"मशीनी भाषा": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
छो r2.6.4) (robot Adding: kk:Машиналық код
छो r2.6.4) (robot Adding: kk:Машиналық тіл
पंक्ति 53: पंक्ति 53:
[[ja:機械語]]
[[ja:機械語]]
[[jbo:sambau]]
[[jbo:sambau]]
[[kk:Машиналық код]]
[[kk:Машиналық тіл]]
[[ko:기계어]]
[[ko:기계어]]
[[lt:Mašininis kodas (programavimas)]]
[[lt:Mašininis kodas (programavimas)]]

17:48, 22 जुलाई 2011 का अवतरण

मशीनी भाषा कंप्यूटर की आधारभुत भाषा है, यह केवल 0 और 1 दो अंको के प्रयोग से निर्मित श्रृंखला से लिखी जाती है। यह एकमात्र कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा है जो कि कंप्यूटर द्वारा सीधे-सीधे समझी जाती है। इसे किसी अनुवादक प्रोग्राम का प्रयोग नही करना होता है। इसे कंप्यूटर का मशीनी संकेत भी कहा जाता है।

कंप्यूटर का परिपथ इस प्रकार तैयार किया जाता है कि यह मशीनी भाषा को तुरन्त पहचान लेता है और इसे विधुत संकेतो मे परिवर्तित कर लेता है। विधुत संकेतो की दो अवस्थाए होती है- हाई और लो अथवा Anticlock wise & clock wise, 1 का अर्थ है Pulse अथवा High तथा 0 का अर्थ है No Pulse या low।

मशीनी भाषा मे प्रत्येक निर्देश के दो भाग होते है- पहला क्रिया संकेत (Operation code अथवा Opcode) और दूसरा स्थिति संकेत (Location code अथवा Operand)। क्रिया संकेत कंप्यूटर को यह बताता जाता है कि क्या करना है और स्थिति संकेत यह बताता है कि आकडे कहां से प्राप्त करना है, कहां संग्रहीत करना है अथवा अन्य कोइ निर्देश जिसका की दक्षता से पालन किया जाना है।

मशीनी भाषा की विशेषताए

मशीनी भाषा मे लिखा गया प्रोग्राम कंप्यूटर द्वारा अत्यंत शीघ्रता से कार्यांवित हो जाता है। इसका मुख्य कारण यह है कि मशीनी भाषा मे दिए गए निर्देश कंप्यूटर सीधे सीधे बिना किसी अनुवादक के समझ लेता है और अनुपालन कर देता है।


मशीनी भाषा की परिसीमाएं

  1. मशीनी भाषा कंप्यूटर के ALU (Arithmatic Logic Unit) एवं Control Unit के डिजाइन अथवा रचना, आकार एवं Memory Unit के word की लम्बाई द्वारा निर्धारित होती है। एक बार किसी ALU के लिये मशीनी भाषा मे तैयार किये गए प्रोग्राम को किसी अन्य ALU पर चलाने के लिये उसे पुन: उस ALU के अनुसार मशीनी भाषा का अध्ययन करने और प्रोग्राम के पुन: लेखन की आवश्यकता होती है।
  2. मशीनी भाषा मे प्रोग्राम तैयार करना एक दुरूह कार्य है। इस भाषा मे प्रोग्राम लिखने के लिये प्रोग्रामर को मशीनी निर्देशो या तो अनेकों संकेत संख्या के रूप मे याद करना पडता था अथवा एक निर्देशिका के संपर्क मे निरंतर रहना पडता था। साथ ही प्रोग्रामर को कंप्यूटर के Hardware Structure के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी भी होनी चाहिये थी।
  3. विभिन्न निर्देशो हेतु चूंकि मशीनी भाषा मे मात्र दो अंको 0 और 1 की श्रृंखला का प्रयोग होता है। अत: इसमे त्रुटि होने की सम्भावना अत्यधिक है। और प्रोग्राम मे त्रुटि होने पर त्रुटि को तलाश कर पाना तो भुस मे सुइ तलाशने के बराबर है।

मशीनी भाषा मे प्रोग्राम लिखना एक कठिन और अत्यधिक समय लगाने वाला कार्य है। इसीलिये वर्तमान समय मे मशीनी भाषा मे प्रोग्राम लिखने का कार्य नगण्य है।

ये भी देखें