा) और चौडाई २०० किलोमिटर (१२५ मा) है। नेपाल का कुल क्षेत्रफल १४७,१८१ वर्ग किलोमिटर (५६,८२७ sq मा) है। नेपाल भौगोलिक रूप से ३ भाग में विभाजित है - हिमाली क्षेत्र, पहाड, और तराइ क्षेत्र। साथमे भित्री मधेस कहलाने वाला एक उपत्यका का समुह पाहडीक्षेत्रके महाभारत पर्वत श्रृङखला व चुरीया श्रृङखलाके बिच स्थीत है ए क्षेत्र पाहड व तराइ के बिचमे स्थित है हिमाली पाहाडी व तराइ क्षेत्र पूर्व-पश्चिम दिशामे देशभर फैलेहुए है र यिनीक्षत्रको नेपालके प्रमुख नदीयोने जगह जगहपरच विभाजन किया है ।

भारतके साथ जुडाहुवा तराइ फांट भारतीय-गंगा समथरका उत्तरी भाग है। इस भागका सिंचाई तथा भरणपोषणमे तीन नदीयो का मुख्य योगदान है, ए नदीइसप्रकार है: कोशी, गण्डकी (भारतमे गण्डक नदी), र कर्णाली नदी। इस भूभाग उष्म र संतृप्त होतेहै

पहाडी भूभागमे १,००० लेकर ४,००० मिटरसम्मतक (३,३००–१३,१२५ फू) उचांईका पर्वत पडतेहै| इस क्षेत्रमे महाभारत लेख व सिवालिक श्रृखला (चुरिया) नामके दो पहाडी श्रृखला मुख्य श्रृखला है। पहाड क्षेत्रमे हि काठमाडौं उपत्यका, पोखरा उपत्यका सुर्खेत उपत्यका के साथ टार,बेसी,पाटन माडी कहेजाने वाले वहुतसे उपत्यका पडते है, ए उपत्यका नेपालके सबसे उर्वर भुमी है तथा काठमाडौं उपत्यका नेपालका सबसे बडा शहरी क्षेत्र हो। पहाडी क्षेत्रकी उपत्यका छोडके २,५०० मिटर (८,२०० फिट) उच्च स्थलमे जनघनत्व बहुत कम है।

हिमाली क्षेत्रमे संसारके सबसे उच्च हिमश्रृखलाह पडतेहै। इस क्षेत्रकी उत्तरमे चीनकी सिमामे संसारका सर्वोच्च शिखर, सगरमाथा ८,८४८ मिटर (२९,०३५ फि) अवस्थित है। संसारके ८,००० मिटर से उचें १४ चोंटीयामेसे ८ नेपालककी हिमाली क्षेत्रमे पडतेहै। कञ्चनजङ्घा, संसारकी तिसरी उच्च शिखर भि यही हिमाली क्षेत्रमे हि पडता है।

नेपालमे पाँच मौसमी क्षेत्र है जो उचाँईके साथ कुछ मात्रामे मेल खाताहै। ट्रपिकल तथा सबट्रपिकल क्षेत्र १,२०० मिटर(३,९४० फि) से निचे, टेम्परेट क्षेत्र १,२०० लेकर २,४०० मिटर (३,९००–७,८७५ फि), ठण्डा क्षेत्र २,४०० देखि ३,६०० मिटर (७,८७५–११,८०० फि), सबआर्क्टिक क्षेत्र ३,६०० देखि ४,४०० मिटर (११,८००–१४,४०० फि), व आर्क्टिक क्षेत्र ४,४०० मिटर(१४,४०० फिट)से उपर। नेपालमे पाँच ऋतुहरु होतेहै: उष्म, मनसून, अटम, शिषिर व बसन्त। हिमालय मध्य एसियासे बहने वाले ठन्डी हवाको नेपालके अन्दर जानेमे रोकता है तथा मनसूनकी वायुका उत्तरी परिधिके रुपमे पनि काम करताहै।

