विखण्डन

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नाभिकीय विखंडन का चलित चित्रण (एनिमेशन)

वह प्रक्रिया जिसमे एक भारी नाभिक दो लगभग बराबर नाभिकों में टूट जाता हैं विखण्डन (fission) कहलाता हैं। इसी अभिक्रिया के आधार पर बहुत से परमाणु रिएक्टर या परमाणु भट्ठियाँ बनायी गयीं हैं जो विद्युत उर्जा का उत्पादन करतीं हैं।

यूरेनियम-२३५ नाभिक का न्यूट्रॉन द्वारा विखण्डन

ये विखंडन कितने समय में होता है


परमाणु विखंडन की खोज 19 दिसंबर 1938 को बर्लिन में जर्मन रसायनज्ञ ओटो हैन और फ्रिट्ज़ स्ट्रैसमैन द्वारा की गई थी। भौतिक विज्ञानी लिसे मीटनर और उनके भतीजे ओटो रॉबर्ट फ्रिस्क ने जनवरी 1939 में इसे सैद्धांतिक रूप से समझाया। फ्रिस्क ने जीवित कोशिकाओं के जैविक विखंडन के अनुरूप इस प्रक्रिया को "विखंडन" नाम दिया। फरवरी 1939 में परमाणु विखंडन पर अपने दूसरे प्रकाशन में, हैन और स्ट्रैसमैन ने विखंडन प्रक्रिया के दौरान अतिरिक्त न्यूट्रॉन के अस्तित्व और मुक्ति की भविष्यवाणी की, जिससे परमाणु श्रृंखला प्रतिक्रिया की संभावना खुल गई।

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