वार्ता:द लीजेंड ऑफ़ माइकल मिश्रा

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कल्पना ही संसार है जैसी कल्पना हमने की वही जिन्दगी हमारे सामने है हमारे विचार हमे अच्छा या बुरा बनाते है हम गलत करते है या सही कभी इसकी तरफ ध्यान नही देते

लेखिका सिमरन साडल#:::::::: Burfi films and entertainment private limited (वार्ता) 07:32, 11 अगस्त 2018 (UTC)[उत्तर दें]

तेरे बिन चाहत क्या करूं? ?? तेरे बिन शिकायत क्या करूं? ? तुम पास रहते हो तो हर गम भूल जाती हूँ तुम जरा सा दूर जाते हो तो हर गम पा आने लगता है

  1. लेखिका सिमरन साडल#::::;;;; Burfi films and entertainment private limited (वार्ता) 07:38, 11 अगस्त 2018 (UTC)[उत्तर दें]

#इन्सानियत#[संपादित करें]

कसम से सो बार मरी हूँ मै जब मैंने उस नन्ही जान को सडक पर रोते बिलखते देखा तो क्या इतना खुदगरज है आज का इसान? ? क्या उस मासूम की चीखे किसी को सुनाई नही देती??? या फिर जानबूझ कर सब अन्धे ओर बहरे हो गए? ??

लेखिका सिमरन साडल#
  1. :::: Burfi films and entertainment private limited (वार्ता) 07:46, 11 अगस्त 2018 (UTC)[उत्तर दें]

#इन्सानियत#[संपादित करें]

Burfi: Article

  1. इन्सानियत#

कसम से सो बार मरी हूँ मै जब उस नन्ही सी जान को सडक पर रोते बिलखते देखा क्या इतना खुदगरज है आज का इसान? ? किसी को कुछ दिखाई नही देता या सुनाई नही देता??? या जानबूझ कर सभी अन्धे ओर बहरे होते जा रहे हैं? ?? क्या इतने खुदगर्ज हो कि सिर्फ अपने लिए जीना चाहते हो??? किसी रोते हुए के आंसू पोंछ कर तो देखो बो करोडो दुआए दे देगा अपनो के लिए थो बहुत जी लिए जरा गैरों के लिए भी फुर्सत दे दो जरा।

  1. लेखिका सिमरन साडल#::::: Burfi films and entertainment private limited (वार्ता) 08:02, 11 अगस्त 2018 (UTC)[उत्तर दें]