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विनीता सोरेन

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विनीता सोरेन दुनिया के सबसे ऊँचे पर्वत शिखर एवरेस्ट फतह करने वाली पहली आदिवासी युवती है।[1]

विनीता झारखण्ड के सरायकेला खरसांवां जिले के राजनगर प्रखंड के केसोरसोरा गांव की मूल निवासी हैं। इको एवरेस्ट स्प्रिंग 2012 अभियान के तहत विनीता अपने दो साथियों क्रमश: मेघलाल और राजेंद्र :के साथ 20 मार्च 2012 को जमशेदपुर से अभियान की शुरुआत की। 26 मई 2012 को सुबह 6 बजकर 50 मिनट पर विनीता और मेघलाल महतो ने एवरेस्ट के शिखर पर भारतीय पताका फहराई, राजेंद्र करीब दो घंटे पहले वहां पहुंच चुके थे। अभियान की खासियत यह कि एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए दो रास्ते हैं, इस टीम ने शिखर पर चढ़ने के लिए कठिन रास्ता लुकला का चयन किया।[2][3]

सन्दर्भ

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  1. "व्यू पॉइंट झारखण्ड,260मई 2012, शीर्षक:आदिवासी महिला ने माउन्ट एवरेस्ट फतह किया". Archived from the original on 21 फ़रवरी 2014. Retrieved 21 फ़रवरी 2014.
  2. "जागरण,26 मई 2012, शीर्षक:विनीता एवरेस्ट चढ़ने वाली पहली आदिवासी युवती". Archived from the original on 18 जून 2014. Retrieved 21 फ़रवरी 2014.
  3. "आर्यावर्त,13 जून 2012, शीर्षक: झारखंड की विनीता सोरेन ने एवरेस्ट फतह किया". Archived from the original on 27 फ़रवरी 2014. Retrieved 21 फ़रवरी 2014.