नेपाल व बंगलादेशकी सिमा नहि जुडताहै फिरभी एदोनो राष्ट्र २१ किलोमिटर (१३ माइल)की एक सकरी चिकेन्स् नेक काहाजाने वाले क्षेत्रसे अलगहै| इस क्षेत्रको स्वतन्त्र-व्यापार क्षेत्र बनानेका प्रयास होराहा है|

संसारका सर्वोच्च शिखर सगरमाथा नेपाल व तिब्बती सिमामे अवस्थित है। इस हिमालकी नेपालमे पडनेवाले दक्षिण-पूर्वी रिज(ridge) प्राविधिक रूपमे चढ्ना सहज मानाजाताहै| जिसकी बजहसे हरेक वर्ष इस स्थानमे बहुत पर्यटक जातेहै । अन्य चढीजाने वाले हिमशिखर मे अन्नपुर्ण (१,२,३,४) अन्नपुर्ण श्रृंखलामे पडता है।

अर्थतन्त्र

हिमालयकी तलेमे खेति

कृषि जनसङ्ख्याकी ७६% कि रोजगारी कभर करता है और कुल ग्राह्यस्थ उत्पादनका ३९% योगदान करता है और सेवा क्षेत्र ३९% साथमे उद्योग २१% आम्दानी कभर करता है। देशकी उत्तरी दुई-तिहाई भागमे रहे पहाडी और हिमाली भूभाग सडके और पुल अन्य संरचना निर्माण करनेमे कठिन और महङ्गा बनाता है। सन् २००३ तक पिच -सडकोकी कुल लम्बाई ८,५०० किमि से कुछ जादा और दक्षिणमे रहा रेल्वे-लाइनकी कुल लम्बाई ५९ किमि मात्र है। ४८ धावनमार्ग और उनमेसे १७ पिचहोनेसे हवाईमार्गकी स्थिति बहुत अछा है। यहाँ जादामे प्रति १२ व्यक्तिके लिए १ टेलिफोन सुविधा उपल्ब्ध है; तारजडित सेवा देशभर अपुग है लेकीन सहरो और जिल्ला सदरमुकामोमे जादा केन्द्रित है; सेवामे जनताकी पहुँच बढने और सस्ता होते जानेसे मोबाइल (वा तार-रहित) सेवाकी स्थिति देशभर बहुत अछा है। सन् २००५ मे १,७५,००० इन्टरनेट जडाने (connections) थे, लेकीन "सङ्कटकाल" लागू होनेकेपश्चात कुछ समय सेवा अवरूद्ध होगया था। कुछ अन्योल बाद नेपालकी दुसरी बृहत जनआन्दोलनने राजाकी निरङ्कुश अधिकार समाप्त करनेके पश्चात सभी इन्टरनेट सेवाए बिना रोकटोक सुचारू होगएहै।[4]

नेपालकी भूपरिबेस्टित स्थिति[5] और प्राविधिक कमजोरी और लम्बा द्वन्द अर्थतन्त्रको पूर्णरूपमे विकाशशील होन नहिदिया है। नेपाल भारत, जापान, संयुक्त अधिराज्य, अमेरिका, युरोपेली संघ, चीन, स्वीजरल्याण्ड और स्क्यानडेभियन राष्ट्रोसे वैदेशिक सहयोग पाताहै। आर्थिक बर्ष २००५/०६मे सरकारकी बजेट करिब १.१५३ अर्ब अमेरिकी डलर के करिव था, लेकी कुल खर्च १.७८९ अर्ब हुवा था। १९९० दशक की बढ्ती मुद्रा स्फीति दर घटकर २.९% पहुचा है। कुछ बर्षौं से नेपाली मुद्रा रूपैयाँको भारतिय रूपैयाके साथका सटहीदर १.६ मा स्थिर राखागया है। १९९० दशकमे खुला बनायागया मुद्रा बिनिमय दर निर्धारण नीतिके कारण बिदेशी मुद्राकी कालीबजार लगभग समाप्त हो चुका है। एक दिर्घकालिन आर्थिक सम्झौताने भारतकेसँगका अछा संबन्धको सहयोग पहुचाया है।

