विशाखापट्टनम इस्पात कारखाना
चित्र:Vizagsteel.JPG | |
कंपनी प्रकार | Public Sector Enterprise |
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उद्योग | Steel |
स्थापित | 1971 |
मुख्यालय | Visakhapatnam, India |
प्रमुख लोग | P K Bishnoi, CMD |
उत्पाद | Plain Rounds,Squares,Flats,Billets,Pig Iron,Plain Wire Rods In Coils I,Plain Wire Rods In Coils II |
आय | USD 1.36 billion |
वेबसाइट | http://www.vizagsteel.com/ |
विशाखापट्टनम इस्पात कारखाना, वाइज़ाग स्टील के नाम से लोकप्रिय (तेलुगु: విశాఖ ఉక్కు కర్మాగారం), लघु रत्न प्रतिष्ठा के साथ भारत का एक प्रमुख इस्पात उत्पादक है। 1971 में स्थापित इस कंपनी ने बिक्री योग्य स्टील के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किया, बिक्री योग्य 252,000 टन की कुल उत्पादन का 214,000 टन का उत्पादन केवल अगस्त 2010 में किया गया।[1] यह देश का एकमात्र एकीकृत इस्पात कारखाना है जिसे ISO 9001:2000, आईएसओ 14001: 2004 और OSHAS 18001:1999 प्रमाणित किया गया है।
इतिहास
[संपादित करें]17 अप्रैल 1970 को भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी ने संसद में सरकार के विशाखापट्टनम में इस्पात कारखाना स्थापित करने के फैसले की घोषणा की थी। प्रक्रिया को जून 1970 में स्थल चयन समिति की नियुक्ति के साथ प्रारम्भ किया गया और अंततः साइट के लिए समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी गई। 20 जनवरी 1971 को उन्होंने इस कारखाने की आधारशिला रखी. फरवरी 1971 में सलाहकारों की नियुक्त की गई और व्यवहार्यता रिपोर्ट को 1972 में प्रस्तुत किया गया। ज़मीन का प्रथम खंड 7 अप्रैल 1974 को लिया गया था। मेसर्स एम एन दस्तूर एंड कंपनी को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए अप्रैल 1975 में सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था और अक्टूबर 1977 में उन्होंने 3.4 मिलियन टन प्रतिवर्ष तरल इस्पात के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। सोवियत संघ की पूर्व सरकार से सहायता के लिए प्रस्ताव के साथ एक संशोधित परियोजना अवधारणा को विकसित किया गया। नवम्बर 1980 में 3.4 मिलियन टन प्रतिवर्ष क्षमता के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट मेसर्स एम.एन. दस्तूर एंड कंपनी द्वारा तैयार की गई। फ़रवरी 1981 में कोक ओवन, फर्नेस ब्लास्ट और सिंटर प्लांट के लिए सोवियत संघ के साथ निर्माण चित्र की तैयारी के लिए अनुबंध हस्ताक्षर किए गए। जनवरी 1982 में बड़े पैमाने में इस परियोजना में कंक्रीटिंग के साथ ब्लास्ट फर्नेस की पहली बार नींव रखी गई। साथ ही बस्ती का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया।
18 फ़रवरी 1982 में एक नई कंपनी, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) का गठन किया गया। विशाखापट्टनम इस्पात कारखाने को सेल और आरआईएनएल से अलग किया गया और अप्रैल 1982 में विशाखापट्टनम इस्पात कारखाने की निगम इकाई को बनाया गया।
पुरस्कार और सराहना
[संपादित करें]- 2010 में ग्रीनटेक फाउंडेशन, नई दिल्ली द्वारा उत्कृष्ट उपलब्धि और प्रशिक्षण में उत्कृष्टता के लिए गोल्ड अवार्ड
- 2010 में एशिया पेसिफिक ह्यूमन रिसौर्स मेनेजमेंट काँग्रेस, नई दिल्ली, द्वारा आरआईएनएल के सीएमडी के लिए स्ट्रेटेजिक लीडरशिप अवार्ड
- 2010 में ग्लोबल ह्यूमन रिसौर्स डेवलपमेंट अवार्ड ऑफ इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ट्रेनिग एंड डेवलपमेंट ओर्गानाइजेशन, लंदन
- 2010 में ग्रेट प्लेसेस टू वर्क इंस्टिट्यूट एंड इकोनोमिक टाइम्स द्वारा ग्रेट प्लेसेस टू वर्क पुरस्कार
- वर्ष 2006-07 के लिए प्रथम इस्पात मंत्री ट्रॉफी जीती
- 2007 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और 2009 में लगातार पांचवीं बार सबसे बेहतरीन सुझाव के लिए विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार.
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Vizag Steel production up". Business Standard. 4 सितंबर 2010. मूल से 11 अगस्त 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 सितंबर 2010.