विकिपीडिया वार्ता:इस सप्ताह का सुधार हेतु लेख

पृष्ठ की सामग्री दूसरी भाषाओं में उपलब्ध नहीं है।
मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
 मुख्य पृष्ठ वार्ता पृष्ठ नामांकन कार्यक्रम 

सुधार का परिणाम[संपादित करें]

@Shubhamkanodia:: १-सुधार के पश्चात् लेख को निर्वाचित अथवा आज का आलेख में तो आना ही चाहिए। इससे मुखपृष्ठ की गतिशीलता भी सुनिश्चित होगी। २-नामांकन सफल होने पर सुधार के पश्चात् नामाँकन पृष्ठ को खाली करके पुरालेख में डाल दें। नामाँकन पृष्ठ पर केवल वही लेख दिखने चाहिएँ जिन पर मतदान चल रहा है। --मनोज खुराना वार्ता 11:44, 1 मई 2014 (UTC) @Shubhamkanodia और Manojkhurana:जी, इस विषय पर मेरी भी सहमति है।--माला चौबेवार्ता 05:10, 2 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]

@Mala chaubey और Manojkhurana: आपके सुझावों से मैं भी सहमत हूँ।
  1. अगर सुधार के उपरान्त लेख वि:निर्वाचित लेख या वि:श्रेष्ठ लेख की आवश्यकताओं पर खड़ा उतरता है, या कुछ मामूली बदलावों के साथ खड़ा उतरे, तो ज़रूर नामांकित किया जाना चाहिए। मुझे अगर ऐसी उम्मीद नज़र आएगी तो मैं ऐसा कर दूंगा। आप सब भी नामांकित कर सकते हैं। आज का आलेख के लिए मैं पिछले सप्ताह के सुधालेख दक्षिण सूडान को नामांकित कर रहा हूँ।
  2. सफल व असफल नामांकनों को पुरालेखित कर देता हूँ।

सुझावों के लिए बहुत बहुत धन्यवाद !░▒▓शुभम कनोडिया वार्ता 06:04, 2 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]

@Shubhamkanodia, संजीव कुमार, Manojkhurana, और Prateekmalviya20:जी, मेरे विचार से सुधारोपरांत लेख: नालापत बालमणि अम्मा वि:निर्वाचित लेख या वि:श्रेष्ठ लेख की आवश्यकताओं पर खड़ा उतरता है। यद्यपि यह लेख भारत की क्षेत्रीय भाषा मलयालम की कालजयी लेखिका जिन्हें मदर ऑफ मलयालम लिट्रेचर कहा जाता है पर आधारित है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता तो यह है, कि इतने सुंदर तरीके से न तो मलयालम विकि पर और न अँग्रेजी विकि पर यह लेख बना है। यदि सदस्यों में राय बने तो हिन्दी विकि पर किसी भारतीय भाषा के कालजयी साहित्यकार पर पहला निर्वाचित लेख या श्रेष्ठ लेख होगा। नहीं तो फिर आज का आलेख हेतु नामांकित किया जाये।--माला चौबेवार्ता 13:00, 5 मई 2014 (UTC) -समर्थन--मनोज खुराना वार्ता 13:23, 5 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]

मुझे इस तरह के किसी नामांकन से कोई आपति नहीं है। नामांकन करने के बाद सम्बंधित टिप्पणियाँ और सुधार करने का प्रयास करुंगा और सभी कार्य अतिशिघ्र करने का प्रयास करुंगा। चूँकि मैं कुछ उलझनों में उलझा रहने के कारण आजकल विकिपीडिया को वो समय नहीं दे पाता हूँ जो पिछले वर्ष देता था अतः सब कुछ समय पर नहीं कर पाता हूँ।☆★संजीव कुमार (✉✉) 16:25, 5 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]
आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। वि:निर्वाचित लेख के लिए मैं लेख: नालापत बालमणि अम्मा को नामांकित कर रही हूँ।--माला चौबेवार्ता 13:11, 6 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]