जनता बीचका सम्पत्ति वितरण अन्य विकसित और विकासोन्मुख देशोके तुलनेमे ही है: उपरवाले १०% गृहस्थीके साथ कूल राष्ट्रिय सम्पतिका ३९.1% उपर नियन्त्रण है और निम्नतम १०% के साथ केबल २.6% मात्र।

नेपालकी १ करोड जितनेका कार्यबलमे दक्ष कामदारका कमी है। ८१% कार्यबलको कृषि, १६% सेवा, और ३% उत्पादन/कला-आधारित उद्योग रोजगारी प्रदान करताहै।

प्रशासनिक विभाजन

नेपाल १४ अञ्चल, ७५ जिल्ला और ५ विकास क्षेत्र मै विभाजित है। प्रत्येक जिला एक निश्चित जिला प्रमुख द्वारा निर्देशित है। जिला प्रमुख का काम जिला मै विधान तथा शान्ति बहाल करना और सरकारी मंत्रालयौं के काम-काजको सहायता करना है।

नेपाल का १४ अञ्चल:
चित्र:450px-Nepal zones.png
1 मेची 8 लुम्बिनी
2 कोशी 9 धवलागिरी
3 सगरमाथा 10 राप्ती
4 जनकपुर 11 कर्णाली
5 बागमती 12 भेरी
6 नारायणी 13 सेती
7 गण्डकी 14 महाकाली

संस्कृति

नेपाल की संस्कृति तिब्बत एवं भारत से मिलती जुलती है। यहाँ की वेषभूषा, भाषा तथा पकवान इत्यादि एक जैसे ही है । नेपाल का सामान्य खाना चने की दाल, भात, तरकारी, अचार है । इस प्रकार का खाना सुबह एवम् रात में दिन में दोनो जून खाया जाता है । खाने में चिवड़ा और चाय का भी चलन है । मांस मछली तथा अंडा भी खाया जाता है । हिमालयी भाग में गेहूँ, मकई , कोदो, आलु आदि का खाना और तराई में गेहूँ की रोटी का प्रचलन है । कोदो के मादक पदार्थ तोङ्गबा, छ्याङ, रक्सी आदि का सेवन हिमालयी भाग में बहुत होता है । नेवार समुदाय अपने विशेष किस्म के नेवारी परिकारों का सेवन करते हैं।

शिक्षा

नेपालमे आधुनीक शिक्षाका शुरूवात राणा प्रधानमन्त्री जंग बाहदुर राणाकी बेलायत यात्रा केबाद सन् 1982 मा स्थापीत दरबार हाइस्कुल (हाल रानीपोखरी किनार अवस्थित भानु मा.बि। )हुवा था, इससे पहले नेपालमे कुछ धर्मशास्त्रीय दर्सनमे आधारीत शिक्षामात्र दियाजाता था । आधुनीक शिक्षाका शुरूवात 1982 मा होतेहुवे भि यह आम नेपाली जनताके लिए सर्वशुलभ नहीथा । लेकिन देशके बिभिन्न भागमे कुछ बिधालय दरवार हाइस्कुलकी शुरूवात के बाद खुलना शुरूहुए । लेकीन नेपालमे पहिला उच्च शिक्षा केन्द्र काठमान्डौमे राहहुवा त्रिचन्द्र क्याम्पस है । राणा प्रधानमन्त्री चन्द्र सम्सेर ने अपने साथ राजा त्रिभुवनका नाम जोडके इस क्याम्पसका नाम राखाथा । यह क्याम्पसके स्थापना बाद नेपालमे उच्च शिक्षा आर्जन बहुत सहज होगयाथता लेकीन सन 1959 तक भि देश मे एकभी विश्वविधालय स्थापना हो नही सकाथा राजनितीक परिवर्तन पस्चात राणा शासन मुक्त देशने अन्तत 1959मे त्रिभुवन विश्वविधालयकी स्थापना किया ।उसकेबाद महेन्द्र संस्कृतके साथ अन्य विश्वविधालय खुलते गए । हालहीमे मात्र सरकारने ४ थप विश्वविधालय भि स्थापना करनेका घोषणा किया है । नेपालकी शिक्षा का सबसे मुख्य योजनाकार शिक्षामन्त्रालय है उसके इलावा शिक्षा विभाग, पाँच क्षेत्रीय शिक्षा निर्देसनालय, पचहतर जिल्ला शिक्षा कार्यालय, परिक्षा नियन्त्रण कार्यालय सानोठिमी, उच्चमाध्यामीक शिक्षा परिषद,पाठ्यक्रम बिकास केन्द्र, बिभिन्न विश्वविधालयके परिक्षा नियन्त्रण कार्यलय लगायत नेपालकी शिक्षाका बिकास बिश्तार तथा नियन्त्रणके क्षेत्रमा कार्यरत है हरू समेत रहेका छ

