विकिपीडिया वार्ता:स्वशिक्षा

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पेज निर्माण करने के तरीके[संपादित करें]

किसी विषय का कोई चित्र अगर न्यूज़ पेपर पर उपलब्ध है तो क्या उसे हम विकिपीडिया पर अपलोड कर सकते है एवं विकिपीडिया को पढ़ते समय विकिपीडिया पर नीले शब्द दिखाई पड़ते हैं जिसमें एक नया पेज खुलता है उसका निर्माण कैसे करते हैं एवं हेडिंग को कैसे तैयार करते हैं उसका क्या तरीका है Binod kumar sondhya (वार्ता) 03:04, 9 दिसम्बर 2018 (UTC)[उत्तर दें]

@Binod kumar sondhya: जी, चित्र अपलोड करने के लिए कॉमंस का प्रयोग करिए अथवा खुद से खींची गई तस्वीर ही प्रयोग मे लाइए। चूंकि यहाँ प्रयुक्त कोई भी चित्र या विडियो कॉपीराइट फ्री होना चाहिए इसलिए अख़बार या किसी भी दूसरे स्रोतों से सामग्री यहाँ अपलोड नहीं करना चाहिए। नीले शब्द दिखाई दें इसके लिए आपको दो बड़े कोष्ठकों [[कखग]] में शब्द को लिखना होता है। यदि उस पर लेख पहले से मौजूद होगा तो कड़ी नीली दिखेगी अन्यथा लाल दिखेगी। लाल दिखने का मतलब है कि उस विषय या शीर्षक पर लेख बनाया जा सकता है। शीर्षक के लिए दो बराबर के चिह्न के बीच शब्द ==कखग== लिखते हैं, उप-शीर्षक के लिए तीन चिह्नों के बीच शब्द ===कखग=== लिखने होंंगे। आशा है कि आप समझ पाएंगे। धन्यवाद --अजीत कुमार तिवारी बातचीत 03:36, 9 दिसम्बर 2018 (UTC)[उत्तर दें]

"साहित्य में आनंद की अनुभूति ही रस है" 203.212.250.26 (वार्ता) 10:54, 30 जनवरी 2022 (UTC)[उत्तर दें]

हिन्दी कल्मिनेशन[संपादित करें]

कल्मिनेशन क्लास 7

समास- (छात्र-1)   बड़े शब्दों को छोटा करके, नाम बताना मेरा काम |

               शब्द भले हों बड़े पदों के, छोटा करना मेरा काम ||

               मेरे घर में परिजन छ: हैं, अव्ययी तत्पुरुष द्विगु समास |

                 द्वंद्व कर्म बहुब्रीहि भले हैं, पहचाने बस निज गुण जो खास ||    


अव्ययीभाव समास - (छात्र-2)

         अव्यय है मेरा पद पहला , फिर अर्थ करें पदों को जान |

         भाव पूर्ण शब्दों से रत हूँ, व्ययी नहीं हूँ शब्द महान ||

             जैसे – आजीवन- विग्रह होगा जीवन भर

तत्पुरुष समास -(छात्र-3)

          कारक चिन्हों से मेरा नाता, इन्ही से मेरा अर्थ भी आता |

          संयोजन में चिन्हों को हटाते, मैं फिर सामासिक पद बन जाता ||

               जैसे- रसोईघर- विग्रह होगा रसोई के लिए घर

द्विगु समास-(छात्र-4)

         गिनती वाला पहला पद है, दूजा साधारण पद नाम |

         दूजे की संख्या बतलाता, मैं समास का द्विगु महान ||

             जैसे- चौराहा- विग्रह होगा चार राहों का समूह

द्वंद्व समास-(छात्र-5)

          मेरे दोनों पद हैं भारी, दोनों की है महिमा न्यारी धनवान |

         दोनों के बीच लगाते ‘योजक’, ‘और’ लगा करते विग्रह श्रीमान ||  

             जैसे- दिन-रात- विग्रह होगा दिन और रात  

कर्मधारय समास-(छात्र-6)

         पहला पद विशेषण हुआ है, अन्य पद विशेष है |

         कर्मभाव धारण करे जो, मान्यवर वह शेष है ||

             जैसे- नीलकमल- विग्रह होगा नीला है जो कमल  

बहुब्रीहि समास-(छात्र-7)

         युगलपदों के नाम सुन, हो जिनकी पहचान |

         दोनों पद पदमुक्त हों, तीजे की हो शान ||   

             जैसे- दशानन – विग्रह होगा दस हैं आनन जिसके अर्थात रावण Brahmesh Tripathi (वार्ता) 07:15, 2 जनवरी 2023 (UTC)[उत्तर दें]