@Shubhamkanodia, संजीव कुमार, Manojkhurana, और Prateekmalviya20:जी, ऐसा प्राय: देखा जा रहा है, कि लेख चयन में विभेद किया जा रहा है। जिस लेख का नामांकन पहले हो, उसे स्वीकृत या अस्वीकृत करने (कारण देते हुये) के बाद ही आगे की तिथियों में नामांकित लेख का चयन किया जाना श्रेयस्कर होगा। एक प्रबन्धक की विश्वसनीयता के लिए यह एक आवश्यक पहलू है। पहले मनोज खुराना जी ने आपत्ति की, कि "मुझे बहुत हैरानी है कि भारत लेख के नामाँकन पर किसी ने विचार तक देने का कष्ट नहीं किया है....।" फिर मेरी पहल के बाद उस लेख का चयन किया गया और अब पुन: वही गलती दुहराई गयी है भौतिक विज्ञानी का चयन करके। इस लेख के नामांकन के पूर्व पीयूषजी के द्वारा नामांकित लेख कैटरीना कैफ़ को सफल या असफल (कारण स्पष्ट करते हुये) घोषित करने के उपरांत ही नए लेख का चयन किया जाना चाहिए था। ताकि बार-बार विभेदहीनता की स्थिति उत्पन्न न हो। और हाँ जब इन दोनों लेखों से पूर्व आशापूर्णा देवी का नामांकन हुआ है तो मेरे विचार से इसका चयन पहले किया जाना चाहिए था। यदि परियोजना को विवाद से परे रखना है तो इन महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विशेष रूप से गौर किया जाना चाहिए। यह मेरा विनम्र सुझाव है।--माला चौबेवार्ता 05:50, 28 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]

@Mala chaubey: वैसे तो इस तरह की बातों में हमे समय बर्बाद नहीं करना चाहिए फिर भी मैं शुभम जी से अनुरोध करुंगा कि इसके लिए एक नियमावली बना दी जाये। मेरे हिसाब से उस पृष्ठ को वरियता दी जानी चाहिए जिसमें बहुत ज्यादा सुधार की आवश्यकता है। वैसे इस परियोजना में शुभम जी ही सबसे अधिक सक्रिय हैं और वो अभी आंशिक अवकाश पर हैं अतः थोड़ी समस्या बनी हुई है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 07:43, 28 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]
@संजीव कुमार:जी, यहाँ मैं आपकी बातों से असहमत हूँ। जिस परियोजना में सामूहिक प्रतिबद्धता जुड़ी हो, वहाँ विभेद के लिए कोई स्थान नही होता और न इसपर चर्चा करना समय बर्बाद करना होता है। मनोज खुराना जी के पहले विरोध पर ही सचेत हो जाना चाहिए था। दुबारा फिर उसी भूल की पुनरावृति नहीं होनी चाहिए थी।--माला चौबेवार्ता 07:59, 28 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]
@Mala chaubey: आशापूर्णा देवी पर जगदीश जी ने विरोध किया था और नियमावली के अनुसार वरियता नामांकन तिथि के आधार पर नहीं बल्कि समर्थन और विरोध के आधार पर दी जाती है। इसके अलावा कैटरीना कैफ़ और भौतिक विज्ञानी के सन्दर्भ में शुभम जी ही सही कारण बता सकते हैं। मुझे उनकी चयन प्रक्रिया से फिलहाल कोई समस्या नहीं है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 08:03, 28 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]
@संजीव कुमार:जी, आशापूर्णा देवी पर जगदीश जी ने विषय से परे जाकर वक्तव्य दिया था, न कि विरोध किया था। उनके द्वारा बाद में दिये गए वक्तव्य से यह स्पष्ट हो चुका है। खैर आशापूर्णा देवी के चयन करने या न करने पर फिलहाल मेरी ओर से कोई समस्या नहीं है। मेरे कहने का अभिप्राय है, कि "मनोज खुराना जी के पहले विरोध पर ही सचेत हो जाना चाहिए था। दुबारा फिर उसी भूल की पुनरावृति नहीं होनी चाहिए थी।" क्योंकि आगे भी ऐसी बातें समय-समय पर हो सकती है।--माला चौबेवार्ता 08:14, 28 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]
अब माला जी ने ये जायज़ बात उठाई ही है तो मैं भी कुछ कहना चाहूँगा। मैंने कैटरीना कैफ का जो सुझाव दिया था वो ये सोच कर दिया था कि मैं भी इस परियोजना में भाग ले सकता हूँ और वो पृष्ठ दर्शन आकड़ों के हिसाब से काफी उपयुक्त सुझाव भी था। पर उस पे 10 दिन से भी ज़्यादा बीत जाने पर भी किसी ने कोई टिप्पणी (सकारात्मक या नकारात्मक) नहीं की। पर मेरे बाद वाला सुझाव चुन लिया गया कुछ ही दिनों में सिर्फ एक टिप्पणी के आधार पर। जब भी मैंने सोचा कोई बात नहीं मेरा वाला आगे चुन लिया जायेगा। पर जब वो तो असफल बता कर पुरालेख में डाल दिया गया तो मुझे आहत हुआ। अब शायद ही मैं अपने आप को और सुझाव देने के लिये मनवा पाऊँ। ये भेदभाव शायद मेरे नये होने के कारण किया गया है। पीयूषवार्ता 16:01, 28 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]
पीयूष जी, आपका नामांकन असफल नहीं रहा और इसको अगला सप्ताह मिला है। आने वाले सोमवार से आपके नामांकन पर ही सुधार होने वाले हैं। अभी तक किसी भी नामांकन को असफल नहीं किया गया है। आगे आपकी मर्ज़ी।☆★संजीव कुमार (✉✉) 16:17, 28 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]
संजीव जी ज़रा नामांकन पृष्ठ को देखकर मुझे बताये कि उसमें मेरा सुझाव कहाँ है? पीयूषवार्ता 16:39, 28 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]
पीयूष जी, सफल/असफल नामांकन को पुरालेख में डाल दिया जाता है। आपका नामांकन सफल रहा है और उसे सफल रहने के कारण पुरालेख में डाला गया है। आप वर्ष २०१४ का पुरालेख देख सकते हैं।☆★संजीव कुमार (✉✉) 16:43, 28 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]
ओ लगता है मैंने कुछ ज़्यादा ही कह दिया, अगर किसी को बुरा लगा तो मैं उसके लिये माफ़ी माँगता हूँ। पर संजीव जी मुझे कैसे पता होता कि मेरा सुझाव सफल रहा, कम से कम सुझाव के नीचे बताया तो जाता। जब मैंने देखा था कि मेरा सुझाव वहाँ नहीं है तो मुझे लगा कि उसे असफल कर के पुरालेख में डाल दिया गया। वैसे सुझाव को चुना कैसे जाता है? क्या परियोजना शुरु करने वाले के पास ये पूर्ण अधिकार है? पीयूषवार्ता 17:05, 28 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]
पीयूष जी, इसके लिए अभी नियमावली पूर्ण नहीं है। यदि किसी नामांकन का कोई विरोध नहीं हुआ हो और एक समर्थन आ गया हो तो उसका सुझाव स्वीकृत हो जाता है लेकिन यदि किसी नामांकन में कोई विरोध अथवा समर्थन नहीं हुआ हो तो उपलब्धता के आधार पर इसका चयन किया जाता है। अभी तक इस चयन का कार्य शुभम जी ही करते आये हैं लेकिन आगे उनके सुझावों के अनुसार हम एक नियमावली बना लेंगे और इसको विस्तृत करेंगे। हाँ इसके लिए अधिक से अधिक सदस्यों का सहयोग आवश्यक है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 17:13, 28 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]

