आपणों राजस्थान के सदस्य योगदान
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23 जून 2021
- 16:4816:48, 23 जून 2021 अन्तर इतिहास −606 छो जैसलमेर के मंदिर चुंधी गणेश मंदिर टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन Newcomer task
- 16:4616:46, 23 जून 2021 अन्तर इतिहास +1,457 छो जैसलमेर के मंदिर चून्धी गणेश मंदिर में लोद्रवा मार्ग पर भीलों की ढाणी के पास काक नदी के मध्य गणेश की प्राकृतिक प्रतिमा है ! इस स्थान को च्यवन ऋषि का आश्रम कहा जाता था ! कालान्तर में इसका नाम चून्धी हो गया ! यहाँ गंगा सप्तमी और गणेश चतुर्थी को मेला लगता है ! टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन Newcomer task
- 13:4413:44, 23 जून 2021 अन्तर इतिहास +631 छो पेरासिटामोल पेरासिटामोल टेबलेट कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद डाक्टर द्वारा हमें दी जाती है क्योंकि कि वैक्सीन लगाने के बाद १२ घन्टें में कम से कम एक बार तो बुखार आता ही टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन Newcomer task
- 13:3413:34, 23 जून 2021 अन्तर इतिहास +1,446 सदस्य:आपणों राजस्थान रुणिचा में बाबा रामदेव के समाधि लेने के 8 दिन बाद खुद ने जीवित समाधि ले ली थी ! रामदेव जी के समाज सुधार के लक्ष्य के लिए उन्होंने आजीवन पूर्ण निष्ठा से कार्य किया ! इनके मंदिर का पुजारी सांखला राजपूत होते हैं मंदिर का निर्माण 1721 ई. में जोधपुर महाराजा अजीत सिंह के द्वारा किया गया ! हड़बूजी के मंदिर में किसी मूर्ति की पूजा नहीं की जाती है और जिस बैलगाड़ी से हड़बूजी पंगु और अशक्त गोविंद शौक के लिए घास भरकर लाते थे ! उसी बैलगाड़ी की उनके भक्तों द्वारा पूजा की जाती है ! वर्तमान टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 10:4610:46, 23 जून 2021 अन्तर इतिहास +3,197 छो बुटाटी धाम जेनिफर क्राफ्ट अमेरिकन मीडिया और सोशल मीडिया से बुटाटी धाम की जानकारी मिली बुटाटी धाम के चमत्कार की बात सुनकर विश्व की महाशक्ति अमरीका के शिकागो से लकवाग्रस्त ! (पैरालिसिस) से पीडि़त जेनिफर क्राफ्ट भी परिक्रमा लगाने बुटाटी मन्दिर आई ! जेनिफर क्राफ्ट ने बताया कि मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें बुटाटी धाम के चमत्कार के बारे में पता चला ! और बिना कोई देरी किये अमेरीका से भारत चली आई ! जेनिफर क्राफ्ट “के साथ दिल्ली से आए आशुतोष शर्मा ने बताया कि क्राफ्ट का 2014 में मोटरसाइकिल से एक्सीडें टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
22 जून 2021
- 13:5713:57, 22 जून 2021 अन्तर इतिहास −92 माधोराजपुरा मम टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 13:5613:56, 22 जून 2021 अन्तर इतिहास +2,197 माधोराजपुरा माधोराजपुरा किला का निर्माण - ा माधोराजपुरा किले का निर्माण माधोराजपुरा का किला जयपुर से लगभग 59 कि.मी. दक्षिण में दृदु से लालसोट जाने वाली सड़क पर फागी से लगभग 9 कि.मी. पूर्व में स्थित है ! यह किला एक स्थल दुर्ग है जिसके चारों ओर लगभग 20 फीट चौड़ी और 30 फीट गहरी खाई है ! और इस माधोराजपुरा के किले के चारों तरफ नहर के अलावा दोहरा दीवार है ! इस दुर्ग का निर्माण जयपुर के महाराजा सवाई माधोसिंह प्रथम ने मराठा विजय के उपलक्ष्य में करवाया था ! जयपुर की तर्ज पर बसे माधोराजपुरा या किले पर जोधपुर के मह टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 13:3713:37, 22 जून 2021 अन्तर इतिहास +742 न सदस्य:आपणों राजस्थान माधोराजपुरा का किला - जयपुर से लगभग 59 कि.मी. दक्षिण में दृदु से लालसोट जाने वाली सड़क पर फागी से लगभग 9 कि.