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विमान

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विमान शब्द भारतीय साहित्य (मुख्यतः वेद, रामायण, महाभारत एवं जैन साहित्य में) में एक उड़ाने वाली युक्ति को इंगित करता है। कहीं-कहीं पर यह 'मंदिर', 'स्थान' आदि का भी अर्थ रखता है। समरांगणसूत्रधार तथा वैमानिक शास्त्र आदि कई ग्रन्थों में इनका विशद तकनीकी वर्णन भी मिलता है। वर्तमान युग में वैज्ञानिक एवं संस्कृताचार्य शिवकर बापूजी तलपदे ने वेद शास्त्रों के अध्ययन के आधार पर विमान की रचना कर उस विमान का यशस्वी उड़ान प्रदर्शन मुम्बई के चौपाटी पर किया था । इस अभूतपूर्व वैज्ञानिक समारोह में मुम्बई के असंख्य नागरिकों के बीच बड़ौदा संस्थान के महाराज के प्रतिनिधि और कई संस्थाओं के मान्यवर उपस्थित थे । इस विमान का नाम था ' मरुतसखा '।[1] शिवकर बापूजी तलपड़े के हाथ महर्षि भारद्वाज की पुस्तक वैमानिक शास्त्र लगी और उससे प्रेरित होकर उन्होंने भारत में यह पहला सफल प्रयोग किया। यह विमान उन्होंने राइट बंधु से भी पहले सन १८९५ मे उडाया था।[2] भारतीय पांडुलिपियों मे अंशुबोधिनी नामक एक प्राचीन पुस्तक विमानों से संबंधित है।[3]

विमान की प्राचीन भारतीय परिभाषा

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  • (१) नारायण ऋषि कहते हैं-
जो पृथ्वी, जल तथा आकाश में पक्षियों के समान वेग पूर्वक चल सके, उसका नाम विमान है।
  • (२) शौनक के अनुसार-
एक स्थान से दूसरे स्थान को आकाश मार्ग से जा सके।
  • (३) विश्वम्भर के अनुसार -
देशात देशान्तर तद्वत द्वीपाद्वीपानतरं तथा
लोकाल्लोकान्तरं चापि यो अम्बरे गन्तुमर्हति।
स विमान इति प्रोक्तः खेटशास्त्रविदा वरैः॥
एक देश से दूसरे देश या एक ग्रह से दूसरे ग्रह जा सके, उसे विमान कहते हैं।
  • (४) महर्षि भरद्वाज लिखते है -
वेगसाम्याद् विमानोण्डजानामिति - (विमानशास्त्र 1.1)
अर्थात् पक्षियों के गतिसाम्य से विमान कहलाते हैं अर्थात् पक्षियों के तुल्याधार से विमान निर्माण होता है।

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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सन्दर्भ

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  1. हिन्दी भाषा की परम्परा (प्रयोग और सम्भावनाएँ) (ebook) (Hindi भाषा में). 4695 , 21 - ए , दरियागंज , नयी दिल्ली 110002: वाणी प्रकाशन. 2020. p. 120. ISBN 9789389563382. संस्कृताचार्य शिवकर बापूजी तलपड़े ने वेद शास्त्रों के अध्ययन के आधार पर विमान की रचना कर उस विमान का यशस्वी उड़ान प्रदर्शन मुम्बई के चौपाटी पर किया था । इस अभूतपूर्व वैज्ञानिक समारोह में मुम्बई के असंख्य नागरिकों के बीच बड़ौदा संस्थान के महाराज के प्रतिनिधि और कई संस्थाओं के मान्यवर उपस्थित थे । इस विमान का नाम था ' मरुतसखा ' ।{{cite book}}: CS1 maint: location (link) CS1 maint: unrecognized language (link)
  2. Dixit, Siddhesh Vijay (2019). Varadhast (ebook) (Marathi भाषा में). Shubham Vihar , Mangla , Bilaspur , Chhattisgarh - 495001: Educreation Publishing. p. 4. ISBN 978-93-88910-90-3.{{cite book}}: CS1 maint: location (link) CS1 maint: unrecognized language (link)
  3. Sharma, Pandit Raghunandan. वैदिक सम्पत्ति (Hardcover) (Hindi भाषा में). Subodh Books. p. 357. ISBN 9788187961178. विमानों से सम्बन्ध रखनेवाली एक प्राचीन पुस्तक है । इसका नाम है ' अंशुबोधनी ' । यह भरद्वाज ऋषि की बनाई हुई है । इस पुस्तक में अनेक विद्याओं का वर्णन है । प्रत्येक विद्या के लिए एक - एक अधिकरण रक्खा गया है । इन अधिकरणों में एक विमान अधिकरण भी है ।{{cite book}}: CS1 maint: unrecognized language (link)