मुझे इस चर्चा को देख कर आश्चर्य भी हो रहा है, और थोड़ा दुःख भी। आश्चर्य इसलिए, ऊपर दिए गए कुछ विचार इस परियोजना और तथ्यों को बिना ठीक से सोचे-समझे रखे गए हैं। दुःख इसलिए, की शायद चयन की प्रक्रिया को इतना पारदर्शी नहीं बना पाया जीता इसे होना चाहिए था। जन-बल और समय के अभाव के कारण लगभग सभी नियम-कानून अंग्रेजी परियोजना en:WP:TAFI से लिए गए हैं। हालांकी, इसे हमारी विकी के लिए अनुकूल बनाने के लिए कुछ बदलाव किये गए हैं।

  1. पहली बात: अभी तक जितने भी नामांकन चुने गए हैं, वह सभी इस चार मापदंड पर चुने गए हैं, जो की विकिपीडिया:इस सप्ताह का सुधार हेतु लेख/नामांकन पृष्ठ पर साफ़-साफ़ लिखी हुई है-

ऐसे लेखों को प्राथमिकता दी जाएगी जो -

  • प्रारंभिक अवस्था में हो।
  • हाल के किसी प्रचलित विषय या घटना से सम्बंधित हो।
  • दर्शन आंकड़े अधिक हों।
  • लेख के विषय में ज़्यादा संपादकों की रूचि हो।