मी. पूर्व में स्थित है ! यह किला एक स्थल दुर्ग है जिसके चारों ओर लगभग 20 फीट चौड़ी और 30 फीट गहरी खाई है ! और इस माधोराजपुरा के किले के चारों तरफ नहर के अलावा दोहरा दीवार है ! इस दुर्ग का निर्माण जयपुर के महाराजा सवाई माधोसिंह प्रथम ने मराठा विजय के उपलक्ष्य में करवाया था ! जयपुर की तर्ज पर बसे माधोराजपुरा या किले पर जोधपुर के महाराजा मानसिंह की पुत्री वह जयपुर के महाराजा जगतसिंह – की महार टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 06:4506:45, 22 जून 2021 अन्तर इतिहास +2,505 छो भगत धन्ना भक्त धन्ना जाट के खेत का किस्सा धन्ना भगत के गांव में आज भी प्रसिद्ध है ! कि एक बार सब के खेतों में खूब गेहूं पैदा हुए और धन्ना के खेत में तुंबे पैदा हुए ! जब खलियान में तुम्बो का ढेर लगा ! तो वहां के जागीरदार ने लाटा (अपना हिस्सा) लिए बिना ही छोड़ दिया ! जब धन्ना ने कहा कि मैं बिना हिस्सा दिए नहीं रहूंगा तो जागीरदार ने बतौर हिस्से के दो तुम्बे लिए ! जिन्हें मौके पर ही फोड़ कर देखा तो तुम्बों के बीज की जगह मोती भरे हुए मिले ! गांव के जागीरदार ने उस याद में गांव के दक्षिण- पश्चिम में एक तलाई का न टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
19 जून 2021
- 16:0016:00, 19 जून 2021 अन्तर इतिहास +1,956 छो कल्ला जी राठौड़ कल्लाजी राठौड़ के चमत्कार - कल्ला जी के मंदिरों ,गादियो और चौकियों पर श्रद्धालु हर रविवार को एकत्रित होते हैं ! उनका विश्वास है कि कल्लाजी की आत्मा मंदिर के मुख्य सेवक (किरण धारी ) के शरीर में प्रवेश कर लोगों के कष्टों को दूर करती है ! नेत्र रोगी ,बहरापन, पागलपन, मिर्गी और यहां तक की केंसर और ह्रदय रोगी भी कल्लाजी की शरण में आते हुए देखे जा सकते हैं ! इनके अलावा भुत प्रेत व अनिष्टकारी आत्मा परेशान, कुत्ते व जहरीले जीव जंतु, सांप बिच्छू आदि के काटे रोगी भी इनके स्थानों पर पहुंचते है ! कल्लाजी क टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 15:4515:45, 19 जून 2021 अन्तर इतिहास +1,297 छो अजमेर मैग्जीन अकबर का किला अजमेर नगर के मध्य स्थित है जिसे मैग्जीन (सिहल खाना या शस्त्रागार )और अकबर का “दौलत खाना” भी कहते हैं ! मुगलों द्वारा मुस्लिम “हिंदू दुर्ग निर्माण पद्धति “से बनाया हुआ यह एक एकमात्र दुर्ग राजस्थान में है ! इस दुर्ग का निर्माण मुगल बादशाह अकबर ने 1571- 72 ई. में गुजरात विजय के उपलक्ष्य में किया गया था ! टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 15:3215:32, 19 जून 2021 अन्तर इतिहास +217 अहिछत्रगढ़ किला अहिछत्रपुर दुर्ग राजस्थान के बिच में बसे नागौर के किले को नागणा दुर्ग, नाग दुर्ग व अहिछत्रपुर दुर्ग के नाम से भी जाना जाता हैं ! इतिहासकारो के अनुसार चौहान राजा सोमेश्वर के सामन्त कैमास ने वि.सं.- 1211 में नागौर का दुर्ग अहिछत्रपुर दुर्ग की नींव रखी ! यह किला वीर अमरसिंह राठौड़ की शौर्य गाथाओं के कारण इतिहास में अपना एक विशिष्ट स्थान और महत्व रखता है ! यहाँ सुन्दर कलात्मक बादल महल भी स्थित है ! यहाँ प्राचीर और पानी की खाई इस दुर्ग की महत्त्वपूर्ण सामरिक विशेषता रही है ! राजस्थान के स्थल दुर्गो टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 15:2815:28, 19 जून 2021 अन्तर इतिहास +219 अहिछत्रगढ़ किला अहिछत्रपुर दुर्ग राजस्थान के बिच में बसे नागौर के किले को नागणा दुर्ग, नाग दुर्ग व अहिछत्रपुर दुर्ग के नाम से भी जाना जाता हैं ! इतिहासकारो के अनुसार चौहान राजा सोमेश्वर के सामन्त कैमास ने वि.सं.- 1211 में नागौर का दुर्ग अहिछत्रपुर दुर्ग की नींव रखी ! यह किला वीर अमरसिंह राठौड़ की शौर्य गाथाओं के कारण इतिहास में अपना एक विशिष्ट स्थान और महत्व रखता है ! यहाँ सुन्दर कलात्मक बादल महल भी स्थित है ! यहाँ प्राचीर और पानी की खाई इस दुर्ग की महत्त्वपूर्ण सामरिक विशेषता रही है ! राजस्थान के स्थल दुर्गो टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- 15:2415:24, 19 जून 2021 अन्तर इतिहास +1,693 अहिछत्रगढ़ किला अहिछत्रपुर दुर्ग राजस्थान के बिच में बसे नागौर के किले को नागणा दुर्ग, नाग दुर्ग व अहिछत्रपुर दुर्ग के नाम से भी जाना जाता हैं ! इतिहासकारो के अनुसार चौहान राजा सोमेश्वर के सामन्त कैमास ने वि.सं.- 1211 में नागौर का दुर्ग अहिछत्रपुर दुर्ग की नींव रखी ! यह किला वीर अमरसिंह राठौड़ की शौर्य गाथाओं के कारण इतिहास में अपना एक विशिष्ट स्थान और महत्व रखता है ! यहाँ सुन्दर कलात्मक बादल महल भी स्थित है ! यहाँ प्राचीर और पानी की खाई इस दुर्ग की महत्त्वपूर्ण सामरिक विशेषता रही है ! राजस्थान के स्थल दुर... टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन