विरक्ति

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विरक्ति का अर्थ है किसी वस्तु विशेष में रुचि न रह जाना।

उदाहरण[संपादित करें]

  • रत्नावली के उपदेश ने तुलसीदास की आसक्ति को विरक्ति में परिणित कर दिया।
  • क्रौंच-वध की घटना से रत्नाकर को दस्युकर्म से विरक्ति हो गई।
  • ब्रह्मचर्य के पालन के लिये विषय-भोग के प्रति विरक्ति आनी चाहिये।
  • आत्मबल की कमी विरक्ति का कारण बन जाती है।
  • शमशान की विरक्ति को वास्तविक विरक्ति नहीं कहा जा सकता।

मूल[संपादित करें]

  • विरक्ति मूलतः संस्कृत शब्द है।

अन्य अर्थ[संपादित करें]

  • वैराग्य
  • विराग
  • उदासीनता
  • ऊबना
  • स्नेहनिवृत्ति
  • मन फिराव
  • बेपरवाही
  • उपेक्षा

संबंधित शब्द[संपादित करें]

  • विरक्त

हिंदी में[संपादित करें]

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अन्य भारतीय भाषाओं में निकटतम शब्द[संपादित करें]