मैं सभी चयनित लेखों को चुनने का कारण और कुछ तथ्य प्रस्तुत कर रहा हूँ। आशा है इससे कुछ प्रकाश पड़ेगा -

नामांकित लेख चुना गया? कुल वोट समर्थन में कुल वोट विरोध में पृष्ठ दर्शन रैंक चुनने/ना चुनने का औचित्य
दक्षिण सूडान YesY 0 0 6498 इस परियोजना के पहले नामांकनों में से एक। माला जी ने चुने जाने, या वोट पड़ने से पहले ही इसमें सुधार करना शुरू कर दिया था। इसके अलावा लेख प्रारंभिक अवस्था में था, दर्शन रैंक, अतः सबसे पहले चुना गया।
[[नालापत बालमणि अम्मा ]] YesY 0 0 NA क्यूंकि दक्षिण सूडान पहले सप्ताह में चुना जा चूका था, इसलिए भारत को चुनकर एक ही विषय को दोहराने से बचा। समर्थन न मिलने, और दर्शन रैंक न होने पर भी सुधार की गुंजाईश को देखते हुए चुना गया।
व्लादिमीर पुतिन YesY 1 0 1739 संजीव जी का समर्थन मिलने, लेख की अवस्था, दर्शन रैंक को देखते हुए इसे भारत से पहले चुना गया, जिसे समर्थन या विरोध में वोट नहीं मिल पाये थे।
भारत YesY 0 0 10 कई दिनों तक समर्थन न मिल पाने के बावजूद , विषय की महत्वता और दर्शन रैंक देख कर, इसे चुना गया। @Mala chaubey: आपका यह कहना की आपके पहल के कारण इसे चुना गया, सही बात नहीं होगी, क्यूंकि आपकी टिप्पणी के आने के एक दिन पहले ही इसे कार्यक्रम में जोड़ लिया गया था। और मैंने नामांकन पृष्ठ पर इस बात को कहा भी था।
राम प्रसाद 'बिस्मिल' YesY 2 0 312 समर्थन मिलने, पृष्ठ दर्शन आंकड़े को देखते हुए एवं सदस्यों के विचार को देखते हुए अति शीघ्र चयन किया गया।
भारतीय आम चुनाव, 2014 N 0 0 179 लेख में सुधार करने के लिए सुधालेख चुने जाने की ज़रुरत नहीं थी। और प्रतीक जी ने भी इस बात पर सहमति जताई, इसलिए नामांकन असफल रहा।
भौतिक विज्ञानी YesY 0 0 3859 एक नए एवं रोचक विषय, पृष्ठ दर्शन आंकड़े, प्राथमिक अवस्था, और संजीव जी के पहले नामांकन को देख कर इसे पहले चयनित किया गया। इसे कैटरीना कैफ़ के पहले चुना गया क्यूंकि "व्यक्ति/संगठन/ उत्पाद" श्रेणी में वो चौथा लेख होता, और इस प्रवृत्ति को मैं तोड़ना चाहता था, तांकि अन्य विषयों को भी महत्त्व मिले।
कैटरीना कैफ़ YesY 0 0 124 पृष्ठ दर्शन आंकड़े, प्राथमिक अवस्था, और बाकी सभी नामांकनों की तुलना में एक ताजा विषय होने के कारण चुना गया।
दोस्त @हिंदुस्थान वासी: ध्यान में रखें की की यह समाचार या क्या आप जानते हैं परियोजना से बहुत भिन्न है। यहाँ आप केवल लेख को नामांकित करते हो, उसमें सुधार सब मिलकर करते हैं। इसलिए हर बार नामांकनकर्ता को श्रेय दे पाना, या उन्हें आगाह कर पाना संभव नहीं हो पाता। कृपया विकिपीडिया:इस सप्ताह का सुधार हेतु लेख/कार्यक्रम पृष्ठ पर नज़र रखें। अगर आपका लेख नामांकन पृष्ठ पर नहीं है, तो या वह पुरालेख में होगा, या कार्यक्रम में पहले ही जोड़ा जा चूका होगा।
आशापूर्णा देवी YesY
(जोड़ा गया)
1-2 0 NA लेख के नामांकन के ऊपर अभी चर्चा चल ही रही थी। पृष्ठ दर्शन बाक़ी नामांकनों की तुलना में काफी कम थे, और विषय बालमणि अम्मा से मिलता जुलता था। साफ़ समर्थन, और जगदीश जी के विचार केवल अंत में ही आये। समर्थन आने, चर्चा समाप्त होने, और किसी अन्य नामांकन के अभाव में इसे अब जोड़ लिया है।
  1. दूसरी बात: पक्षपात करने की बात मुझे खटक रही है, क्यूंकि अभी तक नामांकित हुए एक को छोड़कर सभी नामांकित लेखों को सुधालेख चुना गया है, और यहाँ ऐसा कोई सदस्य नहीं है, जिसके नामांकन को नहीं चुना गया हो।
  2. तीसरी बात: नामांकनों में वोट पड़ने की दयनीय स्थिति ऊपर प्रस्तुत है। वोटों के अभाव में या तो इस परियोजना को पूरी तरह से ठप कर दिया जा सकता है, या थोड़े विवेक से काम लेकर, मिल जुलकर आगे बढ़ा जा सकता है। इसका चयन मैं आप लोगों पर छोड़ता हूँ।
  3. चौथी बात: शून्य वोट मिलने वाले जिन लेखों को मैंने चुना है, मैं मनाता हूँ, की इस परियोजना के सदस्य होने के नाते मैंने उसे अपना समर्थन दिया है। पर मैंने हमेशा खुद को सबसे पीछे रखते हुए, मैंने ऐसे लेखों को प्राथमिकता दी है, जिन्हे बाकी सदस्यों का समर्थन प्राप्त हुआ हो। और कभी भी नियम के विरुद्ध नहीं गया हूँ। मुझे बहुत ख़ुशी होगी अगर माला जी या कोई भी अन्य सदस्य इस परियोजना को चलाने की ज़िम्मेदारी उठाने में मेरी मदद करे। मदद नहीं सही तो कम से कम नामांकनों को समर्थन देने का कष्ट करे, तांकि मुझे अपनी व्यक्तिगत सोच का प्रयोग न करना पड़े, और पूरी प्रक्रिया साइंटिफिक हो।

