"मंत्री": अवतरणों में अंतर
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अर्थस्योत्पादकं चैव विदध्यान्मंत्रिणं नृप: // |
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(जो उसी देश में उत्पन्न, जिसका कुल और आचार शुद्ध हो, जिसकी निष्ठा जाँची-परखी हो, मंत्र (कूटनीति) का ज्ञाता हो, व्यसनी न हो, व्यभिचार से दूर रहने वाला हो, शासन के विभिन्न पहलुओं का अच्छा ज्ञाता हो, अच्छे परिवार से हो, प्रसिद्ध हो, विद्वान हो, धन का सृजन करने वाला हो, को राजा मंत्री बनाये।) |
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[[श्रेणी:राजनीति]] |
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11:19, 7 अगस्त 2011 का अवतरण
मंत्री आधुनिक राष्ट्रीय या क्षेत्रीय सरकारों का प्रमुख पद है। भारत में प्राचीनकाल में राजा को विविध विषयों पर सलाह देने के लिये नियुक्त व्यक्ति को मंत्री या सचिव कहा जाता था।
आवश्यक गुण
हितोपदेश के अनुसार प्रधानमंत्री के लिये निम्नलिखित गुण होने चाहिये-
स्वदेशजं कुलाचारविशुद्धं उपधाशुचिम्
मन्त्रज्ञमवसानीनं व्यभिचारविवर्जितम् //
अधीतव्यवहारार्थं मौलं ख्यातं विपश्चितम् /
अर्थस्योत्पादकं चैव विदध्यान्मंत्रिणं नृप: //
(जो उसी देश में उत्पन्न, जिसका कुल और आचार शुद्ध हो, जिसकी निष्ठा जाँची-परखी हो, मंत्र (कूटनीति) का ज्ञाता हो, व्यसनी न हो, व्यभिचार से दूर रहने वाला हो, शासन के विभिन्न पहलुओं का अच्छा ज्ञाता हो, अच्छे परिवार से हो, प्रसिद्ध हो, विद्वान हो, धन का सृजन करने वाला हो, को राजा मंत्री बनाये।)