नेपालके विश्वविधालय

त्रिभुवन विश्वविधालय


महेन्द्र संस्कृत विश्वविधालय (हाल नेपाल संस्कृत बनायागाया है )


काठमाडौं विश्वविधालय


पुर्वान्चल विश्वविधालय


पोखरा विश्वविधालय


लुम्वीनी विश्वविधालय


नेपाल कृषी तथा वन विश्वविधालय


मध्यपस्चिमाञ्चल विश्वविधालय


सुदुरपस्चीमाञ्चल विश्वविधालय


खुल्ला विश्वविधालय

श्वास्थ

नेपालमे बहुत पहिले से आयुर्वेद प्राकृतीक चिकित्सा पद्धती उपयोगमे था बैध और परंपरागत चिकित्सक गाँउघर सहरोमे श्वास्थ सेवा पहुचाते थे, उनलोगोका औसधीके श्रोत नेपालके हिमाल से तराइ तक मिलनेवाले जडीबुटी हि होते थे । आधुनीक चिकित्सा पद्धतीकी शुरूवात राणा प्रधानमन्त्री जंगवाहादुर राणाकी बेलायत यात्राके बाद दरवार के अन्दर शुरूहुवा लेकीन नेपालमे आधुनीक चिकित्सा संस्थाकी रूपमे राणा प्रधानमन्त्री वीर सम्सेरकी वक्तमे काठामाण्डौमे सन १८८९ मे स्थापित वीर अस्पतालही है ततपस्चात चन्द्र समसेर वक्तमे स्थापीत त्रिचन्द्र सैनीक अस्पतालहै हाल नेपालके हस्पताल मे सामन्यतया आयुर्वेद,प्रकृतीक चिकीत्सा तथा आधुनीक चिकीत्सा करके सरकारी सेवा विधमान हे ।

सेना तथा सुरक्षा अंग

नेपालमे नेपाली सेना,नेपाली सैनिक विमान सेवा,नेपाल ससस्त्र प्रहरी बल,नेपाल प्रहरी,नेपाल ससस्त्र वनरक्षक तथा राष्ट्रीय अनुसन्धान विभाग नेपाल लगायत सस्सत्र, तथा गुप्तचर सुरक्षा निकाय रहेहै ।

संदर्भ

  1. नेपालको अन्तरिम संविधान २०६३
  2. "A Country Study: Nepal". Federal Research Division, Library of Congress. अभिगमन तिथि September 23. नामालूम प्राचल |accessyear= की उपेक्षा की गयी (|access-date= सुझावित है) (मदद); |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  3. "Timeline: Nepal". BBC News. नामालूम प्राचल |accessyear= की उपेक्षा की गयी (|access-date= सुझावित है) (मदद); नामालूम प्राचल |accessmonthday= की उपेक्षा की गयी (मदद)
  4. "Nepal". CIA World Factbook. नामालूम प्राचल |accessyear= की उपेक्षा की गयी (|access-date= सुझावित है) (मदद); नामालूम प्राचल |accessmonthday= की उपेक्षा की गयी (मदद)
  5. "Nepal: Economy". MSN Encarta. पृ॰ 3. अभिगमन तिथि September 23. नामालूम प्राचल |accessyear= की उपेक्षा की गयी (|access-date= सुझावित है) (मदद); |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)

बाहरी कड़ियाँ

समाचार