अगर नियम में बदलाव की ज़रुरत है, तो कृपया बताएं ज़रुरत कहाँ हैं, यह अकेली मेरी परियोजना नहीं है, आप सबके विचार भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। यह मैंने आप सबको निमंत्रण भेजते वक्त भी कहा था। ░▒▓शुभम कनोडिया वार्ता 11:51, 29 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]

शुभम जी, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। आपने प्रत्येक बिन्दु को अच्छे से स्पष्ट कर दिया है। आशा है अब माला जी, पीयूष जी और मनोज जी को कहीं कोई आपति नहीं रही होगी।☆★संजीव कुमार (✉✉) 12:18, 29 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]

@Shubhamkanodia और संजीव कुमार: जी, मुझे शुभम जी की योग्यता और क्षमता पर पूरा विश्वास है और मैं यहाँ स्पष्ट कर दूँ कि मेरे द्वारा उनपर किसी प्रकार का आरोप नही लगाया गया था, केवल सचेत किया गया था। इससे आहत होने की कोई जरूरत नहीं है। मेरे कहने का अभिप्राय बस इतना है, कि नामांकन सफल या असफल (कारण देते हुये) घोषित करने के उपरांत ही आगे की तिथियों में नामांकित लेख का चयन किया जाये। इससे विभेद की स्थिति उत्पन्न नही होगी और सदस्यगण बिना भ्रम-भ्रांति के खुलकर अपना योगदान दे सकेंगे। यदि संभव हो तो इसकी एक स्पष्ट नियमावली बना ली जाये। धन्यवाद।--माला चौबेवार्ता 12:32, 29 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]

धन्यवाद शुभम जी नामांकन स्थिति साफ करने के लिये। मुझे भी वो सब लिखने से पहले हर चीज़ देख लेनी चाहिये थी। मैं फिर से उस ना समझ आरोप के लिये सबसे माफ़ी माँगता हूँ। पीयूषवार्ता 15:19, 29 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]

नामांकन से सम्बंधित विषय[संपादित करें]

शुभम जी, वैसे तो मैंने आज बहुत पृष्ठों का नामांकन किया है लेकिन एक प्रश्न था कि क्या मैं ऐसे भावी लेखों को भी नामांकित कर सकता हूँ जो अभी तक हमारी हिन्दी विकिपीडिया पर नहीं हैं और मैं चाहता हूँ कि उनकी शुरुआत ही हमारी इस परियोजना से हो।☆★संजीव कुमार (✉✉) 15:49, 2 जून 2014 (UTC)[उत्तर दें]

