"ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता विकार": अवतरणों में अंतर

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हालांकि ADHD से ग्रस्त कई बच्चों मे ध्यानाभाव और अतिसक्रियता-आवेगी व्यवहार मे से कोई एक लक्षण ज्यादा मुखर होता है पर, ज्यादातर बच्चों मे ध्यानाभाव और अतिसक्रियता-आवेगी व्यवहार का एक मिला जुला रूप देखा गया है। ADHD के संकेत और लक्षण उन गतिविधियों मे और अधिक स्पष्ट रूप से उभर कर आते हैं, जिनके दौरान मानसिक रूप से ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होती है।
हालांकि ADHD से ग्रस्त कई बच्चों मे ध्यानाभाव और अतिसक्रियता-आवेगी व्यवहार मे से कोई एक लक्षण ज्यादा मुखर होता है पर, ज्यादातर बच्चों मे ध्यानाभाव और अतिसक्रियता-आवेगी व्यवहार का एक मिला जुला रूप देखा गया है। ADHD के संकेत और लक्षण उन गतिविधियों मे और अधिक स्पष्ट रूप से उभर कर आते हैं, जिनके दौरान मानसिक रूप से ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होती है।
ADHD से ग्रस्त अधिकांश बच्चों मे इसके संकेत और लक्षण 7 वर्ष की उम्र से पहले ही देखे जा सकते हैं। कुछ बच्चों में तो, ADHD के लक्षण शैशव मे ही देखे जा सकते हैं।
ADHD से ग्रस्त अधिकांश बच्चों मे इसके संकेत और लक्षण 7 वर्ष की उम्र से पहले ही देखे जा सकते हैं। कुछ बच्चों में तो, ADHD के लक्षण शैशव मे ही देखे जा सकते हैं।

== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://attentiondeficitdisorder.info/ attention deficit disorder]


[[af:Aandagsgebreksindroom]]
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11:38, 27 सितंबर 2011 का अवतरण

ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता विकार (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (अंग्रेजी: Attention-deficit hyperactivity disorder) या AD/HD या ADHD) एक मानसिक विकार और दीर्घकालिक स्थिति है जो लाखों बच्चों को प्रभावित करती है और अक्सर यह स्थिति व्यक्ति के वयस्क होने तक बनी रह सकती है। विश्व मे लगभग 3 से 5% बच्चे इससे पीड़ित है। ADHD के साथ जुड़ी प्रमुख समस्याओं मे ध्यानाभाव (ध्यान की कमी या ध्यान ना देना), आवेगी व्यवहार, असावधानी और अतिसक्रियता शामिल हैं। अक्सर ADHD से ग्रस्त बच्चे हीन भावना, अपने बिगड़े संबंधों और विद्यालय में खराब प्रदर्शन जैसी समस्याओं से जूझते रहते हैं। माना जाता है कि ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता विकार अनुवांशिक रूप से व्यक्ति मे आता है। लड़के, लड़कियों की तुलना मे इसके शिकार अधिक होते हैं।

हालांकि ADHD का कोई स्थायी उपचार नहीं है फिर भी उपचार से इसके लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। आमतौर से उपचार मे मनोवैज्ञानिक परामर्श, दवायें या फिर दोनों शामिल हो सकते हैं।

किसी बच्चे का ADHD से ग्रस्त होना अभिभावकों और बच्चों दोनों के लिए भयावह हो सकता है, साथ ही इसके साथ जीवन एक चुनौती जैसा हो सकता है, हालांकि उपचार के द्वारा इसके लक्षणों पर बहुत हद तक काबू पाया जा सकता है। ADHD के शिकार अधिकतर बच्चे बड़े होकर एक जीवंत, सफल, और सक्रिय वयस्क बनते हैं।

लक्षण

ADHD को ध्यानाभाव विकार (ADD) और अतिसक्रियता भी पुकारा जाता है, लेकिन ADHD ज्यादा सटीक शब्द है क्योंकि यह इस स्थिति के दोनों प्राथमिक पहलुओं: ध्यान ना देना और अतिसक्रियता-आवेगी व्यवहार का वर्णन बखूबी करता है।

हालांकि ADHD से ग्रस्त कई बच्चों मे ध्यानाभाव और अतिसक्रियता-आवेगी व्यवहार मे से कोई एक लक्षण ज्यादा मुखर होता है पर, ज्यादातर बच्चों मे ध्यानाभाव और अतिसक्रियता-आवेगी व्यवहार का एक मिला जुला रूप देखा गया है। ADHD के संकेत और लक्षण उन गतिविधियों मे और अधिक स्पष्ट रूप से उभर कर आते हैं, जिनके दौरान मानसिक रूप से ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होती है। ADHD से ग्रस्त अधिकांश बच्चों मे इसके संकेत और लक्षण 7 वर्ष की उम्र से पहले ही देखे जा सकते हैं। कुछ बच्चों में तो, ADHD के लक्षण शैशव मे ही देखे जा सकते हैं।

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