101.166.131.147 के सदस्य योगदान
For 101.166.131.147 वार्ता अवरोध लॉग लॉग दुरुपयोग लॉग
21 मई 2020
- 14:1214:12, 21 मई 2020 अन्तर इतिहास 0 कदिका No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 14:0814:08, 21 मई 2020 अन्तर इतिहास 0 कदिका No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 14:0814:08, 21 मई 2020 अन्तर इतिहास 0 कदिका अनुसुइया टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 14:0714:07, 21 मई 2020 अन्तर इतिहास +654 कदिका कदिका टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 14:0114:01, 21 मई 2020 अन्तर इतिहास +63 अनुसूईया अनुसुईया टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 13:5613:56, 21 मई 2020 अन्तर इतिहास +461 न पौरव राजपरिवार पौरव राष्ट्र के राजघराने के सदस्यों को पौरव राजपरिवार कहा जाता था महाराज बमनी ओर उनकी पत्नी महारानी अनुसुइया ओर राजघराने के अन्य सभी सदस्यों को पौरव राजपरिवार कहा जाता था। टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 13:5113:51, 21 मई 2020 अन्तर इतिहास −16 मलायकेतु अकेले टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 13:5013:50, 21 मई 2020 अन्तर इतिहास +312 मलायकेतु {{Infobox Royalty |Name = मल्यकेतु |Father = पुरुवास |Mother = महारानी लाची |Grandfather = बमनी |Grandmother = राजमाताअनुसुइया |predecessor = पुरूवास |successor = भद्रकेतु |Religion = सनातन}} मल्यकेतु पौरव नरेश पोरस या पुरूवास का उत्तराधिकारी था जिसके बारे मे यह कहा जाता हैं कि उसने अकेले सिकंदर के आक्रमण मे 12 लोगो को अकेले मौत के घाट उतारा था। यह महारानी लाची व महाराज पोरस का पुत्र था जिसका नामकरण स्वयं चाणक्य ने किया था।यह 315ईसा पूर्व... टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 13:3713:37, 21 मई 2020 अन्तर इतिहास +800 अनुसूईया '''महारानी अनुसूईया''' पौरव महाराज पोरस की माँ थीं वह तक्षशिला की राजकन्या थी ओर उनकी शिक्षा तक्षशिला विश्वविद्यालय में पूर्ण हुई थी वह बाल्यकाल से ही अपने ज्येष्ठ भ्राता अम्भीराज से श्रेष्ठ ओर एक कुशल विधार्थी एवं कुशल योद्धा रही थी । वह पौरव के राजा बमनी की पहली पत्नी ओर पौरव महारानी थी। वह तक्षशिला के राजा अम्भी के पिता महाराज अम्भीराज की बहन थी। जब आम्भी ने सिकंदर का साथ दिया तब अम्भीराज ने छल से पौरव राष्ट्र पर आक्रमण किया था ओर महारानी अनुसूईया का वध... टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन