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हिंदी साहित्य जगत में प्रेमचंद का आगमन एक युगांतकारी घटना है । प्रेमचंद ऐसे पहले कथाकार थे , जिन्होंने कथा का सम्बन्ध आम आदमी से जोड़ा था । उनके दुःख - दर्द और हँसी - खुशी को अपनी लेखनी की शक्ति द्वारा बड़ी सादगी , सरलता और सजीवता से व्यक्त किया था । प्रेमचंद पहले उर्दू में नबावराय के नाम से कहानियाँ लिखा करते थे । उनकी कहानियों का पहला संग्रह ' सोजेवतन ' के नाम से 1908 में प्रकाशित हुआ था । जोकि अंग्रेज सरकार द्वारा जब्त कर लिया गया था । इसके बाद वे हिन्दी में ' प्रेमचंद ' के नाम से लिखने लगे । प्रेमचंद ने अपनी कलम से हिंदी कहानियों को सजगता , सजीवता व आमजन - सी स्फूर्ति प्रदान कर उसे उस ऊँचाई तक पहुँचाना का कार्य किया कि जहाँ से होकर हिंदी कहानी की विकासधारा अपने पूर्ण वेग के साथ विविध धाराओं में बड़ी सुंदरता के साथ बह निकली ।