जी ज़रूर! अच्छा आईडिया है। ░▒▓शुभम कनोडिया वार्ता 13:49, 3 जून 2014 (UTC)[उत्तर दें]

उपलब्धियाँ अनुभाग[संपादित करें]

मुझे लगता है व्लादिमीर पुतिन पृष्ठ को भी उपलब्धियाँ अनुभाग में जगह "क्या आप जानते हैं?" में लेख का आना भी एक उपलब्धी है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 19:24, 18 जून 2014 (UTC)[उत्तर दें]

English TAFI saying hello to Hindi Sudhalek[संपादित करें]

(I apologise... I can't speak Hindi). I am one of the founders of the English TAFI Wikiproject, and today I stumbled across your version on the Hindi Wikipedia. I am simply amazed at how successful it has been. The improvements to articles have been really impressive from the moment you started (to be honest, our project was kind of mediocre until a couple of weeks ago when things really picked up), and you seem to know what you're doing haha. Please teach us everything you know to help us improve.

So I just wanted to say "hi", "keep up the good work", and "if you need a hand, please let us know on our talk page". :)--Coin945 (वार्ता) 07:15, 31 अगस्त 2014 (UTC)[उत्तर दें]

@Coin945: Here credit goes to Shubham Kanodia (One of the admin of hiwiki).☆★संजीव कुमार (✉✉) 09:26, 31 अगस्त 2014 (UTC)[उत्तर दें]
And also we do improvements on articles for a full week not a day. This project name translates as "This week's Article For Improvement".--पीयूष मौर्यावार्ता 09:47, 31 अगस्त 2014 (UTC)[उत्तर दें]
Thank you @Shubhamkanodia: for introducing Hindi Wikipedia to this really fun and useful project. :)--Coin945 (वार्ता) 14:28, 31 अगस्त 2014 (UTC)[उत्तर दें]
हिंदुस्थान वासी, it is actually a bit weird. the name of our project is "Today's articles for improvement", but just like you we only have one article per week. We used to have one article per day, but changed it and kept the name even though it wasn't technically true. Haha we are actually very similar.--Coin945 (वार्ता) 14:28, 31 अगस्त 2014 (UTC)[उत्तर दें]
Hello from User:Northamerica1000 at English Wikipedia. I'm also an active member of Wikipedia:Today's articles for improvement on English Wikipedia. Great to see other Wikipedias involved in such projects! Northamerica1000 (वार्ता) 20:36, 31 अगस्त 2014 (UTC)[उत्तर दें]

नामांकन का सरलीकरण[संपादित करें]

@हिंदुस्थान वासी और संजीव कुमार: - १- पुराने निर्णीत/अनिर्णीत सुझावों को पुरालेख में डालने का कष्ट करें। २- मेरे विचार से इतने सारे विभाग रखने से कन्फ्यूजन ही उत्पन्न हो रहा है, क्योंकि किसी एक की दूसरे से तुलना नहीं की जा सकती। सीधा सादा तिथि के हिसाब से सुझाव प्रक्रिया कर देनी चाहिए जैसे कि मुखपृष्ठ समाचार पर है। ३- हिंदी विकि पर अभी कई बेसिक बेसिक से पृष्ठ भी नहीं हैं। उसके हिसाब से लेखों का चयन हम कहीं आगे जा कर कर रहे हैं। मुझे किसी लेख या चयनकर्ता से कोई एतराज़ नहीं लेकिन मेरा व्यक्तिगत विचार यह है कि यदि अधिक महत्वपूर्ण लेख यदि नहीं है तो कम महत्व वाले लेख का चयन करने में शायद उतना फायदा नहीं। उदाहरण के लिए - यदि किसी देश का ही लेख यहाँ नहीं है तो उसके एक प्राँत के लेख का चयन करने से पहले देश के लेख का चयन होना चाहिए। एक और उदाहरण है - लक्षद्वीप व मलिक। मलिक के बारे में लेख जितना समृद्ध है उतना तो लक्षद्वीप का भी नहीं है। अतः मेरे विचार से पहले हमें मिल जुल कर (चाहें तो चौपाल पर) एक सूची बना लेनी चाहिए जिसमें कि एसे लेख हों जो कि अति महत्व के हैं किंतु हमारे विकि पर अपेक्षित स्तर के नहीं हैं। २५-५० एसे लेखों की सूची में से एक-एक लेख प्रति सप्ताह चयनित किया जा सकता है। शुरुआत मैं ग्रैंड ट्रंक रोड के नामांकन से करना चाहूँगा। भारत की जीवनरेखा, रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले इस मार्ग पर लेख मात्र २-३ पंक्तियों का ही है। --मनोज खुराना 10:40, 6 दिसम्बर 2014 (UTC)[उत्तर दें]

