"किन्नौर जिला": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
छो robot Adding: pnb:ضلع کنور
छो r2.7.1) (robot Adding: es:Distrito de Kinnaur
पंक्ति 87: पंक्ति 87:
[[de:Kinnaur]]
[[de:Kinnaur]]
[[en:Kinnaur district]]
[[en:Kinnaur district]]
[[es:Distrito de Kinnaur]]
[[it:Distretto di Kinnaur]]
[[it:Distretto di Kinnaur]]
[[nl:Kinnaur]]
[[nl:Kinnaur]]

16:10, 19 अगस्त 2011 का अवतरण

किन्नौर
—  town  —
View of किन्नौर, भारत
View of किन्नौर, भारत
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य हिमाचल प्रदेश
ज़िला किन्नौर
क्षेत्रफल
ऊँचाई (AMSL)

• 2,698 मीटर (8,852 फी॰)
आधिकारिक जालस्थल: http://hpkinnaur.nic.in

निर्देशांक: 31°32′N 78°15′E / 31.53°N 78.25°E / 31.53; 78.25

पौराणिक किन्नौरों की भूमि किन्नौर हिमाचल प्रदेश के उत्तर पूर्व में स्थित एक बहुत सुंदर नगर है। यह हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले का मुख्याल्य है। ऊंचे-ऊंचे पहाडों और हरे-भरे पेडों से घिरा यह क्षेत्र ऊपरी, मध्य और निचले किन्नौर के भागों में बंटा हुआ है। यहां पहुंचने का मार्ग दुर्गम होने के कारण यह क्षेत्र बहुत लंबे समय तक पर्यटकों से अछूता रहा है, लेकिन अब साहसिक और रोमांचप्रिय पर्यटक यहां बडी संख्या में आने लगे हैं। प्राकृतिक द्श्यावली से भरपूर इस नगर की सीमा तिब्बत से सटी हुई है, जो इसे सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बनाती है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से लगभग २५० किमी. दूर राष्ट्रीय राजमार्ग २२ पर यह नगर स्थित है। पहाडों और जंगलों के बीच कलकल ध्वनि से बहती सतलुत और स्पीति‍ नदीयों का संगीत यहां की सुंदरता में चार चांद लगा देता है। स्पीति नदी आगे चलकर खाब में सतलुज से मिल जाती है। विश्व की विशालतम जन्सकार और महान हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं के आकर्षक दृश्य यहां से देखे जा सकते हैं।

पर्यटन स्थल

रिकांग पीओ-

समुद्र तल से २,६७० मीटर की ऊंचाई पर स्थित रिकांग पिओ किन्नौर का जिला मुख्यालय है। हाल ही में यहां एक मठ बनाया गया है। १९९२ में बौद्ध धर्मगुरू दलाई लामा ने यहां कालचक्र नामक समारोह आयोजित किया था। रिकांग पिओ के निकट ही कल्पा की प्राचीन बस्ती है, जहां की सुंदरता को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। इसी स्थान पर हू-बू-लेन-कर मठ स्थित है। कहा जाता है कि इस मठ को ९५०-१०५५ के बीच रिनचेंगसान पो ने संस्थापित करवाया था। किन्नौर कैलाश के अदभुत दृश्य यहां से देखे जा सकते हैं।

कल्पा-

पुरानी भारत-तिब्बत सड़क पर स्थित कल्पा किन्नौर का प्रारंभिक जिला मुख्यालय था। समुद्र तल से २,७५९ मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह ग्राम शिमला से २६० किमी दूर है। हेरिटेज विलेज की तमाम खूबियां यहां देखी जा सकती हैं। प्रात: काल में बर्फीले पहाडों के बीच में उगते हुए सूर्य की स्वर्णिम आभा यहां से बहुत सुंदर लगती है। यहां का नारायण नागनी मंदिर स्थानीय कला का अनुपम उदाहरण है। कल्पा में अनेक प्राचीन बौद्ध मठ बनें हुए हैं। यह गांव ६,०५० मीटर ऊंचे किन्नौर कैलाश के बहुत ही निकट स्थित है। किन्नौर कैलाश को भगवान शिव का शीतकालीन आवास माना जाता है।

सांगला-

किन्नौर का यह लोकप्रिय ग्राम बास्पा नदी के दायें तट पर स्थित है। समुद्र तल से २,६२१ मीटर ऊंचाई पर स्थित यह ग्राम अपनी अति उपजाऊ भूमि के लिए लोकप्रिय है। यह ग्राम ढलान पर बसा हुआ है जिसके पीछे रालदांग पर्वत की विशाल चोटियां देखी जा सकती हैं। यहां के जंगलों और सदैव बर्फ से अच्छादित पर्वत चोटियों की सुंदरता इसे अन्य स्थानों से अलग बनाती है। बास्पा नदी के बहने के कारण इस स्थान को बस्‍पा घाटी भी कहा जाता है। यह घाटी किन्नौर जिले की सबसे सुंदर घाटियों में एक है।

