विनोद कुमार बंसल

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विनोद कुमार बंसल
जन्म विनोद कुमार बंसल
26 अक्टूबर 1949
झांसी, उत्तर प्रदेश, भारत
मौत 3 मई 2021(2021-05-03) (उम्र 71)[1]
राष्ट्रीयता Indian
उपनाम बंसल सर
शिक्षा केमिकल इंजीनियरिंग (प्रौद्योगिकी)
शिक्षा की जगह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
पेशा शिक्षक
प्रसिद्धि का कारण बंसल क्लासेस के संस्थापक
जीवनसाथी नीलम बंसल
बच्चे 3
माता-पिता
  • बिशम्बर दयाल अग्रवाल
  • अंगूरी देवी
संबंधी पी. के. बंसल
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विनोद कुमार बंसल (या वीके बंसल) (26 अक्टूबर 1949 – 3 मई 2021) एक भारतीय शिक्षाविद् थे। वो राजस्थान के कोटा में बंसल क्लासेस के संस्थापक थे। उन्होंने आईआईटी-जेईई प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोटा को पूरे भारत में प्रसिद्ध किया।[2] उन्हें भारत के कोचिंग उद्योग के "भीष्म पितामह" के रूप में भी जाना जाता था।[3]

जीवनी[संपादित करें]

बंसल का जन्म 26 अक्टूबर 1949 को उत्तर प्रदेश राज्य के झांसी जिले में हुआ था। उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे और उनकी माँ एक गृहिणी थीं।

उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की और अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद कोटा में एक रासायनिक कंपनी जेके सिंथेटिक्स में काम किया।

वर्ष 1974 में, विनोद कुमार बंसल को मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का पता चला था, जिससे उन्हें पूरी तरह से लकवा और शारीरिक दुर्बलता हो गई थी। वर्ष 1983 में जेके सिंथेटिक्स बंद हो गयी। उसी वर्ष वो मुंबई के जीडी अग्रवाल से मिले, जिन्होंने सुझाव दिया कि वे आईआईटी-जेईई, यानी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के लिए स्नातक प्रवेश परीक्षा के लिए छात्रों को कोचिंग देना शुरू करें। इसलिए उन्होंने अपनी डाइनिंग टेबल पर 8 छात्रों के साथ आईआईटी-जेईई की कोचिंग शुरू की। [4]

वर्ष 1991 में उनके कुछ छात्र जेईई उत्तीर्ण करने में सफल रहे। यह उनकी बंसल क्लासेस की स्थापना थी।

भारत में प्रवेश परीक्षा कोचिंग के अग्रणी[संपादित करें]

परिवार के साथ बंसल

कोटा को भारत में प्रमुख कोचिंग सेंटर के रूप में जाना जाता है, जिसमें भारत भर के लगभग 150,000 छात्र कोटा के 40 कोचिंग संस्थानों में दाखिला ले रहे हैं। वर्ष 2017 में इनमें से 39,000 छात्रों ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) उत्तीर्ण की और उनमें से कम से कम 48 शीर्ष 100 में थे।[5]

निधन[संपादित करें]

बंसल का 3 मई 2021 को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वो भारत में कोविड-१९ महामारी के दौरान कोविड-19 संक्रमित पाये गये[3] जिससे उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया।[6]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. ""शिक्षा में एक सबक"". मूल से 18 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 मई 2022.
  2. "Kota: Founding Father of Bansal Classes, Vinod Kumar Bansal dies". www.timesnownews.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-03-07.
  3. "'Bhishma Pitamah' of Kota, he worked till end on maths for students". द इंडियन एक्सप्रेस (अंग्रेज़ी में). 2021-05-04. अभिगमन तिथि 2022-05-16.
  4. बेल्लमान, एरिक (30 सितम्बर 2008). "India's Cram-School Confidential: Two Years, One Test, 40,000 Students". द वॉल स्ट्रीट जर्नल. मूल से 18 सितंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 मई 2022.
  5. क़ुरैसी, अबसार ऍच (28 अप्रैल 2017). "Over 39,000 students from Kota clear JEE Mains 2017, 48 in top 100". हिन्दुस्तान टाइम्स. अभिगमन तिथि 16 मई 2022.
  6. Pioneer of Kota coaching industry V K Bansal dies