मनोज जी, आपके विचार सही है। आप देखेंगे तो हमारी विकिपीडिया पर देशों के लेख बहुत ही बेकार स्थिति में है, जैसे बोलिविया। पर सूची तो मैं अभी बना दूँ पर उससे कोई फायदा नहीं। हमारे पास सक्रिय सदस्य ही इतने कम है। आपको पता होगा कि पिछले एक-दो महीनों से संजीव जी ही योगदान दे रहे है। अब वो भी 2-3 दिनों से दिखे नहीं है। मेरी अनुवाद क्षमता इतनी अच्छी नहीं है और निजी व्यस्तता भी काफ़ी बढ़ गई है। तो चयनित होने के बाद लेख पर योगदान देगा कौन। खाली संजीव जी?--पीयूषवार्ता 12:09, 6 दिसम्बर 2014 (UTC)[उत्तर दें]
मनोज जी आपका विचार अच्छा है और आपके इस तरह के नामांकनों का स्वागत है। मैं पिछले तीन-चार दिन से केवल मोबाइल पर ही इंटरनेट चला रहा था और वो भी बहुत खराब नेटवर्क के साथ अतः यह जानते हुये भी कि आपने कुछ सन्देश लिखा है, उत्तर नहीं दे पाया। आप अपने नामांकन करें और हम आगे बढ़ते जायेंगे। इस तरह के नामांकनों के लिए थोड़ी सी मेहनत तो करनी पड़ेगी लेकिन कुछ दिनों पूर्व विकिडाटा द्वारा दी गई सूची हमारे लिए लाभदायक हो सकती है। समय मिला तो इसका भी कोई स्वतः होने वाला कार्य ढ़ूँढ़ना पड़ेगा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 04:23, 8 दिसम्बर 2014 (UTC)[उत्तर दें]
वैसे पीयूष जी ने जैसा कहा उसी के अनुसार शुभम जी के कुछ सम्पादनों के अलावा अधिकतर सम्पादन मैंने ही किये हैं और यह परियोजना कुछ इस तरह लग रही है जैसे इसकी शुरूआत शुभम जी ने की और अब इसपर मेरा एकाधिकार (सच में इसे आगे बढ़ाते रहने की मजबूरी) है। चूँकि इन स्थितियों में मैं उन्हीं पृष्ठों का चुनाव करूँगा जहाँ मैं अच्छे सम्पादन करने में सक्षम हूँ।☆★संजीव कुमार (✉✉) 04:35, 8 दिसम्बर 2014 (UTC)[उत्तर दें]

जागीरदारी बावतरा में बुजड राजपुरोहितो Mahendra Singh Rajpurohit Bawatra[संपादित करें]

