विपरीत मनोविज्ञान
विपरीत मनोविज्ञान (अंग्रेज़ी: Reverse Psychology) एक मनोवैज्ञानिक युक्ति है, जिसमें इच्छित व्यवहार के विरुद्ध आचरण या विचार को व्यक्त किया जाता है, इस आशय के साथ कि सम्बोधित व्यक्ति उसी वांछित कार्य को करेगा जिसे वास्तव में करवाना अभिप्रेत होता है। यह युक्ति उस मानसिक प्रवृत्ति पर आधारित है जिसे प्रतिक्रियात्मकता (Reactance) कहते हैं — जब किसी व्यक्ति को यह अनुभव होता है कि उसकी स्वतंत्र इच्छा पर प्रतिबंध डाला जा रहा है, तो वह विरोधस्वरूप उसी कार्य को करने लगता है, जिससे उसे रोका जा रहा है।[1]
यह प्रभावशीलता उन व्यक्तियों पर विशेष रूप से अधिक होती है जो प्रकृतिगत रूप से प्रतिरोधी होते हैं, जबकि प्रत्यक्ष अनुरोध (सीधा निवेदन) उन व्यक्तियों पर अधिक कारगर होता है जो अनुकूल स्वभाव या आज्ञाकारी प्रवृत्ति के होते हैं। जिसे इस प्रकार प्रेरित या प्रभावित किया जा रहा होता है, वह प्रायः इस युक्ति को समझ नहीं पाता और अनजाने में उसी दिशा में कार्य करता है जो यथार्थतः चिन्तक या संचालक की इच्छा होती है।[2]
संदर्भ
[संपादित करें]- ↑ Reverse Psychology. Changingminds.org. Retrieved on 2018-09-30.
- ↑ Elena N. Malyuga; Svetlana N. Orlova (14 November 2017). Linguistic Pragmatics of Intercultural Professional and Business Communication. Springer. p. 71. ISBN 978-3-319-68744-5.