विमुद्रीकरण
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विमुद्रीकरण एक आर्थिक गतिविधि है जिसके अंतर्गत सरकार पुरानी मुद्रा को समाप्त कर देती है और नई मुद्रा को चालू करती है। जब काला धन बढ़ जाता है और अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बन जाता है तो इसे दूर करने के लिए इस विधि का प्रयोग किया जाता है। जिनके पास काला धन होता है ,वे उसके बदले में नई मुद्रा लेने का साहस नहीं जुटा पाते हैं और काला धन स्वयं ही नष्ट हो जाता है। इसका प्रयोग 8 नवम्बर 2016 को भारत के प्रधानमंञी नरेंद्र मोदी ने किया है। इस दिन से पुराने 500 और 1000 रूपए की मुद्रा बंद कर दी गई और नए मुद्राये चलाई गई !
भारत के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के द्वारा सन्र 1978 में सर्वप्रथम मुद्रा का विमुद्रीकरण किया गया जिसमे 1000 और 5000 के नोट बंद किये गए थे।
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
- जानिए क्या है विमुद्रीकरण (जनसत्ता)
- तीन फैसले - राजवेंद्र सिंह, विमुद्रीकरण का विश्लेषण करती किताब।
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