विद्युत स्पर्शाघात

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(विद्युत आघात से अनुप्रेषित)
विद्युत दुर्घटना होने पर सहायता तथा प्राथमिक उपचार
प्रत्यावर्ती धारा का मानव पर प्रभाव ;
यहाँ धारा I बाएँ हाथ से पैरों की तरफ T समय के लिए बहती हुई मानी गयी है। (IEC प्रकाशन 60479-1)[1]
AC-1: पता नहीं चलता
AC-2: पता चलता है किन्तु पेशियों में कोई प्रतिक्रिया नहीं होती।
AC-3: पेशियों में सिकुड़न आती है जो धारा समाप्त होते ही समाप्त हो जाती है।
AC-4: सम्भवतः सिकुड़न वापस न आये।
AC-4.1: निलय तंतुविकसन (ventricular fibrillation) की लगभग 5% तक सम्भावना
AC-4.2: 5-50% तक तन्तुविकसन की सम्भावना
AC-4.3: 50% से अधिक तक तन्तुविकसन की सम्भावना

विद्युत के किसी स्रोत से सम्पर्क में आने के कारण त्वचा, मांसपेशियों अथवा बाल से होकर पर्याप्त विद्युत धारा प्रवाहित हो जाती है तो इसे विद्युत स्पर्शाघात (Electric shock) कहते हैं। यह जानबूझकर किया गया हो सकता है या दुर्घटनावश हो सकता है। किन्तु प्रायः 'स्पर्शाघात' से आशय शरीर के किसी अंग से अवांछित धारा-प्रवाह से ही लिया जाता है।

विद्युत स्पर्शाघात से त्वचा जल सकती है, आदमी बेहोश हो सकता है, या मृत्यु हो सकती है।

विद्युत सुरक्षा के कुछ सरल उपाय[संपादित करें]

1. आग, बिजली और पानी कभी-कभी बहुत खतरनाक हो सकते हैं। अतः बिजली का सुरक्षित प्रयोग करें।

2. बिजली पोल तथा स्टे वायर मे अपने जानवर न बाधें।

3. बिजली के तार के पास कप़डे सुखाने के लिए लेाहे का तार न बांधे।

4. बिजली लाइन के निचे बस ट्राली खडी करके सामान न उतारे।

5. बिजली लाईन के नीचे या निकट मकान, खलिहान न बनाये तथा पेड़ न उगाये।

6. कटिया लगाकर बिजली का प्रयोग न करे़। अर्थ तार/अर्थिग से बिजली न जलाये।

7. I.S.I. वायऱिंग मैटेरिएल एवं उपकरणों का प्रयोग करे।

8. विद्युत वायऱिंग में अर्थ लिकेज प्रोटेक्टिव डिवाइस लगायें, पूर्ण सुरक्षा पायें।

9. विद्युत दुर्घटना की सुचना विद्युत सुरक्षा विभाग को तुरन्त दें।

10. अपने विद्युत अधिष्ठानों/विद्युत उपकरणों की नियमानुसार विद्युत सुरक्षा विभाग द्वारा जाँच करवायें।

11. बिजली के तारों से छेड़छाड़ न करें।

12. आग की स्थिति में बिजली तुरन्त बन्द करें।

13. बिजली की आग पर पानी कदापि न डालें।

14. बिजली से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को मृत न समझें तुरन्त उपचार करें।

15. विद्युत वायऱिंग/अधिष्ठापन का कार्य राजकीय लाइसेंसधारी विद्युत ठेकेदारों से करायें।

16. बिजली मिस्त्री विद्युत सुरक्षा विभाग द्वारा आयोजित परीक्षा देकर वायरमैन परमिट प्राप्त कर सकते हैं।

17. वायरमैन परमिट धारी मिस्त्री से ही बिजली का कार्य करायें।

18. स्विच को फेज के तार में ही लगवायें। न्यूट्रल में कदापि न लगायें।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  1. Weineng Wang, Zhiqiang Wang, Xiao Peng, Effects of the Earth Current Frequency and Distortion on Residual Current Devices Archived 2014-11-08 at the वेबैक मशीन, Scientific Journal of Control Engineering, Dec 2013, Vol 3 Issue 6 pp 417-422