छितकुल-

समुद्र तल से ३,४५० मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह बास्पा घाटी का अंतिम और सबसे ऊंचा ग्राम है। बास्पा नदी के दाहिने तट पर स्थित इस ग्राम में ‍स्थानीय देवी माथी के तीन मंदिर बने हुए हैं। कहा जाता है कि माथी के सबसे प्रमुख मंदिर को ५०० वर्ष पहले गढ़वाल के एक निवासी ने बनवाया गया था।

कोठी-

काल्पा तहसील के इस विशाल प्राचीन ग्राम को कोष्टांपी के नाम से भी जाना जाता है। इस ग्राम के खेत और फलों के पेड़ इसकी सुंदरता को और बढा़ देते हैं। देवी सुआंग चन्द्रिका मंदिर यहां बना हुआ है। यहां के स्थानीय निवासी इस देवी का बहुत सम्मान करते हैं और इसे बहुत शक्तिशाली मानते हैं। भैरों को समर्पित यहां एक अन्य मंदिर भी विशेष लोकप्रिय है।

निचार-

यह ग्राम तरांगा और वांगतू के बीच सतलुज नदी के बाएं तट पर बसा हुआ है। समुद्र तल से २,१५० मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह ग्राम प्राकृतिक दृश्यावली से भरपूर है। यदि इस ग्राम से ऊपर की ओर जाया जाए तो घोरल, एंटीलोप्स, काले और लाल भालुओं को देखा जा सकता है।

नाको-

कल्पा से ११७ कि०मी० की दूरी पर नाको स्थित है। हंगरांग घाटी में स्थित यह गांव समुद्र तल से ३,६०० मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह गांव यहां की नाको झील के कारण भी लोकप्रिय है जिसमें गर्मियों के दौरान नौकायान की सुविधा उपलब्ध है। सर्दियों में इस झील का पानी जम जाता है और उसमे स्केटिंग की जाती है। बौद्ध मठ भी यहां देखे जा सकते हैं।

पूह-

यह किन्नौर जिले का एक सुन्दर गाँव है।

रोपा-

यह किन्नौर जिले का अन्तिम गाँव है जो सवसे ऊँचाई पर स्थित है। यह गाँव सेव, अखरोट, खुर्मानी, बदाम आदि के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ से पैदल स्पीति को भी जा सकते हैं, जो पैदल रास्ता ३ दिन का है।

काजा-

एक जमाने में काजा स्पीति के प्रमुख की राजधानी थी। स्पीति नदी के बाएं किनारे पर स्थित यह नगर समुद्र तल से ३,६०० मीटर की ऊंचाई पर है। वर्तमान में काजा स्पीति सब डिवीजन का मुख्यालय है

कैसे जाएं

वायु मार्ग-

किन्नौर का निकटतम हवाई अड़्डा शिमला में है। दिल्ली से शिमला के लिए सीधी उडान उपलब्ध है।

रेल मार्ग-

शिमला का रेलवे स्टेशन किन्नौर का निकटतम रेलवे स्टेशन है जो कालका से नेरो गैज लाइन से जुड़ा हुआ है। शिमला से कालका की दूरी ९६ किमी है।

सड़क मार्ग-

सड़क मार्ग से किन्नौर पहुंचने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग २२ का प्रयोग किया जाता है। दिल्ली, चंडीगढ़, शिमला, मनाली और कुल्लू से किन्नौर के लिए टै‍क्सी भी की जा सकती है।

प्रसिद्ध सामान

किन्नौर हैंडलूम और हस्तशिल्प के सामानों के लिए प्रसिद्ध है। यहां से शॉल, टोपियां, मफलर, लकड़ी की मूर्तिया और धातुओं से बना बहुत-सा सामान खरीदा जा सकता है। इसके अतिरिक्त किन्नौर फलों और ड्राई फूडस के उत्पादन के लिए भी बहुत जाना जाता है। सेब, बादाम, चिलगोजा, ओगला, अंगूर और अखरोट आदि भी यहां से खरीदे जा सकते हैं। काल्‍पा, रिकांग पिऊ, करचम ताप्री आदि स्थानों में अनेक दुकानें है, जहां से इनकी खरीदारी की जा सकती है।

बाहरी कड़ियां

निर्देशांक: 31°35′N 78°25′E / 31.583°N 78.417°E / 31.583; 78.417{{#coordinates:}}: cannot have more than one primary tag per page