बावतरा में बुजड राजपुरोहितो बावतरा में बुजड राजपुरोहितो को ठाकुर (सिंह) की पद्मि और आधा गांव की जागीरदारी :- द्वारिका से चलते चलते बुजड( उदेश) राजस्थान के कई जागीरदार (राजपूत) के वँहा राज पुरोहित बनकर रहे पर हर जगह कही न कही आपसी मनमुटाव और सल्तनत में तानाशाही की वजह से नकारते हुए आगे बढ़ रहे थे उस वक़्त भीनमाल सायला होते हुए जा रहे थे तभी गढ़ बावतरा के ठाकुर साहब शेर सिंह जी धवेचा साहब ने उन्हें रोककर अपने बावतरा गांव में बचने के लिए आग्रह किया , ( उस वक़्त बावतरा रियासत और पादरू रियासत के बीच सीमा विवाद चल रहा था, जिसमे पादरू रियासत बड़ी होने के कारण इनके पास साजो सामान और सेना बल अधिक था, जिससे बावतरा के रियासत इनके सामने कमजोर पड़ रही थी तभी बुजड राजपुरोहित सायला के ठाकुरों के साथ लड़ झगड़ कर आगे बढ़ रहे थे और बावतरा पहुंचे, तो बुजड़ो के स्वाभिमान और झुजारूपन की बाते ठाकुर साहब शेर सिंह जी ने चुनी हुई थी तो उन्हें यंहा पर रुकने और आधा गांव, आम चौहटा, लिखित में देकर यंहा का जागीरदार बनाने का वादा किया, और पादरू रियासत की सीमा पर समस्त बुजड परिवारों को जमीन खेती के लिए दी गई,) जब कई सालों बाद पादरू रियासत के सैनिक बावतरा रियासत की सीमा में घुसने की कोशिश करने लगी उस वक़्त वँहा सीमा पर फतेहसिंह जी बुजड खेती कर रहे थे उन्होंने कहा कि ये जमीन मुझे दे दी गयी ठाकुर साहब द्वारा और अब इसका मालिक मैं हु इसलिए अच्छा होगा आप यंहा पर अपने पैर नही रखे, लेकिन फौज सैकड़ो की संख्या में होने के कारण कोई भी व्यक्ति इनकी बात सुनने को तैयार नही था , तभी इन्होंने फतेह सिंह जी ने ललकार कर सीमा में पैर रखने का कहा उस वक़्त लड़ाई चल रही थी तभी फतेह सिंह जी अकेले थे और सामने अधिक संख्या में होने के कारण फतेह सिंह जी को पता था कि अगर में अभी पीछे हट गया तो ये लोग सीमा में गुस जाएंगे तभी श्री फतेहसिंह जी बुजड ने पूरी सेना को ललकारते हुए जन्हा खड़े थे उसी जगह अपने हाथ मे हल चलाने की (हली ) होती है उसको अपनी स्वंय की छाती में उतारकर प्राण त्यागते हुए पादरू रियासत के मालिक को श्राप दे दिया कि अभी अगर पैर भी आगे बढ़ाया तो तेरी पूरे खानदान का वारिश नही बचेगा, उसके बाद पूरी फौज वापिस पादरू की और चली गयी और जन्हा पर श्री फतेहसिंह जी झुन्जार हुए वँहा तक बावतरा और पादरू की सीमा बना दी गयी, जो आज भी उसी तरह है, सन सावंत 1782 में श्री शेर सिंह जी धवेचा राठौड़ की रियासत में आप श्री फतेहसिंह जी झुन्जार हुए थे , समय बदलता गया और बावतरा में ठिकाना बदलता गया धवेचाओ के पास से भाटियों के पास ठिकाना आया लेकिन बावतरा गांव के आधे गांव का मालिकाना जागीरदारी हक आज भी बुजड 'श्री सोन सिंहजी पुत्र श्री टिकमाजी " के वँहा धवेचा ठाकुरों के हाथों से व जोधपुर दरबार के हाथ से लिखित तांबा पत्र विद्दमान है, श्री जुंजार फतेह सिंह जी की छतरी का निर्माण में सहयोग और पहली जागरण भी धवेचा परिवार द्वारा दी गयी थी, झुन्जार जी के नाम से आज भी फतेहनगर के रूप में पुरा नगर बचाया गया है जो बावतरा से पादरू रोड पर दोनों गांवों की सरहद पर है, उक्त मन्दिर की जमीन आज चौधरी समाज के बन्धुओ के मालिकाना हक की थी जिसमे से उन्होंने जुंजार बावसी के मंदिर और छतरी निर्माण के लिए सरकारी 1 बीघा जमीन दी हुई है, हर साल यंहा पर हिन्दू माह कार्तिक माह की बीज को जागरण और प्रसादी कार्यक्रम होता है,जी जिसमे समस्त बुजड राजपुरोहिट समाज के साथ साथ धवेचा राठौर परिवार के लोग भी बढ़चढ़कर हिस्सा लेते है, आज ऐसे योद्धा पूर्वज श्री फतेहसिंह जी के छतरी मन्दिर पर दर्शन करने का सोभाग्य मिला और चरणों मे धोक लगाने का लाभ मिला, जय श्री जुंजार जी बावसी, जय श्री फतेहसिंह जी जुंजार,                     ✍✍(महेन्द्र सिंह विजय सिह बुजड़ राजपुरोहित बावतरा )🙏🙏 9277771008/9982172024